अमरावती /दि.21- शुक्रवार दोपहर आई बेमौसम बरसात की वजह से फसल मंडी में लगभग 7-8 हजार बोरे सोयाबीन गीला हो गया. जिससे किसानों के नुकसान का अंदेशा है. मार्केट में विक्री हेतु गत 2-4 दिनों से रोज 12-15 हजार बोरे सोयाबीन लाया जा रहा है. शुक्रवार को करीबन 20 हजार बोरे सोयाबीन की आवक हुई. खरीदीदार गिरीश अग्रवाल ने बताया कि मंडी में सोयाबीन पडा था. उसका बारिश से नुकसान हुआ है.
बता दें कि मार्केट में सोयाबीन को 5200 रुपए तक प्रति क्विंटल दाम मिल रहा है. जबकि साधारण माल की कीमत 4200-4550 रुपए दी गई. प्लांट व्दारा सोयाबीन की बडी मात्रा में खरीदी शुरु है. व्यापारियोें ने बताया कि, शुक्रवार सवेरे नीलामी पश्चात माल शेड में रखने से पहले ही बारिश शुरु हो गई. जिससे तकरीबन 30 प्रतिशत माल गीला हो गया है. उसके जाया होने का अंदेशा भी व्यक्त किया गया. प्लास्टिक पन्नी और ताडपत्री से ढके जाने से पहले ही एकाएक तेज बरसात आ गई थी.
* मंडी ने उपलब्ध करवाई तिरपाल
अडते असो. के सचिव धीरज बारबुद्धे ने बताया कि मंडी प्रशासन ने बारिश आने पर तत्काल ताडपत्री और प्लास्टिक उपलब्ध करवाया, जिससे नुकसान की मात्रा कम हो पाई. मंडी में शेड खाली रहने पर वहां किसानों का माल रखा जा सकता है. बारिश आने पर भी नुकसान नहीं होगा. किंतु फिलहाल आधे से अधिक शेड माल से भरे हैं. मंडी प्रशासन को शेड के बारे में नियंत्रण रखना चाहिए.
* 30 प्रतिशत माल भीगा
खरीदीदार असो. के राजू नांगलिया ने बताया कि, पिछले सप्ताहभर से सोयाबीन की आवक बढी है. रोज वजन के लिए रात के 9 बज रहे हैं. शुक्रवार को आवक बढ गई थी. जिससे 30 प्रतिशत माल अर्थात 7-8 हजार बोरे भीग गए हैं. उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में ताडपत्री नहीं दी गई. बता दें कि शुक्रवार दोपहर 4 बजे के बाद सहसा मूसलाधार बरसात शुरु हो गई थी. जिसने मंडी के साथ-साथ अन्य भागों में भी काफी नुकसान किया.
* मुंह तक आया निवाला छिना
एक किसान ने 15 बोरे सोयाबीन मंडी में लाया. नीलामी हो गई. वजन से पहले ही बारिश आ गई. किसान का 15 बोरे माल खुले में रखे था. उसे प्लास्टिक से ढका गया. बारिश तेज से तेज होती गई. किसान की आंखों के सामने उसका लगभग 4-5 बोरे माल बह गया. जिससे हताश किसान कभी बची हुई ढेर को देखता तो कभी ऊपर आसमान को.
* शेड खाली करवाया
मंडी सचिव दीपक विजयकर ने बताया कि बेमौसम बारिश के कारण सोयाबीन का नुकसान हुआ है. किसानों की 600-700 बोरे माल भीग गया. वहीं खरीदारों के 7-8 हजार बोरे भीग गए. शेड में किसका माल रखा है, यह जानकारी लेने 14 अधिकारियों को नियुक्त कर रात को ही शेड खाली करने कह दिया है.
* प्रवीण पोटे तुरंत पहुंचे
भाजपा शहराध्यक्ष तथा विधायक प्रवीण पोटे बारिश के कारण मंडी में रखे सोयाबीन के भीग जाने और नुकसान का समाचार मिलते ही तुरंत छाता लेकर भरी बरसात में अवलोकन के लिए पहुंचे. उनके अचानक आने से मंडी प्रशासन हिल गया था. व्यापारियों को तिरपाल और अन्य सामाग्री पटापट दी गई. पोटे ने व्यापारियों से चर्चा की. किसानों और अडते से भी उन्होंने बात की. उपरांत मंडी सभापति हरीश मोरे और मंडी अधिकारियों से मिलकर उन्होंने किसानों का नुकसान नहीं होने देने के निर्देश दिए. इसके लिए तुरंत उपाय करने कहा. अनेक पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस समय पोटे के साथ थे.
* किसानोें की खुल्लमखुल्ला लूट
मंडी ने रोज 15-20 हजार बोरे सोयाबीन आ रहा है. किंतु 4600 रुपए समर्थन मूल्य रहने पर भी 4000-4400 रुपए से माल खरीदा जा रहा है. त्यौहार को देखते हुए किसान नया माल बाजार में ला रहे हैं. किंतु व्यापारी नमी और नॉन एफएक्यू की आड में बेभाव खरीदी करने का आरोप किसानों ने किया. यह भी आरोप लगाया कि व्यापारी मिलकर रेट गिरा रहे हैं. इस बार खरीफ सीजन तीन सप्ताह विलंब से शुरु हुआ था. अगस्त माह सूखा रहने से सोयाबीन की बहार चली गई थी. उधर कलेक्टर सौरभ कटियार ने कहा कि इस बारे में वे संंबंधितों की शीघ्र बैठक लेंगे. जिले में नाफेड के जरिए सोयाबीन खरीदी शुरु करने का प्रस्ताव भेजा गया है. इस बीच जानकारों ने बताया कि सरकार ने तेल आयात शुल्क कम कर दिया है. इससे भी सोयाबीन के दाम में गिरावट आई है.