* 24 साल के युवा की संवाद शैली प्रभावी
* मंत्री लोढा ने आमंत्रित किया मंत्रालय
अमरावती/दि.2– केवल 22 बरस की आयु में बड़े शासकीय कार्यालयों से असोसिएट रहने वाले शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय के मास कम्युनिकेशन के छात्र करण मधुसूदन पारीक ने संयुक्त राष्ट्र का दूत बनकर जनसेवा का लक्ष्य रखा है. पारीक ने दो रोज पहले देश के अग्रणी मीडिया समूह टाईम्स द्वारा फेडरल बैंक आयोजित स्पीक इंडिया में 2 हजार युवाओं में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त कर अमरावती का नाम बढ़ाया. इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए अमरावती मंडल ने करण पारीक से बात की. आत्मविश्वास से परिपूर्ण बॉडी लैंग्वेज इस युवा की रही. उसी प्रकार अनेक विषयों पर उसकी स्टडी तथा पकड़ का भी आभास करीब 20 मिनट की बातचीत में हो गया.
* 100 स्पर्धाओं में सहभाग
करण ने बताया कि निश्चित ही टाइम्स समूह की स्पीक इंडिया स्पर्धा बहुत बड़ी है. वह महाविद्यालय में पढ़ने के दौरान अलग-अलग संस्थानों की लगभग 100 संवाद, वाद विवाद, डिबेट में सहभागी हुआ है. इतनी ही ट्रॉफी और पुरस्कार जीते हैं. स्पीक इंडिया बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा रहने की जानकारी रायसोनी नागपुर के पूर्व छात्र ने दी. करण ने बताया कि पहले अमरावती शहर और जिले के स्तर पर वह स्पीक इंडिया में आगे बढ़े. फिर नागपुर स्तर तक चुने गए. उपरांत झोनल और सेमीफाइनल में अंतिम 32 प्रतियोगी में रहे. असली घमासान 29 अप्रैल को हुआ. जहां पहले 8 और फिर ग्रैंड फिनाले में पुणे के पराग तथा अमरावती के करण में मुकाबला हुआ. करण रनरअप रहे. उन्हें डेढ़ लाख रुपए नकद का अवार्ड और शानदार ट्रॉफी प्रदान की गई. मुख्य अतिथि प्रदेश के मंत्री मंगलप्रभात लोढा रहे. वहीं स्पर्धा के परीक्षक का कार्य अतिरिक्त सचिव भूषण गगरानी, अभिनेत्री सोनाली कुलकर्णी तथा शिक्षाविद डॉ. आरती आगाशे ने किया. करण ने बताया कि भारतीय सिनेमा को आस्कर पुरस्कार की आवश्यकता है क्या? यह डिबेट का विषय था. जिस पर तत्काल विचार रखने थे.
* युवा संसद में भी चमके
13 अप्रैल 1999 को मानोरा में जन्मे मध्यमवर्गीय संयुक्त परिवार के सदस्य रहे करण ने मानोरा में प्राथमिक शिक्षा के बाद नागपुर की जीएच रायसोनी कॉलेज से कम्प्यूटर विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. वह डिबेट में छात्र संसद में भी अग्रणी रहे और लोकसभा में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर आये हैं. लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला तथा केंद्रीय मंत्री पुराणिक के हस्ते उनका सम्मान हुआ. करण ने बताया कि ओम बिरला जी के संग बड़ा अच्छा संवाद भी हुआ.
* पारिवारिक पृष्ठभूमि
करण के पिता मधुसूदन मानोरा में होटल चलाते थे. उनका लगभग 15 वर्ष पहले निधन हो गया. आज वे अपने बड़े पिताजी कैलाश पारीक के साथ साईनगर के शिव अपार्टमेंट में रहते हैं. माँ सुनीता पारीक और बहन आभा है. उनकी दो चचेरी बहनें भी है. करण में प्रभावी बातचीत की विशेषता है. कुछ अलग ही रसायन का यह युवा है. इसे रैप गाना पसंद है तो भजन भी उतनी ही तन्मयता से गाता है. राजनीति पर चर्चा में दिलचस्पी है तो बॉलीवुड भी उसे आकर्षित करता है. उसने अनेक विषयों का अध्ययन जारी रखा है. वह आगे जाकर संयुक्त राष्ट्र का दूत बनने का इरादा रखता है. करण का दावा है कि उसी दिशा में उसका मार्गक्रमण शुरु है. हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और राजस्थानी भाषाओं पर अमरावती के इस युवा की अच्छी पकड़ है. जिसे वह देवी सरस्वती का आशीष कहता है.