प्राणघातक हमले व हत्या के प्रयास के आरोप से 8 लोग बरी
एड. नरेंद्र दुबे की सफल पैरवी
अमरावती /दि.8– दुपहिया वाहनों के बीच हुई भिडंत के चलते हुए विवाद के बाद प्राणघातक हमला करते हुए हत्या का प्रयास करने के मामले में नामजद 8 आरोपियों को स्थानीय जिला व सत्र न्यायाधीश पी. जे. मोडक की अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया. इस मामल में आरोपियों की ओर से एड. नरेंद्र दुबे ने सफलतापूर्वक पैरवी की.
जानकारी के मुताबिक 26 अगस्त 2014 को शाम 5.30 बजे शे. मोहसीन, शे. मोईन व शे. शहजाद अपनी दुपहिया पर सवार होकर अपने घर की ओर जा रहे थे, तभी अंबागेट पर विपरित दिशा से आ रहे कुछ लोगों की मोटर साइकिल से उनकी दुपहिया की भिडंत हो गई थी. जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच विवादवाली स्थिति बन गई. तभी अन्य दिशा से और 3 मोटर साइकिल पर सवार होकर 6 से 7 लोग तलवार-चाकू व अन्य घातक हथियारों से लैस होकर आये तथा उन्होंने इन तीनों पर प्राणघातक हमला करते हुए उनके सिर, हाथ, पैर व छाती पर चाकू से सपासप वार कर उन्हें मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया. उसके बाद सभी लोग मौके से भाग गये.
पश्चात तीनों घायलों को इलाज हेतु जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर उनके द्वारा दिये गये बयान के आधार पर खोलापुरी गेट पुलिस ने भादंवि की धारा 143, 146, 147, 148, 149, 279, 294, 307, 326 व 34 तथा मपोका की धारा 135 के तहत मामला दर्ज करते हुए अमोल गवई, अजय पाटिल, अरविंद तायडे, शेखर आठवले, शिवा सरदार, विक्की बंड, पंकज नांदूरकर व संजय वरघट (सभी महाजनपुरा निवासी) को नामजद करने के साथ ही गिरफ्तार किया था तथा मामले की जांच पूरी करते हुए अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश की थी. जहां पर अभियोजन पक्ष ने कई गवाह व साक्ष प्रस्तुत किये. जिसे लेकर बचाव पक्ष द्वारा अपने युक्तिवाद किये गये. बचाव पक्ष के युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए न्या. मोडक की अदालत ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभ दिया और प्राणघातक हमले व हत्या के प्रयास के तहत दर्ज मामले से बाइज्जत बरी कर दिया. बचाव पक्ष की ओर से युक्तिवाद करने वाले एड. नरेंद्र दुबे को इस मामले की सुनवाई में एड. श्वेता आचार्य का सहयोग प्राप्त हुआ.