गुरूकुंज में खंडित हुई 80 वर्षों की परंपरा
बिना लाउडस्पीकर के हुई सामूदायिक ध्यान की प्रार्थना
* गुरूकुंज व मोझरी परिसर के गुरूदेव भक्तों में तीव्र नाराजगी
अमरावती/दि.6– मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर होनेवाली अजान को लेकर उपस्थित किये गये मुद्दे की वजह से अब राज्य में कई मस्जिदों के साथ-साथ मंदिरों में भी लाउडस्पीकर का प्रयोग करना टाला जा रहा है तथा कई महत्वपूर्ण मंदिरों में अब लाउडस्पीकर के बिना ही आरती व प्रार्थना की जा रही है. इसी के तहत सर्वधर्म समभाव की शिक्षा देनेवाले राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के गुरूकूंज आश्रम में महाद्वार पर लगे लाउडस्पीकर के जरिये रोजाना सुबह सामूदायिक ध्यान की प्रार्थना प्रसारित करने की परंपरा भी 80 वर्षों के इतिहास में पहली बार खंडित हुई है और रोेजाना सुबह प्रार्थना मंदिर में होनेवाला सामूदायिक ध्यान आज लाउडस्पीकर के बिना ही किया गया. जिसके चलते गुरूकुंज एवं मोझरी परिसर में रहनेवाले गुरूदेव भक्तों में तीव्र नाराजगी है.
बता दें कि, वंदनीय राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज ने समूचे विश्व को मानवता व सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया और उनके द्वारा गुरूकुंज मोझरी में स्थापित आश्रम में विगत 80 वर्षों से लाउडस्पीकर पर सामूदायिक ध्यान व प्रार्थना करने की परंपरा चली आ रही है. जिसके तहत रोजाना सुबह सामूदायिक ध्यान से पहले राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की आवाज में रिकॉर्ड भजनों व अभंगों का प्रसारण करते हुए परिसर में प्रसन्नता निर्माण की जाती है और इस परिसर सहित आसपास के परिसरों में स्थित गांवों के लोगों की सुबह सामूदायिक ध्यान व प्रार्थना से होती रही है. किंतु अब संस्थान द्वारा न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए लाउडस्पीकर का प्रयोग बंद करने का निर्णय लिया गया. जिसके चलते 80 वर्षों के इतिहास में पहली बार आज शुक्रवार 6 मई को गुरूकुंज आश्रम के प्रार्थना मंदिर में लाउडस्पीकर के बिना सामूदायिक ध्यान किया गया. जिसकी वजह से आज पूरे परिसर में अजीब किस्म की शांति फैली हुई थी. ऐसे में परिसर में रहनेवाले गुरूदेव भक्तों में काफी हद तक नाराजगी देखी गई और उनका कहना रहा कि, वे विगत कई वर्षों से अपने दिन की शुरूआत गुरूकुंज आश्रम में होनेवाले सामूहिक ध्यान से करते आये है. अत: बिना किसी शर्त के साथ राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के आश्रम में लाउडस्पीकर के प्रयोग को अनुमति दी जाये.