अमरावती

कुपोषण से फिर दो महीने की बच्ची ने गवाई जान

15दिन में एक माता और एक दो माह की बाल मृत्यु से मेलघाट को लगा कलंक

चिखलदरा/ दि. 10- शनिवार को फिर से मेलघाट के सोनापूर गाव मे एक बालमृत्यू होने से मेलघाट में फिर खलबली मची हुई है. आखिर कब तक बालमृत्यु का सिलसिला चलता रहेगा. इन बालमृत्यु के पीछे जिम्मेदार कौन ? ऐसा प्रश्न बार- बार उठता जा रहा है.
शनिवार को हुई घटना की मिली जानकारी के मुताबिक
लक्ष्मी देवानंद दहिकर 22 साल सोनापूर गाव की रहने वाली एक लाचार मा ने विवश हो कर अपने दो माह के बच्चे को खो दिया है. हाल ही में दो माह पूर्व सोनापुर निवासी महिला ने एक नंन्ही बेटी को जन्म दिया था वज़न कम और कोपोषित थी . परिजनों द्वारा शुक्रवार को उसे नज़दीकी उपकेंद्र में उपचार के लिए भर्ती कराया गया कुछ वक्त गुज़रने के बाद डॉक्टरों ने उसे अचलपुर उपजिला अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी. रेफर के दौरान उस मासूम बच्ची की बीच रास्ते मे ही मौत हो गई . आज फिर से अपने एक बच्चे को खोने का दर्द ये सोया प्रशासन के सामने चुनौती बनकर सामने आया है दिन ब दिन मेलघाट में ऐसी घटनाएं बढ़ती जारही है. गरीब लाचार लोंगो पर अन्याय कब तक चलता रहेगा
शासन इन गरीब आदिवासी जनता के नाम पर कई लाखो का उपक्रम चलाती है फिर भी मेलघाट मे कुपोषण, बालमृत्यु की घटनाएं रुकने का नाम नही ले रही है . हाल ही में हुई माता मृत्यु पर भी अब तक कोई ठोस कार्यवाही नही की गई जिसे बस हार्ट की प्रॉब्लम होने की पुष्टि से बात को रफा दफा करदी गई. आखिर क्या वजह है कि
सोनापुर गांव में आरोग्य उपकेंद्र रहने के बावजुद और वहा आरोग्य कर्मचारी, समुदायिक आरोग्य अधिकारी ये डॉक्टर के पद मे रहने के बावजुद आरोग्य उपकेंद्र सरकारी अस्पताल में ये गरीब आदिवासी लोग इलाज के लिये तयार नही है ये आरोग्य कर्मचारी के बारे मे कितनी बडी दुख की बात है. बच्चे के नाना का कहाना है की सरकारी अस्पताल में किसी भी प्रकार का इलाज नही होता है. यहाँ के डॉक्टर सिर्फ नाम के लिये आते और अपना पगार महिने मे उठाते है. ऐसा आरोप परिजनों ने लगाया है. साथ हि नागरिको ने आरोप लगाया है कि सोनापुर का उपकेंद्र सिर्फ आरोग्य सेविका के भरोसे चलता है उपकेंद्र मे सिर्फ आरोग्य सेविका रहती है और वही सब छोटे बच्चों से लेकर बडे पेशंट का इलाज करती है. फिर यहा नाम के समुदायिक आरोग्य अधिकारी किसके भरोसे और किसके आशीर्वाद से पगार उठा रहे है. ऐसे सी एच् ओ के उपर सम्बंधित अधिकारियो का हाथ रहने की वजह से इस उपकेंद्र में मराीजों के साथ खिलवाड हो रहा है. ऐसा आरोप लगाते हुए दुख में डूबी माँ ने अपनी आप बीती बयान की है.कई स्थानों पर आरोग्य सेविका ही प्रसूती करती है ,मरिजोको दवा भी आरोग्य सेविका ही देती है. यहा डॉक्टर
समुदायिक आरोग्य अधिकारी 12 बजे आते है और 2 बजे घर वापसी पर चले जाते है . जबकि शासन द्वारा समुदायिक आरोग्य अधिकारी का टाइम् सुबह के 8 बजे से शाम के 5.30 बजे तक होता है कभी कभार किसी बड़े अधिकारी या किसी नेता का दौरा इस मार्ग पर आजाने से दिखावे के तौर पर स्थायी रहने पर भी डॉक्टर स्थायी लोगो को कोई सुविधा इलाज की नही देते है. ऐसी लापरवाही की वजह से मेलघाट मे बालमृत्यु और मातमृत्यु आएदिन बढ रही है.

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