अमरावती

विधान परिषद के लिए महाविकास आघाडी व भाजपा के बीच कडी टक्कर

कल होगा पांच सीटों के लिए मतदान

अमरावती प्रतिनिधि/दि.३०– राज्य में एक वर्ष पूर्व महाविकास आघाडी की सरकार आने के बाद पहली बार चुनावी मैदान में महाविकास आघाडी और भाजपा के बीच विधान परिषद सीटों के चुनाव को लेकर जंग छिडी हुई है. विगत एक माह तक चले प्रचार और आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बाद कल प्रचार तोपे शांत हो गयी और अब मंगलवार 1 दिसंबर को विधान परिषद की पांच सीटों के लिए संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदान होना है. जिसकी मतगणना बुधवार 3 दिसंबर को होगी. ऐसे में प्रचार के अंतिम दिन रविवार को हर निर्वाचन क्षेत्र में सभी प्रत्याशियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी प्रचार के अंतिम दिन मैदान में उतरे.
बता दें कि, विधान परिषद की पांच सीटों के लिए अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, पुणे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, मराठवाडा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र तथा पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव करवाये जा रहे है. इन सभी सीटों पर राज्य के सत्ता पक्ष यानी महाविकास आघाडी और प्रमुख विपक्षी दल यानी भाजपा द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे गये है. इसके अलावा अन्य कई संगठनों के प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में है, लेकिन मुख्य भिडंत महाविकास आघाडी व भाजपा के बीच होना तय माना जा रहा है.
ज्ञात रहे कि, अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाडी द्वारा शिवसेना की ओर से प्रा. श्रीकांत देशपांडे को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं भाजपा की ओर से डॉ. नितीन धांडे यह चुनाव लड रहे है. इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 27 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है. इस निर्वाचन क्षेत्र में दोनों प्रमुख दावेदारों की ओर से संबंधित दलों के कद्दावर राजनेताओं ने दौरे करते हुए प्रचार सभाओं व संवादसभाओं को संबोधित किया है. साथ ही मतदाताओं तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपनी बात पहुंचायी गयी है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि, अमरावती संभाग के शिक्षक किस उम्मीदवार के हक में अपनी पहली पसंद का मतदान करते है.
वहीं दूसरी ओर नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक अनिल सोले का पत्ता काटते हुए महापौर संदीप जोशी को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने एड. अभिजीत वंजारी को टिकट दी है. इन दोनों के अलावा वंचित बहुजन आघाडी के राहूल वानखेडे, विदर्भवादी आंदोलन के नितीन रोंघे तथा निर्दलीय प्रा. प्रशांत डेकाटे व अतुलकुमार खोब्रागडे भी चुनावी मैदान में है. नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र को भाजपा का मजबूत गढ माना जाता है. जिसके चलते मूलत: नागपुर निवासी केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस तथा पूर्व उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले आदि नेताओं ने इस निर्वाचन क्षेत्र में जमकर अपनी ताकत झोंकी है. वहीं दूसरी ओर इस चुनाव में पहली बार कांग्रेस व राकांपा के नेता एकजूट दिखाई दे रहे है.
उधर पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा ने संग्राम शिंदे को और महाविकास आघाडी ने अरूण लाड को अपना प्रत्याशी बनाया है. साथ ही संभाजी ब्रिगेड के श्रीमंत कोकाटे एवं मनसे की रूपाली पाटिल भी चुनावी मैदान में है. वहीं पुणे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाडी की ओर से राकांपा के जयंत आसगावकर को प्रत्याशी बनाया गया है. साथ ही भाजपा की ओर से जीतेंद्र पवार दावेदार है. वहीं मौजूदा शिक्षक विधायक दत्तात्रय सावंत इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में है. इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा व महाविकास आघाडी के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राकांपा सांसद सुप्रिया सुले सहित पार्टी प्रदेशाध्यक्ष व मंत्री जयंत पाटिल ने दोनों निर्वाचन क्षेत्रोें में अपने प्रत्याशियों की जीत हेतु चुनावी अभियान की कमान संभाल रखी है.
उधर मराठवाडा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाडी की ओर से राकांपा के मौजूदा विधायक सतीश चव्हाण एकबार फिर चुनावी मैदान में है. साथ ही भाजपा द्वारा शिरीष बोरालकर को प्रत्याशी बनाया गया है. यहां पर स्व. गोपीनाथ मुंडे के कट्टर समर्थक रमेश पोकले द्वारा बगावत कर दिये जाने से चुनाव को लेकर जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा बढ गयी है और आघाडी एवं भाजपा के बडे-बडे नेताओं ने इस निर्वाचन क्षेत्र में अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए जमकर ताकत झोंक रखी है.
अब मतदान की प्रक्रिया शुरू होने में केवल कुछ घंटों का समय शेष है और 24 घंटे बाद यानी मंगलवार 1 दिसंबर की शाम 5 बजे तक मतदान की प्रक्रिया खत्म भी हो जायेगी. जिसके बाद 3 दिसंबर से इन पांचों निर्वाचन क्षेत्रों में हुए मतदान की मतगणना शुरू होगी. जिसके पश्चात यह स्पष्ट होगा कि, नये राजनीतिक समीकरणों के साथ इस बार के विधान परिषद चुनाव में किस पार्टी व प्रत्याशी का पलडा भारी रहा.

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