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न्यूनतम व अधितम तापमान में 20 डिग्री का फरक

स्वास्थ्य के लिए घातक बन रहा मौसम

* 9 फरवरी से दोबारा ठंड बढने की संभावना
* मौसमी बीमारियां तेजी से पसार रही पांव
अमरावती/दि.6- विगत कुछ दिनों से ठंड और तापमान के स्तर में लगातार उतार-चढाव जारी है. जिसकी वजह से मौसम में लगातार बदलाव वाली स्थिति है. इस समय रात के समय दर्ज होने वाले न्यूनतम व दिन के समय रहने वाले अधितम तापमान में 20 डिग्री सेल्सियस का फर्क है. जिसके चलते रात में जहां अच्छीखासी ठंड महसूस होती है वहीं दिन में चूभने वाली ठंड पड रही है. जिसकी वजह से मौसम एक ही समय पर सर्द और गर्म बना हुआ है और इस वजह के चलते मौसमी बीमारियां बडी तेजी के साथ पांव पसार रही है. साथ ही इस मौसम को स्वास्थ्य के लिहाज से काफी हद तक घातक भी कहा जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि विगत दिसंबर माह के अंत और जनवरी माह के प्रारंभ में ठंड का असर अचानक ही काफी बढ गया था. लेकिन जनवरी माह के बितते-बितते तापमान का स्तर ऊंचा उठाना शुरु हो गया था, जिसके चलते माना जा रहा था कि अब ठंड शायद बिदाई ले रही है. लेकिन जनवरी माह के अंत में उत्तर भारत में आए पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बर्फबारी व शीतलहर वाली स्थिति बनी और अन्य राज्यों में भी इस ठंड का असर देखा गया, जो अब तक बना हुआ है. लेकिन हैरत और कमाल वाली बात यह है कि दिन के समय तो मौसम काफी हद तक सामान्य रहता है, परंतु रात 9-10 बजे के आसपास सर्द हवाओं के थपेडे महसूस होने शुरु हो जाते है. बीते 3-4 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान का स्तर 31 से 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. वहीं न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है. यानी एक तरह से अधिकतम व न्यूनतम तापमान के बीच 20 से 21 डिग्री सेल्सियस का फर्क है. जिसे नियमित व सामान्य नहीं माना जा सकता. साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक तापमान में रहनेवाले इस भारीभरकम फर्क के चलते श्वसन संबंधी बीमारी, दमा व एलर्जी जैसी तकलीफे रहनेवाले लोगों और अधिक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड सकता है. साथ ही इस असंतुलन की वजह से कई तरह की मौसमी बीमारियां पांव फैला सकती है.
वहीं दूसरी ओर स्थानीय श्री शिवाजी कृषि विज्ञान महाविद्यालय के मौसम विज्ञानी प्रा. अनिल बंड के मुताबिक मौसम में उतार-चढाव वाली यह स्थिति अब भी ऐसी ही बनी रह सकती है और आगामी 9 फरवरी के आस-पास एक बार फिर ठंड का असर बढ सकता है. प्रा. अनिल बंड के मुताबिक हिमालयीन क्षेत्र में चक्रवर्ती हवाओं की वजह से बन रही स्थितियां के चलते 6 फरवरी से न्यूनतम तापमान के स्तर में हल्की गिरावट आनी शुरु होगी, जो 9 फरवरी तक चलती रहेगी. ऐसे में अगले चार-पांच दिनों के दौरान एक बार फिर मौसम के सर्द रहने का पूरा अनुमान है. वहीं इसके बाद 16 फरवरी से तापमान का स्तर एक बार फिर धीरे-धीरे ऊपर उठेगा और गर्मी के मौसम की कुछ हद तक शुरुआत होगी. लेकिन 16 फरवरी तक दिन के समय गर्मी और रात के समय सर्दी वाली स्थिति बनी रह सकती है. जिसके चलते स्वास्थ्य संबंधी दिक्कते पैदा होने का भी खतरा है.

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