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ढाई घंटे के संक्षिप्त दौरे में लिया विविध कामों, जरूरतों व सुविधाओं का जायजा
अमरावती/दि.२६ – इस समय समूचे राज्य में कोरोना का जबर्दस्त हाहा:कार जारी है, लेकिन अन्य जिलों की तुलना में अमरावती जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या और मृत्युदर काफी कम है. यह एक तरह से राहतवाली बात है. लेकिन इसके बावजूद यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढती संख्या को देखते हुए जिला स्टेडियम पर जल्द ही ४०० बेड का जम्बो कोविड अस्पताल शुरू किया जायेगा. इस आशय की घोषणा राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन मंत्री राजेश टोपे द्वारा की गई.
बता दें कि, गत रोज स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे अपने संक्षिप्त दौरे के तहत अमरावती आये थे और उन्होंने जिलाधीश कार्यालय के नियोजन भवन में पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर सहित जिलाधीश शैलेश नवाल व जिला शल्य चिकित्सक श्यामसुंदर निकम तथा जिला एवं स्वास्थ्य प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. जिसमें उन्होंने जिला, मनपा व स्वास्थ्य महकमे द्वारा अब तक किये गये कामोें का ब्यौरा हासिल करने के साथ ही इस समय चल रहे कामों और काम करने के दौरान सामने आ रहीं दिक्कतों व जरूरतों की समीक्षा करते हुए संबंधितों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये. इस समीक्षा बैठक के बाद जिलाधीश कार्यालय में ही एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने अमरावती में मरीजों की लगातार बढती संख्या के मद्देनजर यहां के जिला स्टेडियम पर ४०० बेड का जम्बो कोविड हॉस्पिटल शुरू करने की घोषणा की.
इस पत्रकार परिषद में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, राज्य के अन्य जिलों की तुलना में अमरावती जिले में कोरोना को लेकर हालात काफी अच्छे है और प्रशासन द्वारा हालात को नियंत्रित करने हेतु तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है. उन्होंने बताया कि, अमरावती जिले में कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों के लिए ४३ करोड रूपयों की मांग की गई थी. जिसमें से २३ करोड रूपये पहले ही दिये जा चुके है तथा शेष २० करोड रूपये अगले सप्ताह तक दिये जायेंगे. इसके अलावा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा मेलघाट के लिए एम्बुलन्स समेत महिला अस्पताल की मांग की गई है. इसे भी जल्द ही पूर्ण किया जायेगा. जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा २५० एम्बुलन्स वाहन खरीदे जायेंगे. जिसमें से १०२ एम्बुलन्स वाहन मेलघाट में उपलब्ध कराये जायेंगे. इस पत्रकार परिषद में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ विधायक बलवंत वानखडे व देवेंद्र भूयार, जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख, संभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष qसह व जिलाधीश शैलेश नवाल सहित पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप उपस्थित थे.
रेमडेसिविर के हर एक इंजेक्शन का हिसाब देना होगा
इस पत्रकार परिषद में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत और कालाबाजारी को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि, इस इंजे्नशन का कोई भी स्टॉक जमा करके नहीं रख सकता है और सभी अस्पतालों को इस इंजे्नशन के एक-एक यूनिट (वायल) का हिसाब-किताब देना होगा. उन्होंने कहा कि, यह इंजेक्शन किसी भी आम व्यक्ति या मरीज को नहीं लगाया जा सकता, बल्कि इसके प्रयोग हेतु विशेष गाईडलाईन है. जिसका सभी को पालन करना होता है, और यदि कहीं पर भी नियमोें का उल्लंघन होता पाया जायेगा तो संबंधितों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी होने की बातें उन्होंने भी सुनी है, लेकिन अब तक कोई पुख्ता शिकायत सामने नहीें आयी है.
ऑक्सिजन की आपूर्ति रहेगी अबाधित
इस समय अमरावती में विगत दिनों उत्पन्न हुई कृत्रिम ऑक्सिजन गैस की किल्लत की समस्या की ओर ध्यान दिलाये जाने पर उन्होंने कहा कि, संक्रमित मरीजोें हेतु अधिकतर मरीजोें को सांस लेने में काफी तकलीफे होती है. जिसकी वजह से कृत्रिम ऑक्सिजन की मांग काफी बढ गयी है और यह स्थिति हर ओर है. ऐसे में आपूर्ति का समीकरण काफी हद तक गडबडा गया है. लेकिन जिले में १६ मेट्रिक टन ऑक्सिजन गैस की व्यवस्था के लिए भिलाई से ऑक्सिजन गैस के टैंकर बुलाये जायेंगे. साथ ही जिले में डिवरा सिलेंडरों की भी बेहद जरूरी है. जिसके लिए जिला प्रशासन को उचित कदम उठाने के दिशानिर्देश जारी किये गये है
अमरावती में प्लाज्मा थेरेपी को बेहतरीन प्रतिसाद
इस समय उन्होंने कहा कि, अमरावती जिले में प्लाज्मा थेरेपी को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और कई सेवाभावी लोग स्वयंस्फूर्त रूप से प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आ रहे है, लेकिन पता चला है कि, अमरावती जिले समेत राज्य में प्लाज्मा की भी कालाबाजारी होने के कुछ मामले हुए है. ऐसे में प्लाज्मा की बढती मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्लाज्मा के रेट तय कर दिये है, ताकि कोई भी इसकी कालाबाजारी न कर सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी निजी कोविड अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु उपचार शुल्क की दरें निश्चित की गई है. लेकिन कुछ मरीजों से अधिक रकम लिये जाने की शिकायते प्राप्त हुई है. साथ ही निजी अस्पतालों में मरीजों से भरती होते समय एडवांस में भारीभरकम रकम का भुगतान लिया जा रहा है. यह पूरी तरह से गलत है, और ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकार संभागीय आयुक्त व जिलाधीश को दिये गये है.
कैशलेश पध्दति से इलाज होना जरूरी
इस पत्रवार्ता में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि, महात्मा ज्योतिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना के तहत अब तक लाखों लाभार्थियों द्वारा कैशलेश उपचार सुविधा का लाभ लिया गया है और इस योजना के तहत सभी तरह के इलाज एवं गर्भवति महिलाओें की प्रसूति पूरी तरह नि:शुल्क तौर पर होनी चाहिए. यदि इस योजना के तहत निजी अस्पतालों में उपचार नहीं किया जाता है तो निश्चित ही जिला प्रशासन द्वारा संबंधितों के खिलाफ जुर्माने के साथ ही दंडात्मक कार्रवाई भी की जायेगी.