माहुली जहांगिर मामले के 73 आरोपी निर्दोष बरी
साहिल डायरे की हादसे में मौत के बाद भडकी थी हिंसा
अमरावती/दि.11- समिपस्थ माहुली जहांगिर गांव में करीब 9 वर्ष पहले 12 वर्षीय शालेय छात्र की एसटी बस द्वारा कूचल दिये जाने के चलते मौत हुई थी. जिससे संपप्त हुए गांववासियों ने उग्र आंदोलन करते हुए एसटी बस की तोडफोड की थी और पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया था. ऐसे में हालात पर नियंत्रण पाने हेतु पुलिस को गोली भी चलानी पडी थी. जिसके बाद पुलिस द्वारा माहुली जहांगिर गांव में रहने वाले करीब 500 से 600 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किये गये थे. जिसमें से 73 लोगों को आरोपी के तौर पर चिन्हित किया गया था. इस मामले की अंतिम सुनवाई के बाद अमरावती जिला व सत्र अदालत ने सभी 73 आरोपियों को पर्याप्त सबूतों का अभाव रहने के चलते बाइज्जत बरी कर दिया.
बता दें कि, 25 अगस्त 2015 को माहुली जहांगिर बस स्थानक पर मोर्शी से अमरावती आ रही एसटी बस ने साहिल डायरे नामक 12 वर्षीय शालेय छात्र को कूचल दिया था. जिसके चलते साहिल डायरे की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस घटना के बाद संतप्त गांववासियों ने बस की तोडफोड करते हुए जमकर पत्थरबाजी की थी और बस को आग के हवाले कर दिया था. इस समय भिड को तितर-बितर करने हेतु पहुंचे पुलिस वालों पर भी गांववासियों ने पत्थरबाजी करते हुए अग्निशमन दल के वाहन की तोडफोड की थी. ऐसे में संतप्त भीड का हटाने के लिए पुलिस ने आसू गैस के गोले दागने के साथ ही गोलीबारी भी की थी. पश्चात इस मामले में माहुली जहांगिर पुलिस ने योगेश येवतकर, रवि पेठकर व दीपक सुरलकर सहित लगभग 500 से 600 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज करते हुए जिला अदालत में चार्जशीट पेश की थी. जहां पर दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद अदालत ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में सभी 73 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से एड. प्रशांत भेलांडे, एड. रोहित उपाध्यक्ष, एड. प्रसाद ढाकुलकर व एड. प्रवीण राउत ने पैरवी की.