अमरावती

अप्पर वर्धा प्रकल्प में 98.52 प्रतिशत जलसंग्रह

संभाग के अप्पर वर्धा समेत 25 प्रकल्पों के खुले गेट

अमरावती/दि.23 – सितंबर माह में आयी मुसलाधार बारिश के चलते संभाग के सभी प्रकल्प लबालब भरे है. अमरावती संभाग में 9 बडे प्रकल्पों समेत 25 मध्यम और 477 लघु प्रकल्प है. यह सभी प्रकल्प पानी से लबालब हुए हैं. संभाग के अप्पर वर्धा प्रकल्प में 98.52 प्रतिशत जलसंग्रह होने से इस प्रकल्प के तीन गेट 65 सेंटीमीटर से खोले गए हैं. वर्धा नदी के तड पर स्थित गांववासियों को सतर्क किया गया है. अमरावती शहर की प्यास बुझाने वाले तथा किसानों के लिए वरदान रहने वाले अपर वर्धा प्रकल्प में 98.52 प्रतिशत जलसंग्रह हुआ है. बल्कि सभी बडे प्रकल्पों में 93.66 प्रतिशत जलसंग्रह हुआ है. बुधवार की शाम जिले में कई जगह पर झमाझम बारिश होेने के कारण जलप्रकल्पों का जलस्तर में वृध्दि हुई है.
सितंबर माह में लगातार बारिश होने से संभाग के पांचों जिलों के जल प्रकल्पों के जलसंग्रह में बढोत्तरी हुई है. नदी नालों में काफी जलसंग्रह हुआ है. जिसकी वजह से पिछले कुछ दिनों से प्रकल्पों के दरवाजेे खोलन की नौबत आयी है. संभाग के 9 बडे जलप्रकल्पों में 22 सितंबर की सुबह 7 बजे तक 93.66 प्रतिशत जलसंग्रह होने की जानकारी विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल, नागपुर की ओर से दी गई थी. यवतमाल के पुस प्रकल्प 100, अरुणावती प्रकल्प में 99.0 प्रतिशत जलसंग्रह हुआ है.
संभाग के बडे, मध्यम व लघु प्रकल्प मिलाकर 511 जल प्रकल्प हैं. इनमें प्रकल्पीय संकल्पित उपयुक्त जल क्षमता 3283.60 दलघमी है. 22 सितंबर तक इनमें 2864.82 दलघमी जलसंग्रह यानी 87.25 प्रतिशत जलसंग्रह रहने की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई थी. लेकिन बीते कुछ दिनों हुई बारिश के चलते बडे प्रकल्प समेत मध्यम व लघु प्रकल्पों के जलसंग्रह में बडी मात्रा में वृध्दि हुई है.
लगातार बारिश होने के चलते संभाग के 7 बडे व 18 मध्यम प्रकल्पों में बडी मात्रा में जलसंग्रह बढने से इन प्रकल्पों के दरवाजें खोले गए. जिसमें पुस प्रकल्प, यवतमाल के बेंबला प्रकल्प के दो गेट, काटेपूर्णा के दो गेट और खडकपूर्णा प्रकल्प के 7 गेट 10 सेंटीमीटर से खोले गए है. इसके अलावा अन्य 16 प्रकल्पों के गेट भी खोले जाने की जानकारी है. बल्कि मध्यम प्रकल्पों में पूर्णा, अधरपुस, सायखेडा, वाघाडी, बोरगांव, निर्गुणा, घुंगशी बैरेज, एकबुर्जी, कोराडे, उतावली प्रकल्प के भी दरवाजे खोले गए है.
बारिश ने ब्रेक देने के बावजूद भी संभाग के सभी प्रकल्पों के जलसंग्रह में वृध्दि हुई है. जिससे पेयजल के साथ ही सिंचाई की जरुरत को भी पूरा करने में योगदान देने वाले बडे 9 प्रकल्पों में बडी मात्रा में जलसंग्रह में इजाफा हुआ है. जिसमें अमरावती के उर्ध्व वर्धा, यवतमाल के पुस, अरुणावती और बेंंबला, अकोला के काटेपूर्णा, वान समेत बुलढाणा जिले के नलगंगा, पेनटाकली और खडकपूर्णा प्रकल्प का समावेश है. उर्ध्व वर्धा 98.52, पुस प्रकल्प 100, अरुणावती 99.08, बेंबला 91.72, काटेपूर्णा 99.48, वान 95.13, नलगंगा 63.23, पेनटाकली 59.85 और खडकपूर्णा प्रकल्प का जलसंग्रह 89.73 प्रतिशत भरा है.
संभाग के 25 मध्यम प्रकल्पों में भी बडी मात्रा में जलसंग्रह बढा है. फिलहाल इन प्रकल्पों में 87.37 फीसदी जलसंग्रह हुआ है. बुधवार की सुबह 7 बजे तक 87.37 प्रतिशत इतना जलसंग्रह बढ गया. इन प्रकल्पों में अमरावती के शहानुर, चंद्रभागा, पुर्णा, सपन, पंढरी, यवतमाल के अधरपुस, सायखेडा, गोकी, वाघाडी, बोरगांव, नवरगांव, उमा, घुंगशी बेैरेज, वाशिम जिले के एकबुर्जी, बुलढाणा जिले के ज्ञानगंगा, पलढग, मस, कोराडी, मन, तोरणा व उतावली प्रकल्प का समावेश है. संभाग में 477 लघु प्रकल्प है. इन लघु प्रकल्प में भी जलसंग्रह बडी पैमाने पर बढ गया है और हाल की घडी में 79.36 प्रतिशत जलसंग्रह हो गया है. सितंबर माह में हुई मुसलाधार बारिश ने बैकलॉग पूरा किया है. सभी प्रकल्पों में बडे मात्री में जलभंडारण हुआ है.

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