अमरावतीखेल

राष्ट्रीय शालेय क्रीडा स्पर्धा से हटाया गया 9 खेलों को

एसजीएफआई की घोषणा से खिलाडी व क्रीडा शिक्षक संभ्रम में

अमरावती /दि.12– स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया द्बारा 67 वीं शालेय राष्ट्रीय क्रीडा स्पर्धा का कैलेंडर घोषित किया जा चुका है. जिसमें से 9 क्रीडा प्रकारों को राष्ट्रीय शालेय स्पर्धा में शामिल ही नहीं किया गया. जिसके चलते संबंधित खेलों के खिलाडी तथा क्रीडा संगठन संभ्रम में है.
बता दें कि, 9 अगस्त 2023 के पत्रानुसार 41 खेलों व क्रीडा प्रकारों को राष्ट्रीय शालेय क्रीडा स्पर्धा तथा राज्य सरकार ने 49 में से 46 अनुदानित व 42 बिना अनुदानित खेल व क्रीडा स्पर्धाओं के आयोजन को मान्यता दी है. परंतु अनुदानित में शामिल रहने वाले 9 खेलों की राष्ट्रीय शालेय स्पर्धा के आयोजन को ही रद्द कर दिया गया. वहीं दूसरी ओर राज्य के क्रीडा व युवक सेवा संचालनालय ने भी जिला, विभाग व राज्यस्तरीय शालेय क्रीडा स्पर्धा की समय सारणी घोषित की है. जिसमें राष्ट्रीय शालेय क्रीडा स्पर्धा से हटाए गए 9 खेलों की राज्यस्तर तक क्रीडा स्पर्धा लेने की बात कहीं गई है. उल्लेखनीय है कि, राज्यस्तरीय स्पर्धा में पदक प्राप्त करने वाले खिलाडी विद्यार्थियों को सहुलियत के 25 अंक तथा राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक प्राप्त करने वाले खिलाडियों को सहुलियत के 30 अंक प्रदान किए जाते है. यानि इन 9 खेलों में राज्यस्तर पर पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी यद्यपि गुणवत्तानुसार राष्ट्रीयस्तर की शालेय स्पर्धा के लिए प्राप्त साबित होते है. परंतु राष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धा ही नहीं होने के चलते उन्हें इसका कोई लाभ नहीं होगा. इसके अलावा राज्य एवं राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक प्राप्त करने वाले खिलाडियों को सरकारी नौकरी में 5 फीसद आरक्षण देने का नियम है. परंतु राज्य एवं राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए अलग-अलग नियम रहने के चलते इन खेलों के खिलाडियों को प्रत्यक्ष नौकरी हासिल करते समय कई तरह की तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पडेगा.

* इन खेलों को किया गया रद्द
रद्द किए गए खेलों में रोल बॉल, सिकई मार्शल आर्ट, थ्रो बॉल, डॉस बॉल, टेनिक्वाईट, शूटींग बॉल, बॉल बैंडमिंटन, आट्या पाट्या व कैरम इन खेलों का समावेश है.

* एसजीएफआई को राष्ट्रीय शालेय क्रीडा स्पर्धा की नीति तय करते समय सभी राज्यों का विचार करना पडता है. शायद इसी वजह से 9 खेलों को राष्ट्रीय शालेय क्रीडा स्पर्धा से हटाया गया है. ऐसे में इन खेलों के खिलाडियों को राज्यस्तरीय स्पर्धा तक निश्चित लाभ मिलेगा.
– डॉ. सुहास दिवसे,
आयुक्त, क्रीडा व युवक सेवा संचालनालय (महाराष्ट्र)

* शालेय राष्ट्रीय क्रीडा स्पर्धा के आयोजन में 9 खेलों को शामिल ही नहीं किया गया है. जिसके चलते इन खेलों की क्रीडा स्पर्धाओं के राज्यस्तर पर आयोजन व नियोजन का कोई औचित्य ही नहीं है, ऐेसे में क्रीडा व युवक सेवा संचालनालय ने इन खेलों के आयोजन को रोकने का आदेश देना चाहिए.
– शिवदत्त ढवले,
अध्यक्ष, महाराष्ट्र ओलिम्पिक संगठन

* 9 खेलों के खिलाडियों को राष्ट्रीय क्रीडा स्पर्धा से अलिप्त रखने के संदर्भ में एसजीएफआई का निर्णय खेल भावना के अनुरुप नहीं है. महाराष्ट्र ओलिम्पिक संगठन तथा एसजीएफआई में आपसी समन्वय रहना बेहद जरुरी है.
– नितिन चव्हाले,
सचिव, शारीरिक शिक्षा विषय समिति, अमरावती.

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