सात जन्मों का रिश्ता एक कागज पर खत्म
दिनोंदिन बढ रहे तलाक के मामले, परिवार व्यवस्था खतरे में

अमरावती/दि.9– विगत कुछ समय से सोशल मीडिया के कई दुष्परिणाम सामने आ रहे है. जिसमें से सबसे प्रमुख दुष्परिणाम तलाक के बढते मामलों को कहा जा सकता है. यदि यह ऐसे ही चलता रहा, तो इसकी वजह से परिवार व्यवस्था के खतरे में आने की पूरी संभावना है.
उल्लेखनीय है कि, सोशल मीडिया के कुछ फायदे भी है, लेकिन सोशल मीडिया का अतिप्रयोग अब तकलीफदेह होने लगा है. सोशल मीडिया पर आने वाली अनावश्यक खबरों के चलते मानसिक तनाव बढ रहा है. साथ ही दो समुदायों के बीच तनाव एवं विरोध निर्माण करने के लिए सोशल मीडिया सबसे बडा प्लेटफार्म बन गया है. कई लोगों को तो सोशल मीडिया पर हमेशा बने रहने का व्यसन ही लग चुका है और कई मामलों में मोबाइल, सोशल मीडिया व गैलरी पर रहने वाले लॉक भी तलाक के लिए कारणीभूत साबित हो रहे है. कई परिवारों में हम दो हमारे दो पर जोर दिया जाता है और एकल परिवारों वाले पति-पत्नी के बीच विवाद वाली स्थिति बन जाती है.
* पहली तिमाही में ही 100 तलाक
जारी वर्ष के पहले तीन माह के दौरान ही 100 के आसपास मामलों में ंसंबंधित पक्षकारों के तलाक मंजूर किये गये. ऐसी पूरक जानकारी दी गई है. इन दिनों म्यूचल तलाक की ओर दम्पतियों का रुझान बढ गया है.
* 90 फीसद मामलों में तलाक मंजूर
पारिवारिक अदालत में पहुंचने वाले कुल मामलों में से करीब 90 फीसद मामलों में तलाक मंजूर हो जाता है. इसमें से अधिकांश मामलों में आपसी सहमति से तलाक को मंजूरी दी जाती है और अधिकांश मामले आपसी सामंजस्य से ही निपट जाते है.
* कितने मामलों में हुआ समझौता
गत वर्ष अदालत में दाखिल हुए 48 मामलों में आपसी विवाद को हल करते हुए संबंधित दम्पतियों को दोबारा एकसाथ रहने हेतु मनाने में अदालत को सफलता मिली और अदालत ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर साथ रहने हेतु मना लिया.
* तलाक के लिए इन कानूनों का आधार
तलाक के लिए कुछ विशिष्ट कारणों के लिए अदालत ने मान्यता दी है. जिन्हें कानूनी आधार कहा जाता है. इन कारणों में व्याभिचार, क्रूरता, परित्याग, मानसिक अथवा शारीरिक बीमारी तथा 7 वर्ष से अधिक समय से किसी एक पक्ष के लापता रहने जैसी वजहों का समावेश होता है.
* संबंध टूटने के पीछे प्रमुख वजह
– सोशल मीडिया पर ज्यादा समय
सोशल मीडिया के अतिप्रयोग की वजह से वैवाहिक संबंध संदेह के घेरे में आते है और संवाद कम होता है.
– विवाहबाह्य संबंध
जब कोई जोडीदार अपनी लैंगिक या शारीरिक जरुरतों को पूरा करने के लिए नाते संबंध से बाहर जाता है, तब उसके विवाहबाह्य संबंध रहने के चलते वैवाहिक रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है.
– संवाद का अभाव
संवाद यह विवाह का सबसे महत्वपूर्ण घटक है. अच्छा संवाद विवाह के लिए मजबूत नींव तैयार करने में सहायता करता है. साथ ही विवाहित जोडे के एकत्र रहते समय हर तरह का संवाद होना बेहद जरुरी होता है.