अमरावतीविदर्भ

भूमि अधिग्रहित होने के बाद ही स्मारक बनेगा

डॉ. राजेंद्र गवई की आंबेडकरी संगठना में स्पष्ट भूमिका

* जिले के सैंकड़ों कार्यकर्ता हुए उपस्थित
अमरावती/दि.24- डॉ. बाबासाहब आंबेडकर चौक (इर्विन) के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पूर्णाकृति पुतले के पास की जगह का विवाद न्याय प्रविष्ठ रहते वहां कोई भी भूमिपूजन अथवा स्मारक नहीं होगा. वह जगह अधिग्रहित करने के लिए राणा दंपति व्दारा पहले प्रयास किए जाए उसी के बाद भव्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का स्मारक और पुतला बैठया जाएगा, ऐसी स्पष्ट भूमिका रिपाई के राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजेंद्र गवई ने आंबेडकरी संगठना की महत्वपूर्ण बैठक में ली.
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर चौक के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर पुतले के सौंदर्यीकरण के लिए सांसद नवनीत राणा की निधि से 2 करोड रुपए मंजूर हुए हैं. इसमें से 50 लाख रुपए को प्रशासकीय मान्यता मिली है. समाज का एक गुट निधि इस्तेेमाल में विरोध कर रहा है तथा दूसरा गुट निधि इस्तेमाल के संदर्भ में सकारात्मक है. इसमें से बीच का मार्ग निकालने के लिए दोनों गुट की महत्वपूर्ण बैठक रविवार 23 जुलाई को एस.वी. देशमुख ममोरियल हॉल में रिपाई के राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजेंद्र गवई की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में भीम ब्रिगेड के संस्थापक अध्यक्ष राजेश वानखडे, बहुजन समाज पार्टी के शहराध्यक्ष सुदाम बोरकर, रिपाई के जिलाध्यक्ष हिम्मत ढोले, युवा स्वाभिमान पार्टी के पूर्व पार्षद आशीष गावंडे, सांची फाउंडेशन के अध्यक्ष जगदीश गोवर्धन, रिपाई के शहराध्यक्ष एड. उमेश इंगले, रिपाई आठवले गुट के जिलाध्यक्ष सुनील रामटेके, युवा स्वाभिमान पार्टी के रवींद्र गवई, रवि वानखडे, शैलेंद्र कस्तुरे, वंचित बहुजन आघाडी के सुरेश तायडे, सिद्धार्थ दामोदर, आंबेडकरी वरिष्ठ नेता वी. एम. वानखडे, रिपाई के वरिष्ठ नेता वसंतराव गवई, दीक्षाभूमि स्मारक समिति के अध्यक्ष दादाराव दाभाडे, भारतीय बौद्ध महासभा के विभागीय अध्यक्ष रवि गवई समेत विविध संगठना के पदाधिकारी उपस्थित थे.
डॉ. राजेंद्र गवई ने आगे कहा कि, स्मारक के सौंदर्यीकरण के संदर्भ में समाज में दोमत निर्माण होकर रक्तपात हो, ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए. सौंदर्यीकरण के फंड के संदर्भ में समाज में कोई दोमत नहीं है मात्र जमीन अपने अंडर में लें. जैसे थे स्थिति में सौंदर्यीकरण करने को लेकर समाज जगह लेने में समाज को काई यश नहीं मिला है. ऐसा तब होगा जब राणा दंपति मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री फडणवीस, पवार से इस संबंध में चर्चा कर एक महीने के भीतर जमीन अधिग्रहित कर स्माकर के लिए प्रस्तावित निधि दें, ऐसा डॉ. राजेंद्र गवई ने कहा. बैठक में प्रस्ताव हिम्मत ढोले तथा आभार एड. उमेश इंगले ने माना. जगह का अधिग्रहण किए बगैर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पूर्णाकृति पुतले के पास किसी भी तरह का डिसीजन न करने की भूमिका इस अवसर पर आंबेडकरी संगठना के पदाधिकारियों ने ली.
