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तेज रफ्तार बनी जान की आफत

बुलडाणा में ‘समृध्दि’ पर हादसा, 1 की मौत, 2 घायल

* अकोला के गिनीज रिकॉर्डधारी मार्ग पर अज्ञात वाहन की टक्कर से निलगाय मरी
अमरावती/बुलडाणा/दि.13- एक शहर से दूसरे शहर के बीच आवागमन को सहज व सुचारू बनाने हेतु बेहतरीन दर्जेवाली सडकों का निर्माण किया जाता है. किंतु वाहन चालकों द्वारा ऐसे शानदार रास्तों पर यातायात नियमों की अनदेखी करते हुए तेज रफ्तार से वाहन चलाये जाते है. जिसकी वजह से कई बार हादसे घटित होते है और इन हादसों में इन्सानों के साथ ही रास्ता पार करनेवाले प्राणियों की मौत होती है. ऐसे ही दो मामले आज अकोला-मुर्तिजापूर हाईवे और बुलडाणा से होकर गुजरनेवाले समृध्दि एक्सप्रेस हाईवे पर घटित हुए. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और दो लोग बुरी तरह से घायल हो गये. वहीं एक अज्ञात वाहन की टक्कर में एक निलगाय ने दम तोड दिया.
उल्लेखनीय है कि, इस समय नागपुर से मुंबई के बीच बनाये जा रहे समृध्दि एक्सप्रेस हाईवे को आम जनता के लिए नहीं खोला गया है, क्योंकि इस हाईवे पर अब भी काम चल रहा है. लेकिन इसके बावजूद कई लोगबाग आवाजाही के लिए इस रास्ते का प्रयोग करते है. ऐसे ही बुलडाणा जिला निवासी कुछ व्यवसायी गत रोज औरंगाबाद से समृध्दि एक्सप्रेस हाईवे के जरिये मेहकर की ओर वापिस लौट रहे थे. तभी अचानक मुसलाधार बारिश शुरू हो गई और तांदुलवाडी शिवार के पास से तेज रफ्तार से गुजर रही कार के चालक का वाहन से नियंत्रण छूट गया. जिसके बाद यह कार रोड डिवाईडर के गढ्ढे में जाकर गिर गई और तीन से चार बार पलटी खा गई. इस हादसे में मेहकर निवासी बलिराम खोकले नामक व्यवसायी की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं चंद्रकांत साबले व सुनील लिंबेकर बुरी तरह से घायल हुए है. चंदनझिरा पुलिस मामले की जांच कर रही है.
वहीं दूसरी ओर अभी हाल ही में युध्दस्तर पर बेहद कम समय में शीघ्र गति से काम पूर्ण करते हुए तैयार किये और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान पा चुके अमरावती-अकोला राष्ट्रीय महामार्ग से मुर्तिजापूर के दौरान सोमवार की सुबह किसी अज्ञात वाहन द्वारा टक्कर मार दिये जाने के चलते रास्ता पार कर रही नीलगाय की मौत हो गई. हालांकि इस महामार्ग पर इससे पहले भी कई बार पालतु मवेशियों सहित वन्यप्राणियों की मौत हुई है, लेकिन वर्ल्ड रिकॉर्डधारी डांबरीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद इस मार्ग पर यह पहला हादसा घटित हुआ है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, आवाजाही को सुगम बनाने हेतु तैयार किये जानेवाले रास्तों पर तेज रफ्तार के साथ वाहन चलाना अब जान के लिहाज से भारी पड रहा है.

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