जिले में 770 लोगों के पास लाईसेंसी हथियार
जिलाधीश से मिलता है लाईसेंस, पुलिस से लेनी होती है एनओसी
अमरावती/दि.1 – अमरावती जिले में 770 लोगों के पास हथियारों का लाईसेंस है. इन दिनों अपनी आत्मरक्षा के लिए लाईसेंसी हथियार रखने की बजाय रुतबा और धाक दिखाने के लिए हथियार रखने वालों की संख्या बढ रही है. साथ ही हथियार रखना एक तरह से फैशन बनता जा रहा है. परंतु यह अपने आप में एक घातक प्रवृत्ति है. जिसके खिलाफ काफी कडे कायदे कानून भी है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों बंदूक व पिस्तौल का लाईसेंस प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले लोगों की संख्या अच्छी खासी है. यह बात प्रतिमाह जिलाधीश कार्यालय के पास प्राप्त होने वाले आवेदनों को देखकर कहा जा सकता है. परंतु इन आवेदनों की पडताल के बाद पुलिस से रिपोर्ट व एनओसी मिलने के बाद लाईसेंस जारी होने का प्रमाण अपेक्षाकृत तौर पर कम है. लाईसेंसी हथियार के दम पर किसी को धमकाने दहशत पैदा करने व हवा में फायर करने जैसे दुरुपयोग की भी संभावना होती है. ऐसा होने पर संबंधित व्यक्ति के हथियार का लाईसेंस जब्त करने की कार्रवाई की जाती है.
* 770 के पास लाईसेंस
जिलाधीश कार्यालय के मुताबिक जिले में 770 लोगों के पास हथियारों के लाईसेंस है. तमाम नियमों व शर्तों सहित आवश्यक दस्तावेजों की पूर्तता करने के बाद जिलाधीश कार्यालय द्बारा संबंधितों को हथियारों के लाईसेंस दिए गए है.
* प्रतिमाह मिलते हैं कई आवेदन
जिलाधीश कार्यालय के निवासी उपजिलाधीश के अख्तियार में लाईसेंस विभाग आता है. जहां पर हथियारों का लाईसेंस मिलने हेतु हर महीने अनेकों आवेदन प्राप्त होते है. जिन्हें आवश्यक जांच पडताल के बाद पुलिस विभाग के पास एनओसी व अंतिम रिपोर्ट हेतु भेजा जाता है.
* बंदूक का लाईसेंस कैसे निकालें?
बंदूक अथवा पिस्तौल जैसे हथियारों के लाईसेंस हेतु जिलाधीश कार्यालय के पास निर्धारित प्रारुप में आवेदन भरकर देना होता है. जिसकी जांच पडताल के बाद उसे पुलिस की विशेष शाखा के पास भेजा जाता है. जहां से अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद ही हथियार रखने के लिए लाईसेंस जारी होता है.
* कौन निकाल सकता है लाईसेंस?
आत्मरक्षा तथा फसलों की सुरक्षा के लिए पिस्तौल व बंदूक जैसे हथियारों का लाईसेंस दिया जाता है. ऐसे में जिन लोगों को किसी भी तरह से अपनी जान के लिए खतरा है अथवा जिन लोगों के खेतों में जंगली जानवरों द्बारा हमेशा ही उत्पाथ मचाया जाता है, ऐसे लोग हथियार रखने हेतु लाईसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते है.
* सावधानी बरतना आवश्यक
– लाईसेंसी हथियार से किसी अन्य व्यक्ति के द्बारा किसी अपराधिक वारदात को अंजाम दिए जाने अथवा उस हथियार का किसी भी तरह से दुरुपयोग किए जाने पर लाईसेंस धारक के लिए काफी समस्याएं व दिक्कतें पैदा हो सकती है. ऐसे में लाईसेंसी हथियार को संभालना भी काफी मुश्किल काम होता है.
– हथियार का लाईसेंस जिस व्यक्ति के नाम पर है, उसके लिए अपने लाईसेंसी हथियार को संभालना काफी जरुरी व महत्वपूर्ण होता है.
* जिलाधीश द्बारा हथियार के लाईसेंस देने का निर्णय लिया जाता है. जहां से आवेदक को संबंधित पुलिस घटक की विशेष शाखा के पास भेजा जाता है. यहां से आवेदक जिस पुलिस थाना क्षेत्र में रहता है. उस पुलिस थाने के पास आवेदन भेजा जाता है और संबंधित पुलिस थाने द्बारा आवेदक की पूरी जांच पडताल करते हुए अपनी रिपोर्ट अपने प्रमुख पुलिस अधिकारी के पास भेजी जाती है. इसके पश्चात यह रिपोर्ट जिलाधीश कार्यालय को सौंपी जाती है. जिसके आधार पर जिलाधीश द्बारा संबंधित व्यक्ति को हथियार का लाईसेंस देने अथवा नहीं देने के संदर्भ में निर्णय लिया जाता है.
– गोपाल उंबरकर,
पुलिस निरीक्षक, विशेष शाखा.