अमरावती/ दि.29 – अन्न व औषधि प्रशासन व्दारा विगम पांच माह के दौरान जिले में कई रिटेल व होलसेल औषध बिक्री प्रतिष्ठानों की जांच की गई और इस दौरान नियमों व निर्देशों का उल्लंघन करने के मामले में कार्रवाई करते हुए 9 मेडिकल स्टोअर के लाइसेंस रद्द कर दिये गए. वहीं 31 मेडिकल स्टोअर के लाइसेंस निलंबित यानी सस्पेंड किये गए. इस कार्रवाई के चलते जिले के सभी मेडिकल व्यवसायियों में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त है.
बात दे कि, जिले में 2 हजार 400 मेडिकल स्टोअर्स रहने की जानकारी अन्न व औषधि प्रशासन के पास दर्ज हैं. इसमें से कुछ गिने चुने मेडिकल स्टोअर्स केवल जानवरों की दवाईयों की बिक्री होती है. अन्न व औषधि प्रशासन व्दारा इन सभी मेडिकल स्टोअर्स में समय समय पर जांच पडताल की जाती है, लेकिन इसके बावजूद कई मेडिकल स्टोअर में नियमों व निर्देशों का उल्लंघन होता है. मेडिकल स्टोअर के लिए एक सर्वसामान्य नियम है कि हर तरह की दवाई की बिक्री डॉक्टर व्दारा लिखी गई पर्ची के आधार पर ही होना चाहिए और हर मेडिकल स्टोअर में फॉर्मासिस्ट की उपस्थिति पूरा समय रहना चाहिए. इसके अलावा दवाईयों की बिक्री योग्य दामों पर यानी अधिकतम खुदरा मूल्य पर ही होनी चाहिए, लेकिन इसके बावजूद कई बार मेडिकल स्टोअर संचालकों व्दारा पहले दो नियमों की अक्सर ही अनदेखी की जाती है. जिसके चलते नियमों का उल्लंघन करते हुए डॉक्टर की पर्ची के बीना ही ग्राहकों को दवाईयां बेची जाती है. साथ ही कई बार मेडिकल स्टोेअर में फॉर्मासिस्ट उपलब्ध नहीं होता. ऐसे में अन्न व औषधि प्रशासन व्दारा ऐसे मेडिकल स्टोअर के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाती है.
जानकारी के मुताबिक जनवरी से जून माह के दौरान अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने जिले के कुल 74 मेडिकल स्टोअर की जांच पडताल की. जिसमें से केवल 6 मेडिकल प्रतिष्ठानों में ही सभी नियमों का पालन होता पाया गया. वहीं 68 मेडिकल प्रतिष्ठानों में नियमों के पालन को लेकर त्रुटी पायी गई. ऐसे में 9 मेडिकल स्टोअर संचालकों के लाइसेेंस को स्थायी तौर पर रद्द कर दिया गया. वहीं 31 मेडिकल स्टोअर के लाइसेंस को कुछ दिनों के लिए निलंबित किया गया. इसके अलावा 28 मेडिकल व्यवसासियों को नोटीस जारी की गई. इस कार्रवाई के चलते अमरावती शहर सहित जिले के मेडिकल व्यवसायियों में जमकर खलबली मची हुई है.
इन मेडिकल स्टोअर के लाइसेंस हुए रद्द
मातोश्री डिस्ट्रीब्युटर्स, राजकमल चौक
अमरावती मेडिकल, राजापेठ
अजय मेडिकल, चपराशीपुरा
शोएब मेडिकल एण्ड जनरल स्टोअर, मुल्लापुरा
जीण मेडिकल, परतवाडा
नवाज मेडिकल, खोलापुर
अल इबाद मेडिकल, बाभली (दर्यापुर)
कनदारी बाबा मेडिकल, हरिसाल (धारणी)
किशोर मेडिकल, नांदगांव खंडे.
डॉक्टर की चिठ्ठी के बीना दवाओं की बिक्री करने, मेडिकल स्टोअर में फॉमासिस्ट के गैर हाजिर रहने तथा कुछ दिनों के लिए मेडिकल का लाइसेंस निलंबित किये जाने के बावजूद मेडिकल स्टोअर शुरु रखते हुए दवाईयों की बिक्री करने एवं ग्राहकों को दवाईयों का बिल नहीं देने जैसे मामलों के चलते जिले के 9 मेडिकल व्यवसायियों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया. साथ ही कुछ मेडिकल व्यवसायियों के लाइसेंस अस्थायी तौर पर सस्पेंड करते हुए कुछ को नोटीस दी गर्ई है.
जिन मेडिकल स्टोअर का लाइसेंस रद्द किया गया है, उन्हें 90 दिन के भीतर राज्यमंत्री के पास अपील करनी होगी. इसके उपरांत राज्यमंत्री व्दारा जिले के अपना निर्णय दिया जाता है. वहीं यदि राज्यमंत्री के पास अपील नहीं की गई, तो संबंधित मेडिकल व्यवसायी को हाईकोर्ट में अपील करनी पडती है. अन्यथा उसके लाइसेंस का नूतनीकरण खतरे में पड सकता है.