मोर्शी/प्रतिनिधि दि.२ – राज्यभर में मूसलाधार बारिश के चलते मुंबई, नासिक सहित कोकण में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. सभी नदी-नाले एक होते नजर आ रहे है. वहीं मोर्शी तहसील में कम बारिश के चलते अप्परवर्धा प्रकल्प में मात्र 75 फीसदी ही जल संग्रह हो पाया है. शहर से मात्र 7 किमी की दूरी पर स्थित नल-दमयंती यह अप्परवर्धा प्रकल्प है. इस प्रकल्प की जल क्षमता 342.5 है. 31 अगस्त तक इस बांध प्रकल्प में 423.49 दलघमी जलसंग्रह है.
जुलाई व अगस्त यह दो महीने बारिश के लिए महत्वपूर्ण समझे जाते है. इन दो महीनों में यह प्रकल्प पूरी तरह से भर जाएगा ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही थी. किंतु जुलाई महीना सूखा चले जाने के पश्चात तहसील में कुछ दिनों से बादल छाए हुए है. किंतु जिस तरह से बारिश होनी चाहिए उस तरह से बारिश नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से जलसंग्रह में कमी आई है.
परिसर में आज तक कुल 545 मिली बारिश हुई. पिछले साल इस समय अप्पर वर्धा प्रकल्प 92.00 प्रतिशत पानी से भर चुका था. इस बांध प्रकल्प से अमरावती-मोर्शी शहर को जलापूर्ति की जाती है साथ ही जिले के गांव में सिंचाई के लिए भी किसानों को नहर व्दारा पानी दिया जाता है. इसी प्रकल्प के पानी के भरोसे पर मोर्शी तहसील सहित वरुड, तिवसा तहसील के किसानों का भविष्य निर्भर है. इसके लिए इस बांध में ज्यादा से ज्यादा जलसंग्रह होना आवश्यक है. किंतु बारिश के तीन महीने बीत जाने के पश्चात भी अप्पर वर्धा प्रकल्प शत प्रतिशत नहीं भरा. अब नागरिकों को वापसी की बारिश की आशा है.