* लुप्त होती महाराष्ट्र की संस्कृति में जागरूकता का प्रयास
अमरावती/दि.30– महाराष्ट्र की लुप्त होती संस्कृति को जागरुक करने के प्रयासों के तहत स्थानीय शारदा नगर स्थित डागा कोचिंग क्लासेस में शिव और पार्वती के रुप में भुलाबाई की स्थापना की गई. डागा कोचिंग क्लासेस के इस अभिनव उपक्रम में विद्यार्थी बडी संख्या में शामिल हुए.
हमेशा विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक के साथ-साथ धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम लिए जाते हैं. महाराष्ट्र में प्राचीन संस्कृति से भुलाबाई यह कार्यक्रम मनाते हैं. पहले 15 दिन मतलब नवरात्र से लेकर माड़ी पूर्णिमा तक यानी कोजागिरी पूर्णिमा तक 15 दिन शिवजी और पार्वती के रूप में भुलाबाई की स्थापना की जाती थी. 15 दिन रोज घर की बेटियां अपनी सहेलियों के साथ शाम में दिया लगाकर गाने गाती थी और अपनी मां रोज नए-नए पकवान बनाके डिब्बा बंद करके देती थी. गाने गाना होने के बाद व्यंजन पहचानने की लड़कियों के सामने चुनौती रहती थी. पकवान पहचान के बाद खाउ वाटप होता था. लेकिन बदलते समय के हिसाब से धीरे-धीरे 5 दिन की और अब सिर्फ एक ही दिन कोजागिरी पूर्णिमा के दिन भुलाबाई की स्थापना की जाती थी. परंतु यह कार्यक्रम सिर्फ छोटे गांव तक देखने मिल रहा बड़े शहरों में भुलाबाई की संस्कृति पूरी तरह लुप्त होते दिख रही है. आज के पीढ़ी के लड़कियों को भुलाबाई और उनके गाने गाना यह कुछ भी पता तक नहीं यह सब ख्याल में लेते हुए डागा कोचिंग क्लासेस की संचालिका वनिता गिरीश डागा ने अपने ही क्लासेस की लड़कियों में भूलाबाई के बारे में जागरूकता लाने के लिए रविवार 29 अक्तूबर को अपने ही निवास स्थान पर शारदा नगर में शाम 4 बजे से भुलाबाई के कार्यक्रम का आयोजन किया. इस आयोजन में सभी काम कोचिंग के छात्राओं द्वारा करवाए गए.
सर्वप्रथम छात्राओ ने शिव पार्वती स्वरूप भुलाबाई की स्थापना कर हल्दी कुमकुम लगाकर पूजा की. उसके बाद वनिता डागा ने सभी छात्राओं को भूलाबाई के गानों की एक-एक किताब भेंट देकर सामूहिक गानों का आयोजन किया. पहेली ग पूजा बाई देवा देवा सहादेव, ऐक नींबू झेलू बाई दोन नींबू झेलू , चांदन्या रात्रि भुलाबाई जागवल्या ऐसे गीत गाए. प्रा.रोशनी मेहरे और मास्टर पूर्वेश डागा ने कुछ मनोरंजनात्मक सवाल जवाब पूछे और हौजी गेम खेलवाया सभी विजेताओं को ब्रिजलाल बियानी कॉलेज के प्रा. डॉ. गिरीश नंदकिशोर डागा के हाथों से गिफ्ट बांटे गए. कार्यक्रम पश्चात सभी ने गरमा गरम नाश्ता एवं कोजागिरी के दूध का लुप्त उठाया.
इस अनूठे कार्यक्रम में डागा कोचिंग क्लासेस की संचालिका वनिता गिरीश डागा, शकुंतला डागा, राठी एजुकेशन हब की संचालिका संगीता राठी,गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज की प्रा.नम्रता राठी, नारायणदास लड्ढा हायस्कूल की पर्यवेक्षिका ज्योति करवा, नैना पटेल, सोनाली देशमुख, पंजाबराव देशमुख इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रा.रोशनी मेहरे, दिशा डागा,आचल रामटेके, देवाश्री चांडक, मीनल टावरी, अन्वी राठी और क्लासेस की छात्राओं में वैभवी किल्लेदार, अंशिका वर्मा, माही चांडक, धनाश्री काले, रसिका चौखाट, साक्षी कचवे, मयूर धंधे, खुशी डोलस, अनुष्का बुरघटे, गुरनीत बग्गा, श्रद्धा पांडे, महक यादव, जसप्रीत कौर, जाहन्वी ठाकुर, ऐश्वर्या नंदूरकर, खुशी पनपलिया, स्नेहल पट्टे, सुरभि अलासपुरे, दिव्यांशी पाराशर, श्रुति बिंद, रिद्धिमा गंथड़े, , अमृता भगत, हर्षा भोजवानी, नियति सोनी, डिंपल बुंदेले , गायत्री अंबुलकर, राधा पिंजनी, तनिषा हुकरे, प्रगति जलके, अपेक्षा गावंडे, वेदिका गोसावी, समृद्धि भेंडे, अनुष्का वानखेड़े, भूमि सिरवानी, ईश्वरी बंड इत्यादि छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम सफल बनाने के लिए वनिता डागा, रोशनी मेहरे, नैना पटेल, ज्योति ब्रम्हे इत्यादियों ने अथक परिश्रम किया. अंत में डागा क्लासेस की ओर से सभी छात्रों का आभार व्यक्त किया.