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अमरावती/ दि. 11- देहातों में विद्यार्थियों के लिए शिक्षा हेतु जिला परिषद शालाएं ही पर्याय रहती हैं. जिला परिषद शालाओं की भी कायापलट हुई है. किंतु संतोषजनक विद्यार्थी संख्या रहने पर भी प्राथमिक शालाओं के 760 अध्यापक पद रिक्त रहने की जानकारी सामने आयी हैं. जिसमें उर्दू माध्यम के 82 अध्यापकों का समावेश है. एक ओर सरकार मार्डन शालाओं की घोषणा कर रही हैं. किंतु शालाओं की श्रेणी और मूलभूत सुविधाओं पर खर्च नहीं कर रही, इस तरह का आरोप किया जा रहा है.
शीघ्र भरे जाए पद
मराठी माध्यम के 678 पद रिक्त हैं. जिनकी तत्काल आपूर्ति की मांग हो रही है. शालाओं मेंं चित्रकला, खेल, कवायद, संगीत आदि के अध्यापक अलग से होते हैं. राज्य सरकार ने इन पदों की भर्ती के लिए रोक लगा रखी हैं. विशेष कोर्सेस के लिए अध्यापक नहीं मिलते हैं.
राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षा आयुक्त कार्यालय ने खास अधिकारी भी नियुक्त किए हैं. प्रदेश के सभी शिक्षा संचालक, विभागीय उप संचालक, शिक्षाधिकारी माध्यमिक और प्राथमिक एवं गट शिक्षाधिकारी, शिक्षा विस्तार अधिकारी, केन्द्र प्रमुख सभी को समय-समय पर शालाओं को भेंट देने कहा गया है. सभी विभागों मेें उन्हें दिए गये मुद्दों को 100 दिनों में क्रियान्वित करना हैं. ऐसे में अमरावती जिला परिषद की शालाओं में 760 अध्यापक पद रिक्त हैं. जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे दी जा सकेगी ? यह सवाल उठाया जा रहा है.