अमरावतीमहाराष्ट्र

गोकुलसरा घाट से 8 हजार ब्रास रेती की तस्करी!

रोजाना 15 ट्रक रेत की होती है अवैध धुलाई

* राजस्व प्रशासन की सजगता पर सवालियां निशान
धामणगांव रेलवे/दि.5– वर्धा नदी के गोकुलसरा घाट से रोजाना रात के समय 15 ट्रकों के जरिए 50 ब्रास रेती की अवैध तरीके से धुलाई की जाती है. जिसे लेकर तहसील प्रशासन पूरी तरह से मौन है. जिसके चलते गोकुलसरा घाट से अब तक 8 हजार ब्रास से अधिक रेती की तस्करी हो चुकी है. ऐसे में तहसील एवं जिला प्रशासन की सक्रियता व सजगता पर सवालियां निशान लगते नजर आ रहे.
बता दे कि, धामणगांव रेलवे तहसील से होकर गुजरनेवाली वर्धा नदी पर आष्टा, गोकुलसरा, दिघी महल्ले, बोरगांव निस्ताने, सोनोरा काकडे, नायगांव, ईसापुर, रायपुर, कासारखेड, चिंचोली व विटाला गांव के रेती घाट आते है और इन रेती घाटों पर प्रति वर्ष बारिश के सीजन दौरान हजारों ब्रास रेती जमा होती है. परंतु बारिश का मौसम बितते-बितते इन रेती घाटों से पूरी रेत लगभग नदारद हो जाती है और गर्मियों के मौसम में तो इन रेती घाटों पर बिलकुल भी रेत नहीं रहती. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर बिना नीलामी से इन रेती घाटों की रेत कहां जाती है और इसके बारे में जिला प्रशासन व खनिकर्म विभाग के पास कोई जानकारी कैसे नहीं रहती.

* हजारों ब्रास रेत की जिम्मेदारी किस पर?
तहसील के आष्टा, वकनाथ, बोरगांव निस्ताने, चिंचोली व विटाला जैसे बडे रेती घाटों की रेत प्रति वर्ष बिना नीलामी के ही गायब हो जाती है. इसकी जिम्मेदारी किस पर होनी चाहिए, यह सवाल क्षेत्र वासियों द्वारा उठाया जा रहा है.

* जिला प्रशासन द्वारा ध्यान दिए जाने की जरुरत
गोकुलसरा घाट से रोजाना 15 ट्रक रेत की तस्करी होने की जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंचने के बाद भी अब तक एक भी वरिष्ठ अधिकारी ने इस रेती घाट को सरप्राईज विजीट नहीं दी है. जहां एक ओर राजस्व बढाने हेतु सरकार द्वारा राज्यस्तर पर प्रयास किए जा रहे है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा इसे लेकर अनदेखी की जा रही है.

* गोकुलसरा घाट से रोजाना रेत तस्करी
बारिश के मौसम दौरान धामणगांव रेलवे तहसील में सर्वाधिक रेत गोकुलसरा घाट में ही जमा हुई थी. परंतु विधानसभा चुनाव दौरान प्रशासन के निर्वाचन संबंधि कामों में व्यस्त रहने के चलते इस घाट से रेत तस्करी के मामले बढे है. साथ ही रोजाना रात 9 बजे से तडके 5 बजे के दौरान 15 से 20 ट्रक रेत की अवैध ढुलाई की जाती है. यह बात पता रहने के बावजूद जिला एवं तहसील प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा.

* जिन रेती घाटों की नीलामी नहीं हुई है उन घाटों से रेत की चोरी व तस्करी न हो इस हेतु राजस्व एवं पुलिस प्रशासन द्वारा उडनदस्ते गठित किए गए. साथ ही अब तक कई रेत तस्करों पर कार्रवाई भी की गई है. साथ ही यदि रेत तस्करी की कोई शिकायत सामने आती है, तो इसके लिए उडनदस्तों को जिम्मेदार माना जाएगा.
– तेजश्री कोरे, उपविभागीय अधिकारी, चांदुर रेलवे.

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