पारिवारिक न्यायालय में बीते वर्ष निपटे 963 मामले
अमरावती/दि.3 – इन दिनों समाज में पारिवारिक विवादों का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. जिसके चलते पारिवारिक न्यायालयों में बडे पैमाने पर मामले में दाखिल हो रहे है. वर्ष 2023 के प्रारंभ में स्थानीय पारिवारिक न्यायालय में 1,797 मामले प्रलंबित थे तथा गत वर्ष जनवरी से दिसंबर माह की कालावधि के दौरान 926 नये मामले भी दाखिल हुए. वहीं इस दौरान कुल 963 मामलों का निपटारा भी किया गया. यह सभी मामले अमरावती के पारिवारिक न्यायालय के कार्यक्षेत्र यानि अमरावती शहर व अमरावती तहसील क्षेत्र से संबंधित है.
उल्लेखनीय है कि, पारिवारिक न्यायालय में आने वाले मामलों को संभालते समय काफी हद तक संवेदनशीलता बरतनी पडती है, ऐसे मामलों में न्यायालय द्वारा प्रमुख रुप से आपसी समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया जाता है. जिसके लिए वादी व प्रतिवादी पक्ष को विवाह समूपदेशक के पास समूपदेशन हेतु भेजा जाता है और समूपदेशन के जरिए दोनों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें अलग होने की बजाय साथ रहने के संदर्भ में समझाने को लेकर जोर दिया जाता है. वहीं जिन मामलों में आपसी समन्वय स्थापित नहीं होता, ऐसे मामलों का साक्ष व सबूतों के आधार पर निपटारा किया जाता है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2023 के दौरान स्थानीय पारिवारिक न्यायालय में कुल 51 मामलों में आपसी विवाद को हल करते हुए संबंधित जोडों के घर-संसार को दुबारा शुरु करने में सफलता मिली. इन 51 मामलों में से 35 मामलों में न्यायालयीन कामकाज व समूपदेशन के जरिये समन्वय स्थापित किया गया. वहीं 16 मामलों में सालभर के दौरान हुई लोक अदालतों में संबंधित पक्षकारों ने दुबारा एकसाथ रहने पर अपनी सहमतिवाला निर्णय दिया.
इसके अलावा वर्ष 2023 के दौरान वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना करने, विवाह रद्द करने व तलाक से संबंधित कुल 583 मामलों को हल किया गया, ऐसे मामले में महिलाओं की दृष्टि से उदरनिर्वाह की समस्या हल होना बेहद महत्वपूर्ण रहता है. जिसे ध्यान में रखते हुए वर्ष 2023 के दौरान खावटी मंजूर करने व खावटी वसूल करने से संंबंधित 171 मामलों का निपटारा किया गया. साथ ही 5 वर्ष से अधिक पुराने 101 मामलों को भी निपटाया गया.
पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश आर. आर. पोंदकुले को इस काम में विवाह समूपदेशक एस. एन. तेलरांधे, न्यायालयीन व्यवस्थापक धनंजय क्षिरसागर एवं सभी न्यायालयीन कर्मचारियों सहित वकील संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों का बेहतरीन सहयोग मिला. साथ ही पारिवारिक न्यायालय में नये सिरे से शुरु की गई ई-फाइलिंग की प्रक्रिया को भी वकीलों एवं पक्षकारों का बेहतरीन प्रतिसाद मिल रहा है.