इस महत्वपूर्ण बैठक में बालकृष्ण खोब्रागडे, प्रशांत कांबले, प्रतिभा वानखडे, अनिल खंडारे, नितिन काले, राष्ट्रपाल वानखडे, नितिन तायडे, सुमित्रा वाकडे, शांता रायबोले, सोनू धांडे, करुणा शिरसाट, कविता शिरसाट, सारिका वानखडे, शालू रायबोले, वंदना दामोदर, सुनील गायकवाड़, डॉ. धनंजय पलसपगार, सतीश हरणे, रविंद्र नाईक, सुनील सरदार, विजय जाधव, आतीश डोंगरे, किशोर सरदार, अर्जुन खंडारे, कविता भटकर, सागर गवली, संजय गायकवाड़, भीमराव गडलिंग, अनिल खंडारे, मनोज थोरात, अनीता वानखडे, सिद्धार्थ तंतरपाले, भारत गवई, सतीश थोरात, रमेश आठवले, राजेश सरवटकर, रविकांत गवली, गिरीश आठवले, भारत वानखडे. किशोर गोसावी, लाला तिवारी, आंचल खंडारे, सुखदेव इंगोले, प्रकाश खरोले, कविराज नितनवरे, गुड्डू इंगले, निलेश पोटदुखे, संजय वानखडे, सुधीर वानखडे, प्रवीण रायबोले, श्रीकृष्ण रायबोले, दादाराव रायबोले, सुभाष रायबोले, विजय आठवले, कविश्वर नितनवरे, सुमित खांडेकर, रविंद्र फुले, हिरामन गावंडे, भिमराव कीर्तन, मधुकर गवली, समाधान वानखडे, सुरेश इंगले, डॉ. प्रकाश तायडे, प्रवीण सोनवने, धनराज शेंडे, राजू तेलगोटे, कैलाश वाकपांजर, पंकज मोहोड, अभिजीत अभ्यंकर समेत आंबेडकरी संगठना के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे.
भूमि अधिग्रहण के बाद समाज विरोध नहीं करेगा
सांसद नवनीत राणा. विधायक रवि राणा जिस तरह अपने जाति प्रमाण पत्र के लिए अदालत में गए हैं, उसी तरह डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक की जगह के लिए न्यायालय में जाए. भूमि अधिग्रहित करें, पश्चात डॉ. राजेंद्र गवई ने किसी भी निधि लायी तो उसका समाज विरोध नहीं करेगा. जनप्रतिनिधि का पैसा अपना ही पैसा रहने का प्रतिपादन भीम ब्रिगेड के अध्यक्ष राजेश वानखडे ने किया.
सौंदर्यीकरण का निर्णय न लें
समाज का ऊर्जास्थान रहने से समाज का संवेदनशील प्रश्न है. पहले जगह अधिग्रहिक की जाए, पश्चात सौंदर्यीकरण किया जाए. समाज स्वाभिमानी है. किसी के भी पैसे की आवश्यकता नहीं है. न्यायालयीन प्रक्रिया का निर्णय जब तक नहीं होता, तब तक सौंदर्यीकरण का निर्णय न लेने की बात साची फाउंडेशन के अध्यक्ष जगदीश गोवर्धन ने कही.
भड़काने का प्रयास न करें
पुतले के सौंदर्यीकरण के संदर्भ में कोई भी आग लगाने का प्रयास न करें. यह जिला गवई साहब का है. भड़काने का प्रयास किया तो तुम्हारा भी कांच का महल है. जगह अधिग्रहित किए बिना कोई भी निर्माणकार्य को होने नहीं दिया जाएगा. ऐसा प्रतिपादन रिपाई आठवले गुट के जिलाध्यक्ष सुनील रामटेके ने किया.
राणा दंपत्ति जगह अधिग्रहित करें
जगह न्यायप्रविष्ट रहने से राणा दंपत्ति शासन के माध्यम से जगह अधिग्रहित करें, उसके बाद ही अपनी निधि का इस्तेमाल करने का प्रतिपादन वंचित बहुजन आघाड़ी के कार्यकर्ता सुरेश तायडे ने किया.
समाज में दरार निर्माण करने का प्रयास
जगह हस्तांतरित करने के बाद भी विकास हो.बौद्ध समाज में दरार निर्माण करने का प्रयास हो रहा है. लेकिन ऐसा प्रयास करने वालों को उसकी जगह दिखा देंगे. जिला कचहरी पर होने वाले धरना आंदोलन में समाज को शामिल होने का आवाहन बसपा शहराध्यक्ष सुदाम बोरकर ने किया.
अस्मिता का विषय
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पुतले की जगह अस्मिता का विषय है. अधिग्रहित हुए बिना सौंदर्यीकरण न करने की बात वरिष्ठ नेता वी.एम. वानखडे ने की.

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