अमरावती

नये क्रेडिट कार्ड का झांसा देकर 85 हजार की लूट

साईबर अपराधी बना रहे ग्रामीणों को निशाना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२८ – क्रेडिट कार्ड पुराना होने तथा उसके बदले में नया क्रेडिट कार्ड देने का झांसा देते हुए एक 55 वर्षीय ग्रामीण व्यक्ति के साथ करीब 85 हजार 444 रूपयों की ऑनलाईन झांसेबाजी की गई. यह घटना विगत 24 सितंबर को घटित हुई. जिसकी शिकायत मिलने के बाद वरूड पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 420 व आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया. ज्ञात रहे कि, इन दिनों ऑनलाईन ठगबाजी के अनेकों मामले सामने आ रहे है. जिनमें ठगबाजों द्वारा विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को अपना निशाना बनाया जा रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक वरूड स्थित जायंटस् चौक में रहनेवाले 55 वर्षीय व्यक्ति को विगत 24 सितंबर की शाम 6 बजे के आसपास 7861971528 मोबाईल क्रमांक से संपर्क किया गया और कॉल करनेवाले व्यक्ति ने खुद को एसबीआई का अधिकारी बताते हुए कहा कि, पुराना क्रेडिट कार्ड जल्द ही बंद हो जायेगा और छायाचित्र रहनेवाला नया क्रेडिट कार्ड बैंक द्वारा जारी किया जायेगा. साथ ही पुराने के्रडिट कार्ड की पूरी जानकारी मांगी गई. इस पर भरोसा करते हुए वरूड निवासी व्यक्ति द्वारा अपने मोबाईल पर आया ओटीपी कॉल करनेवाले व्यक्ति को बताया गया. जिसके बाद पहले उनके खाते से मैजिक ब्रिक्स रे के नाम पर 10 हजार 118 रूपये तथा बाद में फोन पे रिचार्ज मुंबई इन के नाम पर 2500 तथा 2000 रूपये की कटौती हुई. इसके बाद चौथी बार मैजिक ब्रिफ रे के नाम पर 70 हजार 826 रूपये, ऐसे कुल 85 हजार 444 रूपये ट्रान्सफर हुए. जिसके मैसेज उनके मोबाईल पर आने शुरू हुए. शुक्रवार को महज एक से डेढ घंटे के दौरान यह ऑनलाईन जालसाजी अंजाम दी गई.

  • लगातार बढ रही है घटनाएं

डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड की जानकारी को हासिल कर आर्थिक जालसाजी करने के मामले विगत छह माह के दौरान काफी अधिक बढ गये है. जिसमें कई लोगों को अब तक करोडों रूपयों का चुना लगाया जा चुका है. डेबिट व क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुराकर उसका क्लोन तैयार करने तथा कार्ड की जानकारी खाताधारक से पूछकर पैसे निकालने जैसे मामले इन दिनों काफी अधिक बढ गये है. इन साईबर अपराधियों द्वारा खुद को बैंक अधिकारी बताकर कार्ड बंद पडने का डर दिखाते हुए डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते की जानकारी पूछी जाती है और कई बार लोगबाग डर या अज्ञानता की वजह से यह तमाम जानकारियां मुहैय्या करा देते है. जिसके बाद कुछ ही समय के भीतर कार्डधारक का पुरा बैंक खाता खाली कर दिया जाता है, तब संबंधित नागरिक को अपने साथ जालसाजी होने की बात समझ में आती है और वह साईबर पुलिस थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराता है. किंतु तब तक काफी देर हो चुकी रहती है. अब तक ऐसे दर्जनों मामले सामने आये है. किंतु किसी भी मामले में कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं किया जा सका. साथ ही बहुत कम मामले में शिकायतकर्ता को उसकी रकम वापिस मिल पायी है.

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