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धामणगांव में प्रोफेसर ने रेल से कटकर की आत्महत्या

यवतमाल निवाासी संतोष उर्फ आप्पा गोरे के तौर पर हुई शिनाख्त

* यवतमाल के बापूजी अणे महाविद्यालय में प्राध्यापक थे संतोष गोरे
* शव के पास से सुसाईड नोट भी मिलने की जानकारी आई सामने
* सुसाईड नोट में 34 हाईप्रोफाईल लोगों के नाम दर्ज रहने की जानकारी
* बीती रात 2 से 2.30 बजे दौरान की घटना, आज सुबह मामला हुआ उजागर
* बडनेरा जीआरपी कर रही मामले की जांच, घटना के चलते धामणगांव व यवतमाल में हडकंप
धामणगांव रेलवे/दि.24 – स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक 1 से बडनेरा की ओर जानेवाली रेलवे पटरी पर रेलवे पोल क्रमांक 708/3 के निकट आज सुबह एक व्यक्ति का रेल गाडी से नीचे कटकर बुरी तरह क्षतविक्षत हुआ शव बरामद हुआ. शव के पास से मिले दस्तावेजों के आधार पर मृतक की शिनाख्त यवतमाल निवासी संतोष उर्फ आप्पा गोरे के तौर पर हुई. जो यवतमाल के बापूजी अणे महाविद्यालय में बतौर प्राध्यापक काम किया करते थे. इस जानकारी के सामने आते ही रेलवे पुलिस का दल तुरंत ही मौके पर पहुंचा तथा पंचनामा करते हुए शव को पोस्टमार्टम हेतु धामणगांव के ग्रामीण अस्पताल में भिजवाया. इसके साथ ही बडनेरा जीआरपी के दल ने तुरंत ही मौके पर पहुंचकर जांच-पडताल करनी शुरु की. जांच के दौरान जानकारी सामने आई कि, मृतक संतोष गोरे के शव के पास से एक पन्ने का एक सुसाईड नोट भी बरामद हुआ है. जिसमें लोकनायक बापूजी अणे महिला महाविद्यालय के कुछ महिला व पुरुष प्राध्यापकों सहित कॉलेज का संचालन करनेवाली शिक्षा संस्था के कुछ पदाधिकारियों के नाम दर्ज रहने की जानकारी है. इस सुसाईड नोट में करीब 34 हाईप्रोफाईल नाम लिखे रहने की जानकारी है. जिन पर संतोष गोरे ने खुद को मानसिक तौर पर प्रताडित करने का आरोप लगाया है. हालांकि, समाचार लिखे जाने तक इस बात का स्पष्ट रुप से खुलासा नहीं हो पाया था कि, इस सुसाईड नोट में किन-किन लोगों के नाम लिखे हुए है. वहीं दूसरी ओर इस घटना की सूचना मिलते ही यवतमाल से धामणगांव पहुंचे संतोष गोरे के परिजनों ने सुसाईड नोट में शामिल नाम वाले लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज होने तक संतोष गोरे के शव का पोस्टमार्टम नहीं होने देने की भूमिका अपनाई थी. जिन्हें पुलिस की ओर से समझाने-बुझाने का काम किया जा रहा था.
इस संदर्भ में मिली विस्तृत जानकारी के मुताबिक यवतमाल के दारव्हा रोड परिसर निवासी प्रा. संतोष भास्करराव गोरे (56) विगत 30 वर्षों से अंग्रेजी विषय के प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत है और पूरे यवतमाल परिसर में आप्पा गोरे के नाम से विख्यात रहनेवाले प्रा. संतोष गोरे इस 30 वर्ष के अंतराल दौरान यवतमाल के विविध नामांकित महाविद्यालयों में काम कर चुके है. प्रत्येक महाविद्यालय में उनका कार्यकाल तीन से चार वर्ष का ही रहा और वर्ष 2019 से वे यवतमाल के नामांकित लोकनायक बापूजी अणे महिला महाविद्यालय में अंग्रेजी विषय के प्राध्यापक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. संतोष गोरे के परिवार में उनकी पत्नी और बेटी है तथा बेटी की पढाई-लिखाई के चलते उनकी पत्नी भी बेटी के साथ पुणे में रहती है. जो पुणे से कभी-कभार यवतमाल आना-जाना भी करती है. पता चला है कि, कुछ समय पहले बापूजी अणे महिला महाविद्यालय में कार्यरत एक महिला ने प्रा. संतोष गोरे पर विनयभंग एवं छेडछाड का आरोप लगाया था. जिसके चलते महाविद्यालय की ओर से संतोष गोरे को शोकॉज नोटिस भी दिया था. जिस पर संतोष गोरे ने अपना जवाब भी पेश किया था. साथ ही महिला शिकायत निवारण समिति ने भी संतोष गोरे को क्लिनचीट दी थी. परंतु इसके बावजूद उक्त शिकायतकर्ता महिला द्वारा मांग की जा रही थी कि, संतोष गोरे उससे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे, जिस पर संतोष गोरे ने कहा था कि, वे नौकरी छोड देंगे, लेकिन माफी नहीं मांगेंगे. इस एक मामले के चलते प्रा. संतोष गोरे विगत लंबे समय से मानसिक तनाव से होकर गुजर रहे थे और माना जा रहा है कि, संभवत: अपने इसी मानसिक तनाव के तहत संतोष गोरे ने यवतमाल से धामणगांव आकर रेलवे पटरी पर रेलगाडी के सामने आते हुए आत्महत्या कर ली.
