अमरावती

म्युकर मायकोसिस के इलाज पर होता है 8 लाख का खर्च, सहायता बेहद अत्यल्प

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में कोविड मुक्त नागरिकों पर ब्लैक फंगस का खतरा

  • मरीजों के रिश्तेदार फंसे दिक्कतों में

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२८ – जिले में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का ग्राफ धीरे-धीरे कम हो रहा है. वहीं इस दौरान अब ब्लैक फंगस के रूप में एक नई महामारी का खतरा सबके सामने मंडरा रहा है. म्युकर मायकोसिस नामक इस बीमारी से पीडित मरीज के इलाज पर करीब 8 से 10 लाख रूपये का खर्च अपेक्षित होता है. इस बीमारी को सरकार द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना में शामिल किया गया है. जिसमें बेहद अत्यल्प मदद मिलेगी. इस अत्यल्प राशि से मरीज का इलाज कैसे होगा, यह सवाल संबंधित मरीजों के परिजनों को सता रहा है.
जिले में म्युकर मायकोसिस नामक फंगल इंफेक्शनवाली बीमारी का खतरा लगातार बढ रहा है और इस समय तक सरकारी व निजी अस्पतालों में 155 म्युकर मायकोसिस संक्रमित मरीज भरती हो चुके है. जिनमें से फिलहाल 52 मरीजों का इलाज जारी है. वहीं अब तक 2 मरीजों की इस संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है. ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है. इसके अलावा ईएनटी व नेत्र विशेषज्ञों के पास लगभग रोजाना ही एक-दो मरीज इस बीमारी के संक्रमण की जांच हेतु आते है. जिला सामान्य अस्पताल में इस बीमारी से पीडित पांच मरीजों की बेहद सफलतापूर्वक शल्यक्रिया की गई है. वहीं शहर के अन्य अस्पतालों में अब तक कितनी शल्यक्रियाएं हुई है, इसकी फिलहाल जानकारी उपलब्ध नहीं है. निजी अस्पतालों में इलाज के खर्च का बोझ मरीज एवं उसके परिजनों पर न पडे, इस हेतु महात्मा फुले जनआरोग्य योजना में शामिल निजी अस्पतालों को इस योजना के तहत 10 दिनों का पैकेज दिया जाता है. इस बीमारी पर जितनी रकम खर्च होती है, उसकी तुलना में योजना के तहत मिलनेवाली सहायता राशि बेहद अत्यल्प है. जिससे मरीजों के रिश्तेदारों को काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

  • दवाई और इंजेक्शन होते है काफी महंगे

म्युकर मायकोसिस पीडित मरीज के इलाज हेतु अलग-अलग तरह के 6 से 8 विशेषज्ञों की जरूरत होती है. इसके अलावा मरीज को ‘लिपोसोमल अ‍ॅम्फोटेसिमिन’ नामक इंजेक्शन के रोजाना 3 से 5 डोज लगाने पडते है और करीब 7 से 14 दिनों तक इस इंजेक्शन का कोर्स चलता है. इस इंजेक्शन का एक-एक डोज काफी महंगा होता है. इसके अलावा ‘पोसॉकोनाझील’ नामक गोली सहित अन्य कई दवाईयां भी इलाज में प्रयुक्त होती है. जिनकी कीमतें काफी अधिक होती है. इस बीमारी के संदर्भ में विगत 18 मई को सरकारी आदेश जारी हुआ. किंतु इस आदेश पर अमल करने में चार दिन बीत गये. ऐसी जानकारी योजना के समन्वयक द्वारा दी गई है.

  • योजना में इलाज हेतु 19 तरह के पैकेज

जन आरोग्य योजना में कुल 19 प्रकार के पैकेज है. जिसके तहत म्युकर मायकोसिस के लिए 30 हजार रूपये से सवा लाख रूपये तक सहायता मिल सकती है. साथ ही डेढ लाख रूपये तक का भी पैकेज है. इसके अलावा मेडिकल व इन्शुरन्स पैकेज भी है. वहीं आयुष्यमान भारत योजना अंतर्गत 5 लाख रूपये तक का इलाज किया जा सकता है. सुपर स्पेशालीटी, जिला सामान्य अस्पताल, पीडीएमसी व बेस्ट अस्पताल का इस योजना में समावेश है. सरकारी अस्पताल में मरीज को भरती करवाने पर उसे डॉक्टरों की सेवा और तमाम महंगी दवाईयां पूरी तरह से नि:शुल्क मिलती है. ऐसी जानकारी योजना के समन्वयक डॉ. सानप द्वारा दी गई है.

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