* पोषण पुनर्वास केंद्र की रिपोर्ट
अमरावती/दि.13 – जिले के तकरीबन 80 सैम कुपोषित बच्चों का उपचार चारों पोषण पुनर्वास केंद्र में किये जाने की जानकारी अधिकृत सूत्रों ने आज दोपहर दी. उन्होंने दावा किया कि, हाल के महीनों में कोई बच्चा कुपोषण से नहीं मरा है. उसी प्रकार राष्ट्रीय कार्यक्रम और निर्देशानुसार प्रत्येक तहसील में घर-घर जाकर बच्चों का स्क्रीनिंग और उन्हें जरुरी मार्गदर्शन किया जा रहा है. केवल मेलघाट ही नहीं, तो चांदूर बाजार, मोर्शी, नांदगांव खंडेश्वर जैसी तहसीलों में भी बच्चे तीव्र कुपोषित अवस्था में मिलते हैं.
* अमरावती में 17 का उपचार
एनआरसी के केंद्र संचालक डॉ. नितिन राउत ने अमरावती मंडल को बताया कि, यहां के केंद्र में पिछले माह 17 अतितीव्र कुपोषित सैम बच्चों का उपचार किया गया. 15 दिन तक यहां केंद्र में भर्ती रखकर उपचार करने के बाद दो माह का फालोअप लिया जाता है. कुछ ही बच्चे ऐसे होते है, जो उपचार को प्रतिसाद नहीं देते. फिर भी अधिकांश ठीक हो रहे हैं. वजन गेन कर रहे हैं.
* धारणी, चूरणी में भी केंद्र
धारणी, चूरणी और चिखलदरा में भी सैम बच्चों के उपचार का केंद्र उपलब्ध है. वहां 10-10 बेड रहने के साथ फिलहाल करीब 57-60 बच्चों का उपचार शुरु है. उपचार की साइकिल ढाई माह की होती है. यह जानकारी देते हुए अधिकृत सूत्रों ने बताया कि, प्रत्येक तहसील में आरबीएसके की टीम अस्पतालों और घर में जाकर बच्चों की जांच कर उन्हें दशा के हिसाब से आहार के बारे में सलाह देते हैं. सैम बच्चों को केंद्र में भर्ती होने कहा जाता है. सभी 14 तहसीलों में ऐसी टीम है. जिनमें मेडिकल ऑफिसर, दो नर्सेस आदि होते हैं. एक केंद्र में वर्षभर में 300 से अधिक कुपोषित बच्चों का उपचार किया जाता है.
* सैम और मैम बच्चे
मध्यम कुपोषित बच्चे को मैम और अधिक कुपोषित बच्चे को सैम श्रेणी में रखा जाता है. उनका 15 दिन केंद्र में उपचार होता है. 15 प्रतिशत वजन बढने के बाद केेंद्र से छुट्टी दी जाती है. अगले दो माह में 4 बार फालोअप लिया जाता है. बतायी गई दवाएं और आहार लेने के निर्देश दिये जाते है. 50 से 80 प्रतिशत बच्चे ठीक हो जाने का दावा अमरावती के जिला अस्पताल स्थित एनआरसी के डॉ. नितिन राउत ने किया.