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हर 30 घंटे में हो रही एक किसान आत्महत्या

फसल बर्बादी व बढते कर्ज से परेशान किसान अपने ही हाथों दे रहे जान

* संभाग में सर्वाधिक किसान आत्महत्या अमरावती जिले में
अमरावती/दि.17 – जिले में विगत एक वर्ष के दौरान कम हुआ किसान आत्महत्याओं का सत्र एक बार फिर बढ गया है. जारी वर्ष की पहली छमाही के दौरान अमरावती जिले में 152 किसानों द्बारा आत्महत्या की गई है. जिले के किसान आसमानी व सुल्तानी संकट का शिकार हो रहे है तथा फसलों की बर्बादी व सिर पर लगातार बढते कर्ज के बोझ से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे है. इसमें भी सबसे अधिक चिंता वाली बात यह है कि, 5 जिलों वाले संभाग में सर्वाधिक आत्महत्याएं अमरावती जिले में हो रही है.
विगत 6 माह के दौरान हुई 152 किसान आत्महत्याओं के आंकडे को देखते हुए कहा जा सकता है कि, प्राकृतिक आपदा, फसलों की बर्बादी, अकाल, कर्ज, बीमारियों के खर्च तथा बच्चों की पढाई-लिखाई व विवाह आदि पर होने वाले खर्च की चिंता और परेशानी से त्रस्त होकर हर 30 घंटे में कहीं न कहीं कोई किसान अपने ही हाथों अपनी जान दे रहा है. गत वर्ष तक अमरावती संभाग के बुलढाणा व यवतमाल जिले में किसान आत्महत्याओं का प्रमाण काफी अधिक था. परंतु विगत 6 माह के दौरान अमरावती जिले में किसान आत्महत्याओं का प्रमाण फरवरी माह को छोडकर हर महिने लगातार अधिक रहा है.

* प्रतिमाह बढ रहा प्रमाण
संभागीय आयुक्त कार्यालय द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक विगत 6 माह के दौरान जिले में 152 किसान आत्महत्याएं हुई है. जिसमें से जनवरी में 29, फरवरी में 14, मार्च में 28 अप्रैल में 32 मई में 22 व जून में 27 किसानों ने अपने ही हाथों अपनी जान दी. उपरोक्त आंकडों को देखते हुए कहा जा सकता है कि, फरवरी माह को छोडकर अन्य 5 महिनों में लगभग हर दिन एक किसान आत्महत्या हो रही थी.

* गांव स्तर पर किसान परिवारों सर्वेक्षण करते हुए क्लस्टर खोजा जाएगा और उस पर फोकस किया जाएगा. ऐसे सभी स्थानों पर शासन योजना व उपाय योजना को प्रभावी रुप से अमल में लाया जाएगा.
– डॉ. निधी पाण्डेय,
संभागीय राजस्व आयुक्त.

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