अमरावती

11 माह में 9 करोड की संपत्ति जलकर खाक

अमरावती/ दि.28 – जारी वर्ष में जनवरी से नवंबर तक 11 माह के दौरान शहर में आग लगने की 394 घटनाएं घटी थी. यद्यपि ऐसी घटनाओं में सूचना मिलते ही हरकत में आकर मनपा के अग्नीशमन विभाग ने तुरंत मौके पर पहुंचते हुए आग पर काबू पाया, लेकिन इसके बावजूद भी इन अग्नीकांडों में 9 करोड रुपए से अधिक का साजो सामान व संपत्ति जलकर खाक हो गए.

11 माह में आग की 394 घटनाएं
मनपा क्षेत्र अंतर्गत 11 माह की कालावधि के दौरान अग्नीशमन विभाग के पास अग्नीकांड की घटनाओं को लेकर 394 कॉल आयी. जिसमें से 3 कॉल गैस सिलेंडर विस्फोट से संबंधित थी. अग्नीकांड की तीन घटनाओं में दमकल विभाग व्दारा 12 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया.

9,57,43,300 रुपयों का माल खाक
शहर में विगत 11 माह के दौरान घटीत 394 अग्नीकांडों में 9 करोड 57 लाख 43 हजार 300 रुपए का साहित्य व संपत्ति जलकर खाक हो गए. विशेष उल्लेखनीय है कि, अकेले मार्च माह के दौरान ही शहर में अग्नीकांड की 94 घटनाएं घटीत हुई थी.

भंगार गोदामों में सर्वाधिक आग
विगत 11 माह के दौरान अमरावती शहर में ऑक्सीजन प्लाँट सहित अन्य कई स्थानों पर आग लगने की घटनाएं घटीत हुई. जिनमें सर्वाधिक अग्नीकांड भंगार के गोदामों में घटित हुई.

30 माह में कितना नुकसान
महिना नुकसान (रुपए)
जनवरी 3,00,000
फरवरी 18,30,000
मार्च 1,10,75,000
अप्रैल 3,29,60,000
मई 16,90,000
जून 4,56,50,000
जुलाई 6,25,000
अगस्त 2,00,000
सितंबर 80,000
अक्तूबर 10,70,000
नवंबर 2,63,000

कारण एक ही, शार्टसर्कीट
शहर में अग्नीकांड की जितनी भी घटना घटित हुई, उसमें से 90 फीसदी घटनाएं शार्टसर्कीट सबसे प्रमुख वजह रहा. इस बात पर अग्नीशमन विभाग ने भी अपनी मुहर लगाई.

संपत्ति बीमा को लेकर उदासिनता
अपनी संपत्तियों की सुरक्षा हेतु बीमा निकालने को लेकर आज भी आम नागरिकों व व्यवसायियों में जागृति व सतर्कता का काफी अभाव है और इसी उदासीनता के चलते अग्नीकांड जैसी घटनाओं में संबंधितों को काफी आर्थिक नुकसान सहन करना पडता.

अग्नीशमन यंत्र जरुरी
प्रत्येक आस्थापना में अग्नीशमन यंत्र अनिवार्य तौर पर उपलब्ध रहने चाहिए. साथ ही प्रत्येक ईमारत व आस्थापना के लिए फायर एनओसी प्राप्त करना भी बेहद आवश्यक है. उसके अलावा प्रत्येक संपत्ति धारक ने अपनी संपत्ति का बीमा भी निकालना चाहिए. ताकि संभावित नुकसान से बच सके.
– स्वप्नील जसवंते, प्रभारी अभियंता, अग्नीशमन विभाग

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