अमरावती

दूर दृष्टिकोण और अथक परिश्रम से कामयाबी संभव

के्रडाई के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शांतिलाल कटारिया का कथन

* होटल ग्रैंड महफिल में भव्य सत्कार समारोह
अमरावती/दि.15– सही जानकारी और आवश्यक मेहनत करने पर हर सफलता संभव है. इसके लिए ज्ञान और स्मृति तेज होना जरुरी है. दूर दृष्टिकोण, ज्ञान और अथक परिश्रम ही हमारी सफलता की कुंजी है, ऐसा कथन पुणे के विख्यात बिल्डर और के्रडाई के निमार्णकार्य व्यवसायी संगठन के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शांतिलाल कटारिया ने किया.
स्थानीय होटल ग्रैंड महफिल में क्रेडाई की ओर से आयोजित सत्कार समारोह में वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में स्थानीय क्रेडाई के अध्यक्ष नीलेश ठाकरे, दिनेश ढगे, अकोला के अध्यक्ष जीतेंद्र पातुरकर, शैलेश वानखडे, राम महाजन, सचिन कोकाटे, भारसाकले आदि उपस्थित थे.
प्रास्ताविक भाषण नीलेश ठाकरे ने किया. शांतिलाल कटारिया का परिचय प्रा. महाजन ने कराया. मंच संचालन रविंद्र गोरटे ने किया. इस दौरान पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शांतिलाल कटारिया का शॉल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत सत्कार किया गया. शांतिलाल कटारिया ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, भले ही मुंबई की फिल्म इंडस्ट्रीज चमकदार हो, मगर फायनांस में अमरावती शहर का सबसे बडा योगदान है. उन्होंने कहा कि, व्यापारी और बिल्डरों की पार्टी नहीं होती. वे राजनीति से राजनीति से अलग निष्पक्ष होते है. उन्होंने कहा कि, रुपए से रुपए आते है. यह लोगों का मानना है. मगर बगैर रुपये से भी रुपये कमाये जा सकते है. इसके लिये सही दिशा में मेहनत की जाए और ज्ञान हो तो कामयाब होना संभव है. मेहनत तो गधे व मजदूर भी करते है. केवल मेहनत से ही सफल होते है, यह ज्ञान किताबों तक ही ठीक है. उन्होंने कहा कि एमसीआर के तहत सरकार जमीन देती है. उसकी कीमत किश्तों में अदा कर बडे-बडे बिल्डर लाभ उठाते हैं. उन्होंने सलाह दी कि अंत तक अपने बिजनेस की चाबी अपने पास रखनी चाहिये.
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि, जिन्हें उत्कृष्ट राजनीति आती है, उसे कहीं नहीं जाना पडता. रुपये उसके पास खुद चलकर आते हैं. सफलता एक कला है मनुष्य ऐसे ही बडा नहीं होता. वक्त की कदर करे, समय ही बलवान है. उन्होंने यह भी बताया कि कनेक्टिविटी बहुत जरुरी है. मनुष्य ऐसे काम करे कि, सामने वाले में उसकी पूछ परख बढ जाये. नॉलेज, स्मृति का होना जरुरी है. हमारे जीवन में विजन, नॉलेज, हार्डवर्क काफी मेहनत रखता है. यही सफलता की कुंजी है. सोचे नहीं करें. केवल सपना देखने व्यक्ति सफल नहीं होगा. हमारे पास पैसा है और उसके पास ज्ञान है तो उसके ज्ञान का उपयोग करें. पैसे की ताकत क्या है इसका ज्ञान होना जरुरी है. ऐसी सलाह भी उन्होंने इस समय दी.
कार्यक्रम में के्रडाई के अध्यक्ष नीलेश ठाकरे, संजय पर्वतकर, राम महाजन, रवींद्र गोरटे, भूषण देशपांडे, कपिल आंडे, सुभाष भारसाकले, सचिन वानखडे, धर्मेंद्र चंदेल, नरेंद्र भाराणी, पीआरओ आशीष दूधे, अजय डंबाले, मयंक दुंडाले, राजेन पाटिल, रवींद्र महल्ले, अनिल विखे, प्रवीण ढवले, वसंत निमजे, राजेंद्र दातेराव, पूर्व अध्यक्ष पंकज देशमुख, राम महाजन, ज्ञानेवश्र हिवसे, राहुल चढ्ढा, अश्विन आंडे, लक्ष्मीकांत जोशी, शैलेश ठुसे, प्रतीक मालवीय, दीपक वलगांवकर, अजय डंबाले, नरेंद्र किंगराणी, अश्विन दाभाडे, राजेंद्र गोयनका आदि अन्य सदस्यों की भी उपस्थिति रही.

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