अमरावती

प्रकल्पग्रस्तों के लिए 950 करोड रुपए की आवश्यकता

जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल ने कहा

अमरावती/ दि.28 – राष्ट्रवादी कांगे्रस के सुप्रिमो शरद पवार की सूचना पर यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान केंद्र मुंबई में राज्य के जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल की अध्यक्षता में विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की बैठक ली गई थी. जिसमें प्रकल्पग्रस्तों के लिए 950 रुपए करोड की आवश्यकता होगी ऐसा राज्य के जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल ने कहा. बुधवार को आयोजित इस बैठक में मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे, विधायक प्रताप अडसड, पूर्व जिप अध्यक्षा सुरेखा ठाकरे व मंत्रालय के मुख्य सचिव सहित विविध विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बैठक में सिंचाई प्रकल्पों को लेकर व प्रकल्पग्रस्तों को नौकरी दिए जाने के संदर्भ में सविस्तार चर्चा की गई. जिसमें किसानों से प्रकल्प के लिए सिधी की गई जमीन खरीदी में किसानों पर अन्याय हुआ यह जयंत पाटिल ने मान्य किया और इन्हें भरपाई स्वरुप 950 करोड रुपए की आवश्यकता होगी ऐसा कहा.
प्रकल्पग्रस्तों को न्याय दिए जाने की सांसद शरद पवार की इच्छा है ऐसा जयंत पाटिल ने बैठक में कहा, और 15 दिनों के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए. प्रकल्पग्रस्त बेरोजगारो को सरकारी व अर्धसरकारी सेवा में समाविष्ठ करने की जवाबदारी शासन की है ऐसा बैठक में मान्य किया गया. प्रकल्पग्रस्तों को सहज नौकरी उपलब्ध हो इसके लिए प्रकल्पग्रस्तों का समानता आरक्षण 5 फीसदी से 20 फीसदी तक बढाए जाने पर भी सहमती दर्शायी गई और इस संदर्भ में प्रस्ताव भिजवाने के निर्देेश दिए गए. विदर्भ के प्रकल्पग्रस्तों को न्याय दिया जाए ऐसी मांग विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति व्दारा की गई थी. जिसमें 4 मार्च से अमरावती में अनशन शुरु किया गया.
16 मार्च को मंत्रालय में राज्य के जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल, जिले की पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, पूर्व जिप अध्यक्षा सुरेखा ठाकरे व समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक की गई थी. बैठक में किसी प्रकार का निर्णय न होने की वजह से प्राणाकिंत अनशन वापस लेकर श्रृंखलाबद्ध अनशन की शुरुआत की गई थी यह आंदोलन 38 दिनों तक चला. 10 अप्रैल को अमरावती दौरे पर आए सांसद शरद पवार से प्रकल्पग्रस्त समिति व्दारा समस्या का निराकरण करने की मांग की गई. जिसमें शरद पवार ने समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया था. आंदोलन स्थल को मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने भी भेंट दी थी और अनशन छुडवाया गया था.
उसके पश्चात यशवंत चव्हाण प्रतिष्ठान मेें बैठक का आयोजन जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल की अध्यक्षता में किया गया था. जिसमें प्रकल्पग्रस्तों की समस्याओ को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए. बैठक में समिति की ओर से जेष्ठ मार्गदर्शक प्रा. साहबराव विधले, अध्यक्ष मनोज चव्हाण, उपाध्यक्ष माणिकराव गंगावणे, राजाभाउ काले, शिवदास ताठे, गौतम खंडारे, रमाकांत अहिरराव, विकास राणे, बाबूसिंह पवार, अनिल मुडे, विजय दुर्गे, मोहन गहुले, संजय गिद, मनोज तायडे, अशेाक गावंडे, गौतम दोधुल, अजय भोयर, अनिल वाघमारे, विकास भुजबल, मनोज पुनसे उपस्थित थे.

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