सासन रामापुर में 800 वर्षो की परंपरा, शिव पार्वती विवाह
चैत्र की बारस पर श्रध्दालुओं ने लिया महाप्रसाद

* सावन और चैत्र में लगता मेला
अमरावती /दि.11– दर्यापुर तहसील के सासन रामापुर ग्राम की पहचान चैत्र नवरात्रि की अष्टमी को भगवान शिव और पार्वती के परिणय से हैं. भोगेश्वर महाराज मंदिर अर्थात शिवालय में सावन सहित चैत्र माह में मेला लगता है. 800 वर्षो से परंपरा चली आने की जानकारी निवृत्ति ढोणे, उमेश ढोणे ने दी. उन्होंने बताया कि अष्टमी को शिव- पार्वती के विवाह पश्चात द्बादशी अर्थात बारस को रथयात्रा, महाप्रसाद के कार्यक्रम का आयोजन यहां किया जाता है.
सभी धर्म के लोग जुटते
गांव में सभी धर्म के लोग चैत्र उत्सव में सहभागी होते हैं. महाप्रसाद हो या अन्य कोई अनुष्ठान. सभी मिलकर काम करते हैं. जिम्मेदारी बांट लेते हैं. इससे गांव में सदैव एकता का वातावरण हैं. सभी को उत्सव में काम करने का समान अवसर मिलता है. कोई नाराज नहीं होता.
संपूर्ण ग्राम में रथयात्रा
सासन रामापुर में दोपहर के महाप्रसाद पश्चात रात्रि में रथयात्रा निकाली जाती है. बच्चे बूढे सभी उत्साह से सहभागी होते हैं. संपूर्ण ग्राम में रथयात्रा परिक्रमा करती है. अपने घर के सामने रथ के आने पर महिलाएं पूजा और आरती करती है. नारियल बधारकर सभी को प्रसाद दिया जाता है.. सावन महीने में भी यहां मेला और उत्सव होता हैं.
सासन रामापुर अमरावती से 65 किमी दूर हैं. एसटी बसों और निजी वाहनों से ग्राम पहुंच सकते हैं. गांव की जनसंख्या 2 हजार हैं.