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किसानों की सतर्कता से बडा रेल हादसा टला

रेल प्रशासन की लापरवाही हुई उजागर

अमरावती/दि.11- माना-कुरुम के बीच सोमवार की शाम रेल पटरी के नीचे बिछाया गया गौणखनीज मूसलाधार बारिश के कारण बहने की जानकारी क्षेत्र के किसानों के ध्यान में आने और उनकी सतर्कता से तत्काल रेल प्रशासन को सूचना दिए जाने के कारण बडा अनर्थ टल गया. किसानों की सतर्कता से ही तत्काल दोनों रेलमार्ग का यातायात बंद कर दिया गया था. करीब 9 घंटे बाद युद्धस्तर पर काम किए जाने के बाद रेलमार्ग पूर्ववत हुआ.
सोमवार को अकोला जिले के मूर्तिजापुर तहसील में मूसलाधार बारिश हुई. बारिश का कहर जारी रहते माना रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूरी पर पटरी के नीचे बिछाया गया गौणखनीज बह गया. इस कारण पटरी के नीचे से जोरदार जलप्रवाह शुरु हो गया था. इस बात की कल्पना किसी को न रहने से दोनों तरफ के रेलमार्ग से आवागमन करने वाली ट्रेन नियमित शुरु थी. लेकिन पटरी के आसपास खेतों में काम करनेवाले किसान के ध्यान में यह बात आ गई. ऐसे में उन्हें सामने से ट्रेन आती दिखाई दी. किसानों समेत खेत में काम करनेवाले मजदूरों ने चीखते हुए एक्सप्रेस ट्रेन के चालक का ध्यान अपनी तरफ केंद्रित करवाया और उसे हाथ हिलाकर ट्रेन रोकने का इशारा करने लगे. चालक की यह बात ध्यान में आने से बडा अनर्थ टल गया. पश्चात संबंधितों ने तत्काल रेल प्रशासन को इसकी जानकारी दी और दोनों तरफ का रेल यातायात रोक दिया गया.
रेल प्रशासन व्दारा तत्काल सावधानी भले ही बरती गई हो, लेकिन इस घटना से रेल प्रशासन की लापरवाही भी उजागर हुई है. ठेकेदार व्दारा किए गए लचर काम और उसे रेल प्रशासन व्दारा दी गई मंजूर भी सवालिया निशान खडे करती है. विशेष यानी रेल प्रशासन व्दारा रेल पटरी की देखरेख करने की दृष्टि से नियमित जांच की जाती है. लेकिन संबंधितों को यह दिखाई नहीं दिया क्या? यह प्रश्न भी उपस्थित होता है. रेल पटरी की नियमित जांच के अलावा दुरुस्ती के लिए हर वर्ष रेलवे विभाग व्दारा करोडों रुपए खर्च किए जाते हैं. इसके बावजूद ऐसी घटनाएं घटित होती रहती है. इस कारण रेल प्रशासन व्दारा दुरुस्ती व देखरेख के काम सतर्कता से और गंभीरता से नहीं होते दिखाई देते हैं. सूत्रों के मुताबिक नागपुर की तरफ जानेवाली ट्रेनों को भुसावल के सभी रेलवे स्टेशनों पर रोक दिया गया था. जो ट्रेन रवाना हुई थी उन्हें अकोला और मूर्तिजापुर रेलवे स्टेशनों पर रोका गया था. मुंबई की तरफ जानेवाली ट्रेन बडनेरा रेलवे स्टेशन के अलावा अन्य रेलवे स्टेशनों पर रोक दी गई थी. जिन रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन रोक दी गई थी वहां से अनेक यात्रियों अपना आगे का सफर एसटी बस अथवा निजी वाहनों से करना पडा.
* दिन का समय रहने से चला पता
मानसून का आगमन देरी से होने के कारण किसान अपने खेतों में बुआई कार्य में जुटे हुए है. सुबह से किसान मजदूरों के साथ खेतों में काम करते दिखाई देते हैं. सोमवार को भी किसान सुबह से अपने खेतों में काम में जुटे हुए थे. ऐसे में दोपहर बाद मूसलाधार बारिश शुरु हो गई. माना-कुरुम रेलमार्ग से सटकर किसानों के खेत हैं. जहां से पटरी के नीचे की गिट्टी जलप्रवाह में बह गई वह नजारा दिन का उजाला रहने से किसानों को दिखाई दिया. इस कारण उन्होंने तत्काल सतर्कता बरतते हुए पटरी पर आकर ट्रेन को रोक दिया. यदि दिन ढल गया रहता तो किसी के यह बात ध्यान में न आती और बडे रेल हादसे की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता था.

 

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