* रोजगार के लिए युवक कर रहे मेहनत
अमरावती/दि.31– शहर में पांच वर्षो में ऑटो रिक्शा की संख्या 5 हजार से बढकर 8 हजार से अधिक हो गई है. लगातार रिक्शा बढ रहे हैं. कहा जा रहा है कि बेरोजगारी से तंग आकर सुशिक्षित युवक भी ऑटो रिक्शा चला रहे हैं. हकीकत यह भी है कि रिक्शा चलाने के बावजूद अन्य धंधा भी करना पड रहा. महंगाई के दौर में परिवार को पालने हेतु अन्य काम करने की बात एक रिक्शाचालक ने कही.
उधर आरटीओ से प्राप्त आंकडे के अनुसार 2019 में अमरावती में 5125 रिक्शा थे. अब इसकी संख्या 8125 हो गई है. शहर में अनेक चौराहों के पास ऑटो रिक्शा खडे नजर आते हैं. उसी प्रकार रिक्शा चालकों में सवारी की भी होड रहती है. बावजूद इसके यातायात के नियम का पालन करना होता है. एक रिक्शाचालक ने बताया कि, हर माह 40-50 वाहनों की संख्या बढ रही है. अब तो इलेक्ट्रीक पर चलनेवाले रिक्शा भी तेजी से शहर की सडकों पर दौड रहे हैं.
* क्या कहते हैं रिक्शाचालक
रिक्शाचालक रमेश भैंसने ने बताया कि, हाल के वर्षो में वाहनों की संख्या बढ गई है. जिससे यात्री के लिए चालकों में होड रहती है. वे अनेक वर्षो से रिक्शा चला रहे है और परिवार का भरण-पोषण का प्रयास कर रहे हैं.
तुषार गव्हाले ने भी कहा कि, बढती संख्या के कारण रिक्शा चालकों में यात्री की खींचतान चलती है. इस व्यवसाय में भी परिश्रम करना पडता है. रिक्शा की संख्या पर मर्यादा आनी चाहिए.
अब्दुल सिद्दीक अब्दुल सत्तार ने बताया कि, रिक्शा चालकों को हर वर्ष भारी बीमा राशि का भुगतान करना पडता है. बढती महंगाई और बढती स्पर्धा के कारण रिक्शा से बडी कमाई मुश्किल हो गई है. अनेक रिक्शा चालकों ने संख्या पर अंकुश लगाने की मांग इस बातचीत में की.