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प्रदूषण में अमरावती सहित 9 शहर रहे असफल

17 शहरों को मिली 129.23 करोड की निधि में से केवल 42.50 करोड खर्च

अमरावती/दि.17- शहर में रहनेवाले नागरिकों को शुद्ध हवा मिले तथा हवा की गुणवत्ता में सुधार हो इस बात के मद्देनजर सरकारी स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए सतत प्रयास किए जाते है. इसके लिए नेशनल क्लिन एयर कार्यक्रम अंतर्गत राज्य के 17 शहरों को 129 करोड 23 लाख रुपए की निधि वितरित की गई थी. परंतु 4 वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद भी इसमें से केवल 32 फीसद यानी 42 करोड 50 लाख रुपए की निधि ही खर्च हुई है और शेष निधि अखर्चित पडी है. इसमें भी 10 लाख से कम जनसंख्या रहनेवाले राज्य के 9 शहरों की स्थिति बेहद विकट कही जा सकती है. जिनमें अमरावती शहर का भी समावेश है. जहां पर कुल उपलब्ध निधि में से केवल 7 फीसद निधि खर्च हुई है साथ ही सोलापुर शहर में तो केवल 3 फीसद निधि खर्च की गई है. इसके अलावा शेष 7 शहरों में केवल 25 से 30 फीसद निधि खर्च की गई है. इस बात से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित महानगरपालिकाओं में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कितनी ‘गंंभीरता’ से काम किया जा रहा है, साथ ही राज्य के पर्यावरण, वन एवं मौसम मंत्रालय व्दारा भी इस मामले को लेकर किस तरह का ध्यान रखा जा रहा है.
बता दें कि अमरावती, अकोला, चंद्रपुर, जलगांव, जालना, लातुर, कोल्हापुर, सांगली व सोलापुर इन 9 शहरों सहित मुंबई, नागपुर, नवी मुंबई, पुणे, छत्रपति संभाजीनगर, नाशिक, उल्लासनगर व बदलापुर ऐसे कुल राज्य के 17 शहरों को नेशनल क्लिन एयर प्रोग्राम अंतर्गत निधि मंजूर की गई थी. इस निधि के जरिए वायु प्रदूषण को रोकने हेतु आवश्यक उपाययोजना पर अमल करना अपेक्षित था. जिसकी जिम्मेदारी संंबंधित महानगरपालिकाओं पर सौंपी गई थी. वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 इन 4 वर्षो के दौरान राज्य के इन 17 शहरों को 129 करोड 23 लाख रुपए की निधि वितरित की गई थी. जिसमें से 42 करोड 50 लाख रुपए ही खर्च हुए. समय रहते उपायायोजना करते हुए अपने नागरिकों हेतु शुद्ध हवा उपलब्ध करवाने हेतु इस निधि का खर्च करने के लिए महानगरपालिकाओं हेतु लक्ष्य तय किए गए है. अन्यथा उन्हें अनुदान से वंचित भी रहना पड सकता है. परंतु इसके बावजूद भी इस निधि को तय समय के भीतर खर्च नहीं किया गया. विगत 4 वर्ष के आंकडों को देखते हुए पता चलता है कि 10 लाख से कम जनसंख्या रहनेवाले 9 शहरों ने औसत 29 फीसद निधि खर्च की है और इस निधि को खर्च नहीं करने तथा आवश्यक उपायो को लागू नहीं करने के चलते आगे चलकर इन महानगपालिकाओं को सरकारी निधि से वंचित रहना पड सकता है.

* क्या है केंद्र सरकार का क्लिन एयर प्रोग्राम
हरित लवाद ने पर्यावरण मंत्रालय को वर्ष 2024 तक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम अंतर्गत वायु प्रदूषण को 20 से 30 फीसद कम करने का निर्देश दिया था. जनवरी 2019 में इस पर अमल करना शुरु किया गया. इस अभियान में 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 102 शहरों का समावेश है, साथ ही इस अभियान के तहत ई-वाहनों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ विभिन्न उपाययोजन करने के भी निर्देश है.

* 10 लाख से कम जनसंख्या वाले 9 शहरों में कितने फीसद निधि खर्च
अमरावती –         7%
अकोला –            15%
चंद्रपुर –              29%
कोल्हापुर –         2%
सोलापुर –          3%
सांगली –           10%
जलगांव –          21%
जालना –           16%
लातुर –              6%

* 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में कितने फीसद निधि खर्च
पुणे –                     100%
उल्लासनगर –        97%
मुंबई –                   95%
छ. संभाजीनगर –   88%
नागपुर –               95%

* शहरों में किन कामों पर होती है निधि खर्च
– धूल वाले रास्तों पर स्वीपर मशीन के जरिए सफाई.
– चौक-चौराहों में फव्वारों का निर्माण.
– सीमेंट कॉक्रीट व डांबरी रास्तों का निर्माण
– सभी सडकों के किनारे व रिहायशी इलाकों में वृक्षारोपण.
– बायोमायनिंग के जरिए कचरे का निस्तारण.
– प्रदूषण के खिलाफ जनजागृति अभियान चलाने पर जोर.

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