बिजली कार्यालय में तोडफोड करनेवाले पर सात हजार का जुर्माना

11 वर्ष पुराने मामले में अदालत ने सुनाया फैसला

अमरावती/दि.15 – नांदगांव पेठ स्थित महावितरण कार्यालय में घूसकर तोडफोड मचानेवाले राजेश रामचंद्र इंगोले (55, यावलपुरा, नांदगांव पेठ) को सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दोषी करार देते हुए जिला व सत्र न्यायाधीश क्रमांक-5 सचिन पाटिल ने आरोपी को 7 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. जिसमें से 5 हजार रुपए की रकम क्षतिपूर्ति मुआवजे के तौर पर महावितरण को दी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक यह घटना 27 जून 2014 को दोपहर 2.45 बजे की है. जब महावितरण कर्मचारी प्रमोद कृष्णराव लाडूकर हमेशा की तरह अपने नांदगांव पेठ स्थित विद्युत वितरण केंद्र कार्यालय में उपस्थित थे तभी राजेश इंगोले वहां पर पहुंचा और बार-बार बिजली गूल हो जाने को लेकर संताप व्यक्त करते हुए उसने ऑफीस के टेबल पर रखे लेनेवो कंपनी के कम्प्युटर, मॉनिटर, माऊस, की-बोर्ड व एचपी कंपनी के प्रिंटर को उठाकर फेक दिया. साथ ही टेबल पर रखे कांच को फोडते हुए कुर्सी को भी उठाकर फेक दिया. इस घटना में सरकारी सामान का करीब 20 से 25 हजार रुपयों का नुकसान हुआ. जिसे लेकर प्रमोद लाडूकर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर नांदगांव पेठ पुलिस ने राजेश इंगोले के खिलाफ भादंवि की धारा 353, 186, 452, 427 के तहत अपराध दर्ज कर जांच पूरी करते हुए अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश की. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से किए गए युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए अदालत ने राजेश इंगोले को दोषी करार दिया तथा उस पर 7 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. जिसमें से 5 हजार रुपए क्षतिपूर्ति मुआवजे के तौर पर विद्युत वितरण कंपनी को दिए जाएंगे.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड. शशीकिरण पलोड द्वारा पैरवी की गई. जिन्हें जांच अधिकारी रविंद्र औरंगपुरे तथा कोर्ट पैरवी अधिकारी बाबाराव मेश्राम व उज्वला झाडे का सहयोग मिला.

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