प्रतिनिधि/दि.२७
अमरावती-स्थानीय हनुमान नगर परिसर निवासी ९४ वर्षीय बुजुर्ग नागरिक ने रविवार को कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली और वे अपने पैरों पर चलते हुए अस्पताल से बाहर आये. इस समय जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम सहित अस्पताल के सभी डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ ने कोविड अस्पताल से अपने पैरों पर चलकर बाहर आते हुए इस बुजुर्ग व्यक्ति का तालियां बजाकर स्वागत किया. साथ ही उन्हें स्वस्थ व दिर्घायू जीवन की शुभकामनाएं देते हुए अस्पताल से घर जाने हेतु विदा किया. इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक हनुमान नगर निवासी ९४ वे वर्षीय वयोवृध्द नागरिक की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद उन्हें कोविड अस्पताल में भरती कराया गया था. जहां पर उनका दस दिनों तक इलाज चला. दस दिन के इलाज पश्चात तबियत में सुधार होने पर इस वयोवृध्द नागरिक को गत रोज अस्पताल से डिस्चार्ज दिया गया. हनुमान नगर परिसर निवासी यह व्यक्ति अमरावती में सबसे वयोवृध्द कोरोना संक्रमित मरीज रहा और इतनी अधिक आयु रहने के बावजूद इस व्यक्ति ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीती. यह भी अपने आप में एक बेहद शानदार उदाहरण कहा जा सकता है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, स्वास्थ्य विभाग के मूताबिक कोरोना का वायरस छोटे बच्चों व बुजुर्ग नागरिकों को ही सबसे अधिक अपना शिकार बनाता है. किंतु इस धारणा को गलत साबित करते हुए अमरावती में ९४ वर्षीय व्यक्ति ने कोरोना के खिलाफ जंग जीती. इस व्यक्ति को अस्पताल से डिस्चार्ज दिये जाते समय सीएस डॉ. निकम सहित अस्पताल के डॉक्टरों, नर्स, मेडिकल स्टाफ व स्वच्छता कर्मियों ने तालियां बजाकर अस्पताल से बाहर आते इस बुजुर्ग व्यक्ति का स्वागत किया. साथ ही उन्हें स्वस्थ व दिर्घायू जीवन की शुभकामनाएं देते हुए अस्पताल से घर जाने हेतु विदा किया.
* ११४२ मरीज हुए कोरोना मुक्त
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती में यद्यपि कोरोना संक्रमितों की संख्या १७०० के पार जा चुकी है. qकतु इसमें से ११४२ मरीजों को रविवार की शाम तक डिस्चार्ज दिया जा चुका था. यह कुल संक्रमितों की तुलना ६५.९७ प्रतिशत अनुपात है. वहीं इस समय कोविड अस्पतालों में ५४० मरीजों का इलाज चल रहा है. हालांकि इस संख्या को भी जिले के लिये चिंताजनक कहा जा सकता है, लेकिन उम्मीद जतायी जा रही है कि, ये सभी मरीज भी जल्द ही ठीक होकर कोविड अस्पतालों से डिस्चार्ज प्राप्त कर लेंगे. बता दें कि, अब लक्षण विरहित तथा सौम्य व मध्यम स्वरूप के लक्षण रहनेवाले मरीजों का चार से पांच दिन इलाज करने के बाद उन्हें अगले चार-पांच दिन स्वास्थ्य निरीक्षण के तहत रखा जाता है और कोई लक्षण नहीं पाये जाने पर उन्हें कोरोना मुक्त घोषित कर अस्पताल से डिस्चार्ज दिया जाता है. हालांकि इसके बावजूद अगले सात दिनों तक उन्हें होम कोरोंटाईन रहना पडता है.