लॉकडाउन से अमरावती की ४० फीसदी जनता पर भूखमरी
प्रशासन के अजीब आदेश पर विधायक सुलभा खोडके ने अधिवेशन में उठायी आवाज
अमरावती/दि.२– जिला प्रशासन की ओर से जल्दबाजी मे ंलगाए गए लॉकडाउन को लेकर अमरावती निर्वाचन क्षेत्र की विधायक सुलभा खोडके ने राज्य अधिवेशन के दूसरे दिन सभागृह में आवाज उठायी. विधायक सुलभा खोडके ने सभागृह का ध्यान खींचते हुए कहा कि अमरावती में लगाया गया हाल की घड़ी के लॉकडाउन से ४० फीसदी जनता पर भूखमरी की नौबत आन पड़ी है. विधायक सुलभा खोडके ने इस लॉकडाउन को लेकर अधिवेशन में नाराजगी भी जतायी.
सभागृह का ध्यान आकृष्ठ करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर एक दिन स्थानीय प्रशासन की ओर से तीन आदेश पारित कर जनता के बीच संभ्रम फैलाने का काम किया है. विधायक सुलभा खोडके ने अधिवेशन में कहा कि फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में मौसमीय बदलाव होने से अज्ञात बीमारियों से मरीजों का प्रमाण बढ गया व वे ठीक भी हो गए. इस दौरान टेस्टिंग का प्रमाण बढऩे से कोविड-१९ के लक्षण नहीं रहनेवाले लोगों की रिपोर्ट भी पॉजीटीव आने से कोरोना संक्रमितों के आंकडों में इजाफा हुआ. जिसके चलते जिला प्रशासन को बीते २० फरवरी की रात ८ बजे से २१ फरवरी की सुबह ८ बजे तक विकेंड लॉकडाउन लगाना पड़ा. जिसे अमरावती वासियों ने बेहतर प्रतिसाद दिया. हालांकि विकेंड लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने से पहले ेहीे अलग-अलग आदेश निकालकर लॉकडाउन की घोषणा की गई. रविवार २१ फरवरी की दोपहर १ बजे संभागीय आयुक्त ने अमरावती के लिए आदेश निकाला, जिसमें सुबह ९ से ५ बजे तक सभी शुरू रखने और बाद में संचार बंदी के निर्देेश दिए थे. लेकिन इसके बाद दोपहर २ बजे जिलाधिकारी ने रोजाना सुबह ८ से दोपहर ३ तक सभी शुरू रखकर दोपहर ३ के बाद जिले में संचारबंदी की घोषणा करने का आदेश निकाला. वहीं इसी दिन दोपहर ३ बजे पालकमंत्री ने जिला आपदा प्राधिकरण की बैठक लेकर ेसोमवार २२ फरवरी की रात ८ के ेबाद अचानक लॉकडाउन घोषित कर दिया. जिसमें सुबह ९ से दोपहर ३ बजे तक जीवनावश्यक सेवाएं छोडकर सभी बाजार, व्यापार व प्रतिष्ठानों को बंद रखने के आदेश दिए. वहीं यह लॉकडाउन का आदेश ८ मार्च तक बढा दिया.
एक ही दिन में लॉकडाउन को लेकर तीन आदेश निकाले जाने से नागरिकों में संभ्रम निर्माण हुआ है. अमरावती में कोरोना प्रतिबंध के लिए संपूर्ण यंत्रणाएं प्रभावीे रूप ेसे काम कर रही थीं. बावजूद इसके जिला प्रशासन ने लॉकडाउन लागू किया. लॉकडाउन का निर्णय लेते समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों व विविध संगठनाओं को भरोसे में लेना जरूरी था. बेहतर नियोजन व पर्याप्त सुविधाएं निर्माण करना आवश्यक थेा. लेकिन अमरावती में अचानक लॉकडाउन लागु किए जाने से अनेक सवालिया निशान उठने लगे है. अमरावतीे की ४० फीसदी जनता को भूखमरी का सामना करना पड़ रहा है. इस मुद्दे को लेकर विधायक सुलभा खोडके ने सभागृह में आवाज उठायी. उन्होंने कहा कि अमरावती में फिर से लॉकडाउन घोषित किए जाने से आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गयी है. यह हालात वापस पूर्व स्थिति पर आने के लिए तीन से चार महीने का अवधि लगेगा. इसे लेकर भी विधायक सुलभा खोडके ने सभागृह में खेद जताया. राज्य विधानमंडल के अर्थसंकल्पीय अधिवेशन के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कोरोना विपदा के दौर में अनेकों चुनौतियों को पार करते हुए अनेक योजनाओं के माध्यम से बेहतर कार्य करनेवाली महाविकास आघाडी सरकार का अभिनंदन किया है. राज्य सरकार की ओर से लागू किए गए पहले चरण के लॉकडाउन के बाद सरकार ने जो उपाययोजनाएं की उससे जनजीवन पटरी पर ेलौटने के लिए गति मिली. राज्य सहित अमरावती में कोरोना के खिलाफ लढ़ते हुए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, नर्स, स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा वर्कर, सफाई कामगार, जिलाधिकारी व उनके अधिनस्थ अधिकारी व कर्मचारियों ने बेहतरीन कार्य किया है.