अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

जलापूर्ति योजना के ठेकेदार से वसूल जाएगा 2.44 करोड का जुर्माना

तिवसा के विधायक राजेश वानखडे ने उठाया लेटलतिफी का मुद्दा

* जलापूर्ति मंत्री ने जुर्माना वसूल करने का जारी किया आदेश
* जलजीवन मिशन के तहत 105 गांवों में जलापूर्ति योजना लटकी
अमरावती/दि.26 – जिले के अमरावती, अचलपुर, चांदुर बाजार व भातकुली तहसील क्षेत्र के 105 गांवों हेतु जलजीवन मिशन के तहत वर्ष 2022-23 में जलापूर्ति योजना को मंजूरी दी गई थी. जिसके तहत तिवसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल 44 गांवों को पेयजल उपलब्ध कराया जाना था और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार उक्त योजना को रखरखाव एवं मरम्मत के साथ जनवरी 2025 तक पूरा किया जाना था. लेकिन अब भी इस योजना की भौतिक प्रगति केवल 52 फीसद और वित्तिय प्रगति केवल 60 फीसद है. जिसे लेकर तिवसा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजेश वानखडे ने विधानसभा के जारी बजट सत्र दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया. जिस पर जवाब देते हुए राज्य की जलापूर्ति मंत्री ने कहा कि, ठेकेदार की लेटलतिफी के चलते प्रति दिन 55 हजार रुपए के हिसाब से ठेकेदार से 2 करोड 44 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा. जिसका सीधा मतलब है कि, इस योजना के ठेकेदार को यह लेटलतिफी अब काफी भारी पडनेवाली है.
इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए तिवसा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजेश वानखडे ने कहा कि, ठेकेदार द्वारा काम पूरा करने में हुई देरी के कारण यह परियोजना अब भी रुकी हुई है और नागरिक जलापूर्ति शुरु होने की विगत लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे है. परंतु काम में इतनी अधिक देरी होने के बावजूद विभाग द्वारा ठेकेदार के खिलाफ अब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई. विधायक राजेश वानखडे द्वारा विधानसभा में नियम 105 के तहत पेश किए गए इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद जलापूर्ति मंत्री ने स्वीकार किया कि, अमरावती जिले में जलजीवन मिशन के कामों को समय पर पूरा करने में ठेकेदार ने अनावश्यक लेटलतिफी की. जिससे काम अब भी पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में संबंधित ठेकेदार पर रोजाना 55 हजार रुपए के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा और ठेकेदार से कुल 2 करोड 44 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा.
इस समय विधायक राजेश वानखडे ने यह भी बताया कि, जलापूर्ति विभाग ने इससे पहले भी निर्माण कार्य में तेजी लाने और परियोजना को जल्द पूरा करने का निर्देश जारी किया था. ताकि गर्मी के सीजन से पहले अधिक से अधिक गांवों में पानी की आपूर्ति शुरु की जा सके. लेकिन मजीप्रा विभाग सहित संबंधित ठेकेदार ने इसकी लगातार अनदेखी की, इसकी वजह से काम पूरा नहीं हो पाया. अत: संबंधित ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करना आवश्यक है. साथ ही राजेश वानखडे ने यह भी कहा कि, यदि इसके बावजूद भी नागरिकों के लिहाज से संवेदनशील रहनेवाले जलापूर्ति के काम में देरी की गई तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.

Back to top button