अमरावतीमहाराष्ट्र

तीन दशक में जिले के 7870 शिकायतों का निपटारा, 833 प्रकरण लंबित

ग्राहकों को सतर्क रहकर व्यवहार करने का आवाहन

अमरावती/दि.18– ग्राहको की जालसाजी की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग ने पिछले तीन दशक में करीबन 7870 ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा कर उन्हें न्याय दिया है. फिलहाल 833 प्रकरण लंबित है.

ग्राहको ने सतर्क रहकर व्यवहार करना चाहिए. ग्राहक सेवा में यदि त्रुटी पाई गई तो शिकायत कर आयोग से न्याय मांगना चाहिए. अत्याधुनिक युग में तकनीकी ज्ञान के जरिए ग्राहकों से धोखाधडी का प्रमाण बढता जा रहा है. इस संदर्भ में ग्राहक को जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग व सायबर पुलिस के जरिए न्याय दिया जा रहा है. आयोग के पास जिले के 8688 ग्राहको ने शिकायत की इस है. इसमें बैंक से संबंधित 849, रेलवे से संबंधित 21, एअरलाईन से संबंधित 3, बीमा कंपनी से संबंधित 1194, टेलिकाम कंपनी की 994, डाक विभाग की 196, घर से संबंधित सरकारी विभाग की 49, बिल्डर्स, सोसायटी, कंपनी की 27, महावितरण की 1818, वैद्यकीय अनदेखी की 151, गृहोपयोगी साहित्यबाबत 85, शिक्षा बाबत 110 व अन्य 3176 शिकायते आई है. शहर के ग्राहक अधिक जागरुक रहने से उनकी शिकायतों की संख्या अधिक है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में भी इस बाबत जनजागरण होना आवश्यक है. किसानों के साथ धोखाधडी न होने के लिए केंद्र शासन द्वारा ग्राहक जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है. इसमें ग्राहक सुरक्षा अभियान के तहत काम करनेवाले संगठना की भूमिका महत्वपूर्ण है. इस संगठना द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहको से धोखाधडी टालने के लिए न्यायोचित मांग के लिए प्रवृत्त करना चाहिए, ऐसा जिला शिकायत निवारण आयोग का कहना है. इस कारण ग्राहकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.

* किसी भी सामान खरीदी की रसीद मांगे
पहले पक्का बिल अथवा खरीदी की रसीद मांगने की आवश्यकता नहीं थी. क्योंकि विक्रेता और ग्राहका का एक-दूसरे पर विश्वास था. लेकिन वर्तमान स्थिति में जालसाजी टालने के लिए बिल के रुप में रसीद मांगना आवश्यक है. क्योंकि खरीदी की गई वस्तु की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही अथवा वह सदोष रही तो वस्तु खरीदी करने के सबूत के रुप में वह रसीद ग्राहक के पास रहना आवश्यक है.

* ग्राहको की शिकायतों में हुई बढोतरी
फिलहाल ग्राहको की शिकायत में बढोतरी हुई है. इस कारण सामने आकर अपने अधिकार के लिए ग्राहक सेवा में त्रुटी पाए जाने पर जिला शिकायत निवारण आयोग के पास न्याय मांगे.
– श्रीपाद कुलकर्णी, व्यवस्थापक, जिला शिकायत निवारण आयोग, अमरावती.

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