धामणगांव रेलवे पुलिस एवं बडनेरा जीआरपी के सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक संतोष गोरे द्वारा आधी रात पश्चात दो से ढाई बजे के आसपास यह आत्मघाती कदम उठाया गया. उस समय नागपुर से बडनेरा की ओर जानेवाली मालगाडी धामणगांव रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक 1 वाली पटरी से होकर गुजरी थी और इसी पटरी पर प्लेटफॉर्म क्रमांक 1 से करीब 10 मीटर की दूरी पर स्थित पोल क्रमांक 708/3 के निकट संतोष गोरे ने तेजरफ्तार मालगाडी के सामने खुद को झोंक दिया और इसके बाद रेलगाडी की भयानक टक्कर की वजह से संतोष गोरे के शरीर के लगभग चिथडे उड गए. साथ ही उनका एक पांव शरीर से कटकर पूरी तरह अलग हो गया. यह घटना आज सुबह उस समय उजागर हुई जब हमेशा की तरह गश्त पर निकले रेलवे गैंगमैन को रेलवे पटरी पर एक अज्ञात व्यक्ति का क्षतविक्षत शव पडा दिखाई दिया. जिसकी सूचना तुरंत ही आरपीएफ व जीआरपी को दी गई. पश्चात रेलवे पुलिस एवं रेलवे सुरक्षा बल के पथक ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा करते हुए शव को अपने कब्जे में लिया.
* सुसाईड नोट की जानकारी को लेकर जीआरपी की टालमटोल
हमारे धामणगांव रेलवे संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक संतोष गोरे ने आत्महत्या करने के पहले एक पन्ने का सुसाईड नोट भी छोडा है, जिस पर उन्होंने कॉलेज के प्रशासन और कुछ महिला व पुरुष प्राध्यापकों के खिलाफ बेहद संगीन आरोप लगाए है. परंतु जीआरपीएफ के अधिकारियों ने इस सुसाईड नोट के बारे में स्पष्ट तौर पर जानकारी देने के साथ ही सुसाईड नोट में शामिल नामों को लेकर टालमटोल वाले जवाब देने शुरु किए. साथ ही कहा कि, जब तक मामले की तफ्तीश पूरी नहीं हो जाती तब तक इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. वहीं दूसरी ओर इस घटना की जानकारी मिलते ही यवतमाल से प्रा. संतोष गोरे के परिजन व कुछ रिश्तेदार तुरंत ही यवतमाल से धामणगांव पहुंचे. जिन्होंने जीआरपी के अधिकारियों से संपर्क करते हुए सुसाईड नोट में शामिल नामों के बारे में जानकारी मांगी. लेकिन उन रिश्तेदारों को भी जीआरपी के अधिकारियों ने सुसाईड नोट में शामिल नामों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. जिससे संतप्त होकर मृतक संतोष गोरे के परिजनों ने यह भूमिका अपनाई कि, जब तक सुसाईड नोट में शामिल रहनेवाले लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज नहीं होता, तब तक वे संतोष गोरे के शव का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे.
* पत्नी व बेटी पुणे से यवतमाल रवाना
इसी बीच यह जानकारी भी सामने आई है कि, इस समय प्रा. संतोष गोरे की पत्नी और बेटी पुणे में थी. जो आज सुबह इस घटना की जानकारी मिलते ही आननफानन में पुणे से यवतमाल हेतु रवाना हुई है और दोनों के आज देर शाम तक यवतमाल पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं प्रा. संतोष गोरे के तमाम रिश्तेदार व निकटतम परिचित इस समय धामणगांव पहुंच चुके है. जो पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रा. संतोष गोरे के शव को लेकर यवतमाल पहुंचेंगे. जिसके बाद यवतमाल में प्रा. संतोष गोरे के पार्थिव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
* अमरावती में है ससुराल, लोहाणा सर के दामाद थे प्रा. संतोष गोरे
इस बीच यह जानकारी भी सामने आई है कि, प्रा. संतोष गोरे की ससुराल अमरावती में है और उनका विवाह लोहाणा सर नाम से विख्यात प्रा. नरेंद्र तुलसीदासजी लोहाणा की सुपुत्री जिज्ञासा के साथ हुआ था और गोरे दंपति को मिनाक्षी नामक एक बेटी भी है. साईनगर परिसर में रहनेवाले प्रा. नरेंद्र लोहाणा बडनेरा इंजिनिअरिंग कॉलेज में बतौर प्राध्यापक कार्यरत थे, जो वर्ष 2012 में सेवानिवृत्त हुए थे. इस घटना को लेकर विस्तृत जानकारी हेतु संपर्क किए जाने पर प्रा. नरेंद्र लोहाणा ने बेहद शोकविव्हल होते हुए कहा कि, उनका अब भी इस खबर पर विश्वास नहीं हुआ है और इस घटना के चलते उन्हें काफी मानसिक आघात भी लगा है. साथ ही वे घटना की खबर मिलते ही यवतमाल के लिए रवाना भी हो चुके है और अपनी बेटी व नातीन के लिए काफी चिंतित भी है.

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