अमरावती

रुख्मिणी जन्मस्थल पर ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण हो

संस्थान के पदाधिकारियों ने की पालकमंत्री से मांग

अमरावती प्रतिनिधि/दि.६ – रुख्मिणी जन्मस्थल पर ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण हो ऐसी मांग संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा की गई. पदाधिकारियों ने इस आशय का निवेदन जिले की पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर (Foster Minister Ed Yashomati Thakur) को सौंपकर मांग की. निवेदन में कहा गया है कि साढे पांच हजार वर्ष पूर्व कौंडण्यपुर में विदर्भ नरेश राजा भीष्म की राज था और कौंडणयपुर राजधानी थी. राजकुमारी रुख्मिणी का जन्म राजवाडा में हुआ था. आज जिस जगह पर रुख्मिणी का जन्म हुआ था. वह भूमि आज सुनी पडी हुई है.
राजवाडे की जिस टेकडी पर जन्म हुआ था. उसका पुरात्तव विभाग द्वारा उत्खनन किए जाने पर इस स्थल पर ही देवी रुख्मिणी का जन्म हुआ था. पुरात्तव विभाग ने सिद्ध भी किया. यहं पर विठल रुख्मिणी संस्थान है व संत सदाराम महाराज की समाधी भी है. राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज ने यहं पर विठल रुख्मिणी की मूर्ति स्थापित की थी. श्री संत सदाराम महाराज ने रुख्मिणी की पालकी यहं से शुरुआत की थी. जिसमें हर साला आषाढी एकादशी को पालकी यहां से रवाना की जाती है. ४०० वर्षो से चली आ रही यह परंपरा आज भी कायम है.
जिस तरह से गोकुल (मथुरा)में श्री कृष्ण के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है. अयोध्या में श्रीराम का मंदिर साकार होने जा रहा है. उसी तर्ज पर रुख्मिणी देवी का जन्मस्थान भीष्मटेकडी कौंडण्यपुर यहां भी रुख्मिणी देवी का भव्य मंदिर का निर्माण हो ऐसी इच्छा श्रद्धालुओं अनेकों वषों से की जा रही है. यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण हो ऐसी मांग जिले की पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर से की गई. इस समय संस्थान के उपाध्यक्ष भैय्यासाहब निचड, सिद्धेश्वर अतकरे व भाविक उपस्थित थे.

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