* 1.30 लाख संपत्तिधारकों ने नहीं लगाया था टैक्स
अमरावती/दि.29- मनपा के पास दर्ज 94 हजार संपत्ति धारकों ने पुराने निर्माण कार्य पर नया निर्माणकार्य करने की बात हाल ही में किए गए सर्वे और मूल्यांकन में सामने आई है. मनपा से जितने निर्माण कार्य की अनुमति ली गई थी, उससे ज्यादा निर्माण कार्य किया गया. इन संपत्तियों का सर्वे नहीं होने से अब तक उन्होंने किए अतिरिक्त निर्माणकार्य पर टैक्स लगाया ही नहीं गया था. इसलिए अब उनपर नए से टैक्स लगाया जाएगा.
मनपा के मूल्यांकन में कुल 3 लाख 1 हजार 109 संपत्ति पाई गई. पहले मनपा के पास 1 लाख 60 हजार संपत्तियां दर्ज थी. नए से 1 लाख 30 हजार संपत्तियों पर टैक्स लगाया नहीं गया था. संपत्ति टैक्स वृद्धि के मुद्देपर फिलहाल शहर में राजनीति गरमाई है. पहले शिवसेना ने आंदोलन किया और अब आज कांग्रेस मैदान में उतरी है. इसलिए अब फिरसे यह मुद्दा गरमाने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. वहीं मनपा आयुक्त टैक्स वृद्धि का समर्थन कर रहे है. क्योंकि मनपा की आय का संपत्ति कर ही मुख्य स्त्रोत है. इस पर ही शहर का विकास निर्भर होता है. सर्वे और मूल्यांकन के पूर्व मनपा को साल में 47 करोड रुपए संपत्ति कर मिलता था, इसमें भी बडे पैमाने पर टैक्स बकाया रहता था. लेकिन अब संपत्ति कर से 150 करोड रुपए मनपा की आय होगी.
* अमरावती मनपा में कम टैक्स
राज्य के अन्य महापालिका सहित नगर परिषदों की तुलना में अमरावती महापालिका द्वारा वसुला जाने वाला टैक्स दर कम है. टैक्स में 18 सालों के बाद बढोतरी की गई है. अब तक 90 रुपए स्क्वेयर फीट नुसार टैक्स वसुल किया जाता था, और अब यह बढकर 225 रुपए स्क्वेयर फीट हो गया है. इसलिए नागरिकों को टैक्स ज्यादा बढ गया है, ऐसा लग रहा है, यह प्रतिक्रिया मनपा प्रशासन द्वारा व्यक्त की गई.
* संपत्तिधारकों में रोष
मनपा ने 18 वर्षों से सुधारित टैक्स लागू किया नहीं. लेकिन अब बडे पैमाने पर टैक्स बढाकर इसका बोझ संपत्तिधारकों पर डाला जा रहा है. हर पांच साल में टैक्स बढाया गया होता तो नागरिक आपत्ति नहीं जताते, लेकिन अचानक दोगुना से अधिक टैक्स बढाने से संपत्तिधारकों में रोष निर्माण हो गया है. यह मनपा ही गलती है, ऐसी भावना लोगों में निर्माण हो गई है.