फर्जी लिपीक ओम पाटिल के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज
कोतवाली पुलिस ने पाटिल का दर्ज किया बयान
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* मनपा को पत्र जारी कर मांगी जाएगी जानकारी
अमरावती /दि. 15- अपनी खुद की पहचान मनपा के स्थायी कर्मचारी के तौर पर देते हुए तथा अपने गले में मनपा कर्मी की तरह पहचान पत्र डालकर मनपा में घुमनेवाले व काम करनेवाले फर्जी कनिष्ठ लिपीक ओम पांडुरंग पाटिल (30, छांगानी नगर) तथा उसे फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर देनेवाले निखिल तिवारी के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस ने गुरुवार की रात 8.30 बजे के दरम्यान धोखाधडी व जालसाजी का मामला दर्ज किया. गुरुवार की सुबह 11.15 बजे के आसपास उजागर हुई इस घटना को लेकर मनपा के कार्यकारी अभियंता रवींद्र पवार ने गुरुवार की शाम सिटी कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. जिसके आधार पर फर्जी कर्मचारी ओम पाटिल तथा उसे सहयोग करनेवाले निखिल तिवारी के खिलाफ बीएनएस की धारा 204 (खुद को लोकसेवक बताते हुए जालसाजी करने) व धारा 205 (जालसाजी के हेतु से लोकसेवक द्वारा प्रयोग में लाए जानेवाले पोषाख व आयकार्ड का प्रयोग करने) की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया.
इसके साथ ही कोतवाली पुलिस ने खुद को मनपा स्थायी कर्मचारी बतानेवाले ओम पाटिल का बयान भी दर्ज किया है. साथ ही आगे की जांच करने हेतु मनपा प्रशासन से पत्रव्यवहार करते हुए एक प्रश्नावली भेजी जाएगी और घटनास्थल का पंचनामा करते हुए संबंधितों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे.
* मनपा से इन सवालों के जवाब मांगेगी पुलिस
– ओम पाटिल मनपा के निर्माण विभाग में कब से बैठ रहा था और उसे टेबल-कुर्सी व अन्य साहित्य किसने दिया था?
– ओम पाटिल किसकी सहायता से मनपा में नियमित या आस्थापना वाले कर्मचारी के तौर पर घूमा करता था और संबंधितों को उसके बारे में क्या जानकारी थी?
– ओम पाटिल को कर्मचारी क्रमांक व पेमेंट स्लिप किसने दी थी तथा इसे बनाकर देने में उसे किसने सहयोग किया?
– ओम पाटिल ने किन-किन फाईलों को संभाला तथा वह किसी फाईल पर हस्ताक्षर किया करता था क्या?
– निर्माण विभाग से पहले ओम पाटिल ने मनपा के और किस विभाग में काम किया?
– ओम पाटिल को निर्माण विभाग के फाईल्स व मुहर किसके जरिए हासिल हुए थे?
* इस एंगल से भी होगी जांच
इस मामले को लेकर संबंधित विभागों से भी जांच व पूछताछ की जाएगी और जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि, सरकारी कर्मचारी रहने की बात कहते हुए ओम पाटिल ने कहीं किसी से कोई रकम तो नहीं मांगी और किसी के साथ आर्थिक जालसाजी तो नहीं की.
* कुछ फर्जी कर्मचारी के खिलाफ दर्ज किए गए अपराधिक मामले में 7 वर्ष से कम सजा का प्रावधान है. जिसके चलते उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है. फिलहाल हम मनपा से जानकारी हासिल कर रहे है और संबंधितों के बयान दर्ज किए जा रहे है. जिसके बाद जांच में कोई नई जानकारी मिलने पर इस मामले में अपराधिक धाराएं बढाई जाएंगी.
– गणेश शिंदे
पुलिस उपायुक्त, अमरावती शहर पुलिस.