नेत्रप्रत्यारोण से 91 अंधेरे जीवन में फैली रोशनी
अमरावती/दि.10– जिले में 1 अप्रैल 2021 से 31 मई 2023 तक 2 वर्ष 2 माह के दौरान 91वें नेत्रप्रत्यारोण शल्यक्रियाएं जिला समान्य अस्पताल में हुई. इन शल्यक्रियाओं के चलते पैदाईशी अंधकारमय जीवन जी रहे लोगों के जीवन में दृष्टि की रोशनी फैली. वहीं इसी कालावधि के दौरान 162 नागरिकों का मरणोपरांत नेत्रदान किया गया.
उल्लेखनीय है कि प्रकृति ने इंसानों को पैदाइशी तौर पर कुछ बेहद दुर्लभ विशेषताएं प्रदान की है. जिसमें से एक आंखों की रोशनी है. लेकिन कुछ लोग विविध कारणों के चलते इस सुख से वंचित रहते हैं. वहीं आंखों की रोशनी रहनेवाले लोग अपनी मृत्यु के पश्चात अपनी आंखें दान करते हुए, दृष्टिहीन व्यक्ति के जीवन में उजाला भर सकता है. इसके लिए विगत 1 वर्ष के दौरान जिले में 343 नागरिकों ने मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लिया है.
* एक व्यक्ति के दान से दो लोगों को मिलती है रोशनी
एक व्यक्ति के मरणोपरांत नेत्रदान की वजह से दो लोगों को आंखों की रोशनी मिलती है. जिसके चलते वे भी जीवन का आनंद ले सकते हैं. ऐसे में नेत्रदान के लिए समाज में जनजागृति करना बेहद जरुरी है.
162 नागरिकों ने विगत दो वर्षो में किया नेत्रदान
* नेत्रप्रत्यारोपण व वर्ष
सरकारी अस्पताल में नेत्रप्रत्यारोपण व शल्यक्रिया
1 अप्रैल 2023 से
*नेत्रदान व वर्ष
सरकारी आयबैंक में हुए नेत्रदान
1 अप्रैल 2023 से
* 14 माह में 5743 मोतियाबिंदु शल्यक्रियाएं
जिला सामान्य अस्पताल में 1 अप्रैल 2022 से 31 मई 2023 इन 14 माह की कालावधि के दौरान 5743 नागरिकों की मोतियाबिंदू शल्यक्रिया की गई. ऐसी जानकारी जिला अस्पताल प्रशासन व्दारा दी गई है.
* नेत्रदान यह सही मायनों में श्रेष्ठदान है
अपनी मृत्यु के पश्चात अपनी आंखें किसी के अंधेरे जीवन में रोशनी फैलाने का काम कर सकती है. ऐसे में नेत्रदान को लेकर आम जनमानस में जनजागृति करना मौजूदा समय की जरुरत है.
-डॉ. संतोष भोंडवे,