अमरावतीमहाराष्ट्र

एक माह की फीस न भरने पर दूसरी कक्षा की छात्रा को परीक्षा से रखा वंचित

छात्रा के पिता का ज्ञानमाता हाईस्कूल के फादर पर आरोप

* शिकायत के बाद फर्जी हस्ताक्षर कर फादर आरोग्य स्वामी ने शिक्षणाधिकारी को भेजी झूठी रिपोर्ट
* पत्रकार परिषद में भारतीय दलित पैंथर के राजेश श्रीवास व छात्रा के पिता का आरोप
अमरावती/दि.12– ज्ञानमाता हाईस्कूल में दूसरी कक्षा में पढनेवाली अलविना राहीस इनामदार को एक माह की फीस अदा न करने पर शाला के फादर आरोग्य स्वामी द्वारा परीक्षा में न बैठने देने और पिता के साथ अश्लील भाषा में गालीगलौच कर शाला से खदेडकर अपमानित करने बाबत शिकायत भारतीय दलित पैंथर के विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष राजेश श्रीवास द्वारा शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक) को करने के बाद इस फादर ने शिक्षणाधिकारी को शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर कर झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप करते हुए अलविना इनामदार के पिता और दलित पैंथर के राजेश श्रीवास ने मामले की गहन जांच कर फादर आरोग्य स्वामी पर जालसाजी और अनुसूचित जाति, जनजाति कानून के तहत मामला दर्ज करने की मांग आज यहां आयोजित पत्रकार परिषद में की.
पत्रकार परिषद में भारतीय दलित पैंथर के विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष राजेश श्रीवास ने बताया कि, उनके पास राहीस इनामदार द्वारा उसकी बेटी अलविना को लेकर ज्ञानमाता हाईस्कूल के फादर आरोग्य स्वामी बाबत शिकायत प्राप्त हुई थी. अलविना राहीस इनामदार ज्ञानमाता हाईस्कूल में दूसरी कक्षा में पढती है. एक माह की फीस के लिए अलविना के पिता को फादर ने निचले स्तर पर बातचीत कर अपमानित किया. साथ ही परीक्षा में भी बैठने नहीं दिया. फादर का कहना था कि, बच्चों की फीस नहीं भर सकते तो उसे नि:शुल्क शिक्षा देनेवाली जिला परिषद अथवा मनपा की शाला में पढाना चाहिए. साथ ही अलविना के पिता को फादर ज्योत्सलीन ने भी इसी तरह अपमानित किया. राजेश श्रीवास ने आरोप किया कि, ज्ञानमाता हाईस्कूल में नर्सरी से चौथी तक एक से डेढ लाख रुपए डोनेशन लेकर प्रवेश दिया जाता है. यहां दलालो के माध्यम से शाला में एडमिशन के नाम पर करोडो रुपए कमाए जाते है. लेकिन जो लोग पैसे नहीं दे सकते ऐसे लोगों के पाल्यो को एडमिशन नहीं दी जाती. एक कक्षा में 40 से 50 विद्यार्थी बैठाने की बजाए 80 से 100 विद्यार्थी बैठाए जाते है. इस शाला में शिक्षा के नाम पर व्यवसाय किया जाता है. अलविना को फीस के अभाव में परीक्षा में न बैठनेबाबत शिकायत शिक्षणाधिकारी के पास करने के बाद इस मामले को रफादफा करने के लिए फादर आरोग्य स्वामी ने शिक्षणाधिकारी को झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत की. उस रिपोर्ट में राजेश श्रीवास और राहीस इनामदार के नाम लिखा गया कि, उन्होंने गलत जानकारी के आधार पर शिकायत की थी. वास्तविक रुप से अलविना को परीक्षा में बैठने भी दिया और वह परीक्षा उत्तीर्ण भी हुई. जबकि ऐसा कुछ नहीं था. फादर आरोग्य स्वामी द्वारा किसी कर्मचारी के हाथों ऐसा लिखवाकर रिपोर्ट शिक्षणाधिकारी को प्रस्तुत की गई. अलविना के पिता ने और भारतीय दलित पैंथर के राजेश श्रीवास ने इस प्रकरण की गहन जांच कर फादर आरोग्य स्वामी के खिलाफ जालसाजी सहित पिछडावर्गीय अनुसूचित जाति-जनजाति अंतर्गत मामला दर्ज करने की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

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