अमरावतीमहाराष्ट्र

धारणी बाजार की भीड में खोई 4 वर्षीय बालिका को सकुशल लौटाया मां के पास

धारणी बस स्टैंड के नियंत्रक अर्जुन लहाने ने दिखाई सतर्कता

धारणी /दि.13– मेलघाट में आदिवासियों का सबसे बडा त्यौहार होली रहता है. रोजगार की तलाश में बाहरगांव गये आदिवासी होली के पर्व पर वापिस अपने गांव लौट आते है. इस कारण इस पर्व पर धारणी शहर के बाजार में भारी भीड रहती है. 12 मार्च को एक 4 वर्षीय बालिका अपने मां के साथ होली की खरीददारी के लिए धारणी शहर आयी थी और भीड में वह मां से बिछड गई. वह अकेली ही बस स्टैंड पर पहुंच गई थी. भाग्यवश वहां ड्यूटी पर तैनात मुख्य यातायात नियंत्रक अर्जुल लहाने की नगर इस बालिका पर पडी. उन्होंने तत्काल उसकी देखरेख की और धारणी पुलिस को सूचित किया. पुलिस उपनिरीक्षक सतीश झाल्टे तत्काल बस स्टैंड पहुंचे और सोशल मीडिया के माध्यम से इस मासूम की मां को खोजकर बालिका को सकुशल उसके हवाले कर दिया.
बच्ची की मां धारणी तहसील की निवासी है और बुधवार को होली की कुछ खरीददारी करने के लिए मां अपनी बच्ची और बच्ची की मौसी के साथ आयी थी. धारणी बस स्टैंड के सामने निजी बस से उतरने के बाद तीनों नाश्ता करने के लिए चली गई. इस दौरान धारणी बस स्टैंड क्षेत्र में भारी भीड थी. तभी भीड में अनजाने में बच्ची का हाथ अपनी मां के हाथ से छूट गया और वह रास्ता भटक गई. छोटी बच्ची अपनी मां को ढुंढते हुए रोती हुई बस स्टैंड परिसर में आ गई. बच्ची रोते हुए अपनी मां को ढुंढ रही थी, तभी ट्रैफिक कंट्रोलर अर्जुन लहाने की नजर उस पर पडी. वहाने ने बच्ची से उसका नाम, गांव और मां का नाम पूछा तो बच्ची ने सिर्फ अपना नाम बताया. गांव का नाम बच्ची नहीं बता सकी. इस कारण के चलते लहाने ने बच्ची को पानी व लस्सी पिलाई और उसे बिस्किट का पैकेट देकर किसी तरह से उसे संभाला और धारणी पुलिस को इसकी जानकारी दी. जानकारी मिलते ही धारणी पुलिस थाने के पीएसआई सतीश झाल्टे तत्काल बस स्टैंड पर पहुंचे.
पुलिस ने बस स्टेशन पर पूछताछ कक्ष में लडकी के लापता होने के बारे में हिंदी और आदिवासी भाषाओं में बार-बार घोषणा की. साथ ही लापता लडकी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर तुरंत धारणी बस स्टेशन के पूछताछ कक्ष से संपर्क करने की अपील की गई. उसके बाद यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई. सौभाग्य से जिस गांव में लडकी रहती है, वहां से दो युवक धारणी शहर में थे. युवकों ने यह पोस्ट देखी तो उसकी मां को फोन कर बस स्टेशन परिसर में भेज दिया. थोडी देर बाद दोनों युवक भी वहां आ गए. जब मां अपनी मौसी के साथ बस स्टैंड पर पहुंची तो पुलिस ने बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया. अन्यथा होली की भीड में अगर लडकी गलत हाथों में पड जाती तो बडी दिक्कत हो सकती थी. यातायात नियंत्रक अर्जुन लहाने और पीएसआई सतीश झाल्टे का चहुंओर से अभिनंदन किया जा रहा है, क्योंकि दोनों की सजगता से बच्ची के साथ होने वाली संभावित बडी घटना टल गई.

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