अमरावती

८० आरओ प्लांट सील, फिर भी चोरी-छिपे चल रहा ठंडे पानी का व्यवसाय

हरित प्राधिकरण के निर्देश पर मनपा ने की थी सील करने की कार्रवाई

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२० – पीने के लिए पानी को आरओ फिल्टर करने के साथ ही ठंडा करते हुए उसे कैन व जार में भरकर बेचने का व्यवसाय विगत कुछ समय से अमरावती शहर सहित जिले में जमकर फल-फुल रहा था. किन्तु इस पानी को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एवं महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने सभी स्थानीय निकायों को ऐसे व्यवसाय तुरंत प्रभाव से बंद कराने के निर्देश दिये थे. जिसके चलते अमरावती मनपा द्वारा त्वरित कदम उठाते हुए अमरावती शहर में चलनेवाले ८० आरओ प्लांट को सील कर दिया गया, लेकिन बावजूद इसके इन दिनों कई स्थानों पर मनपा की नजर बचाकर चोरी-छिपे तरीके से आरओ वॉटर की बिक्री का व्यवसाय शुरू है. ऐसी जानकारी सामने आयी है. बता दें कि, न्यायाधीकरण द्वारा निर्गमित आदेश के अनुसार महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल, केंद्रीय भूगर्भ विभाग तथा अन्न व औषधी प्रशासन की अनुमति के बिना पीने के ठंडे पानी का व्यवसाय करनेवाले लोगों के काम को गैरकानूनी करार दिया गया और उनके प्लांट व प्रतिष्ठान को तत्काल बंद करने के निर्देश जारी किये. अमरावती मनपा क्षेत्र में कैन व जार में ठंडे आरओ वॉटर की बिक्री व निर्मिती करनेवाले करीब १०० प्लांट है. ऐसे में राष्ट्रीय हरित लवाद द्वारा जल प्रदूषण अधिनियम १९७४ तथा वायू प्रदूषण अधिनियम १९८१ के तहत जारी आदेश पर अमल करने हेतु मनपा के सभी झोन अंतर्गत स्वास्थ्य निरीक्षक व बाजार परवाना विभाग का पथक तैयार किया गया और आरओ वॉटर प्लांट को बंद करवाते हुए उन्हें सील करने की कार्रवाई शुरू की गई. जिसके तहत अब तक ८० से ९० प्लांट सील कर दिये गये है.

इस कार्रवाई के बाद ठंडे पानी कैन बिक्रेता संघर्ष समिती द्वारा कुछ जनप्रतिनिधियों का साथ व सहयोग लेते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था. जिसमें इस कार्रवाई को एकतरफा व अन्यायकारक बताया गया था. वहीं पता चला है कि, जहां एक ओर अधिकृत आरओ प्लांट मनपा द्वारा सील कर दिये गये है, वहीं मनपा के पास पंजीकृत नहीं रहनेवाले कुछ आरओ प्लांटस् द्वारा चोरी-छिपे तरीके से ठंडे पानी का व्यवसाय किया जा रहा है. जिसकी वजह से लाईसेन्सधारक आरओ प्लांट संचालकों में रोष की लहर व्याप्त है.

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