अमरावतीमुख्य समाचार

एक मतदाता को एक ही निर्वाचन क्षेत्र में मतदान का अधिकार

सेवा सहकारी व ग्रापं तथा अडत-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र पर पडेगा असर

* तीनों निर्वाचन क्षेत्रों मेें मतदाता घटने से गडबडाएगा समीकरण
* मतदाता सूची में एक से अधिक बार नाम रहने वालों को लगेगा झटका
अमरावती/दि.27 – कल 28 अप्रैल को अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति के चुनाव होने है. जिससे ऐन पहले 26 अप्रैल को राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण द्बारा एक आदेश जारी करते हुए कहा गया कि, मंडी के चुनाव में प्रत्येक मतदाता को किसी एक निर्वाचन क्षेत्र में ही मतदान करने का अधिकार रहेगा और एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम शामिल रहने वाले मतदाताओं को किसी एक निर्वाचन क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद किसी अन्य या दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने का अवसर नहीं मिलेगा. इस आदेश को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में नाम दर्ज रहने वाले मतदाताओं के लिए काफी बडा झटका माना जा रहा है. साथ ही इस आदेश के चलते मंडी चुनाव के समीकरण भी गडबडाते नजर आ रहे है.
उल्लेखनीय है कि, कई मतदाता ग्रामपंचायत सदस्य रहने के साथ ही गांव की सेवा सहकारी सोसायटी के संचालक भी है. ऐसे में उनके नाम दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज होते है. इसके साथ ही अडत-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र में एक ही फर्म के नाम पर अडत व खरीददार के दो अलग-अलग लाईसेंस होते है तथा प्रत्येक लाईसेंसधारक को बतौर मतदाता अडत-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया जाता है. परंतु नये आदेश के चलते अब सेवा सहकारी सोसायटी तथा ग्रापं निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूचियों में नाम दर्ज रहने वाले मतदाताओं द्बारा किसी एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए ही मतदान किया जा सकेगा. ठीक इसी तरह अडत-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र में अडत व खरीददार के दो लाईसेंस रहने वाली फर्म द्बारा किसी एक लाईसेंस के जरिए ही वोटींग की जा सकेगी और एक ही व्यक्ति या फर्म के नाम पर रहने वाले दूसरे लाईसेंस का वोटींग का अधिकार निरस्त हो जाएंगा. यदि ऐसा होता है, तो अडत व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र के 1053 मतदाताओं में से 81 मतदाता वोटींग से बाहर हो जाएंगे. जिनमें फल बाजार के 3, कपास बाजार के 5 तथा अनाज मंडी के 73 अडतों व खरीददारों का समावेश है. यह मंडी चुनाव के लिहाज से काफी बडी संख्या है. लगभग यहीं स्थिति सेवा सहकारी सोसायटी व ग्रामपंचायत निर्वाचन क्षेत्र में भी रहेगी. जहां पर कई मतदाताओं के नाम दोनों निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज है. इसके चलते तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों का गणित और समीकरण बुरी तरह से गडबडाने के पूरे आसार दिखाई दे रहे है.
बता दें कि, गत रोज राज्य सहकार निर्वाचन प्राधिकरण द्बारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, यदि फसल मंडी के चुनाव में यदि किसी मतदाता का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में एक से अधिक बार शामिल है, तो भी संबंधित मतदाता को किसी एक निर्वाचन क्षेत्र में ही मतदान करने का अवसर मिलेगा और वह किसी एक निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाने वाले संचालकों के लिए ही उस निर्वाचन क्षेत्र में अपने पसंदीदा प्रत्याशियों का चयन करने हेतु मतदान कर सकेगा. इस आशय का स्पष्ट निर्देश सहकार निर्वाचन प्राधिकरण द्बारा गत रोज स्पष्ट किया गया है. ऐसे में एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम शामिल रहने पर भी कोई मतदाता दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र में मतदान नहीं कर सकेगा.
मंडी चुनाव में एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में नाम शामिल रहने वाले मतदाताओं को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने का अधिकार दिया जाए अथवा नहीं इसे लेकर चुनाव प्राधिकरण से मार्गदर्शन मंगाया गया था. जिस पर स्पष्टीकरण देते हुए राज्य सरकार निर्वाचन प्राधिकरण द्बारा कहा गया है कि, किसी भी मतदाता को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने का अधिकार नहीं होगा. जिसका सीधा मतलब है कि, किसी मतदाता का नाम सेवा सहकारी सोसायटी निर्वाचन क्षेत्र तथा ग्रामपंचायत निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है, तो भी वह किसी एक निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाने वाले संचालकों के लिए ही मतदान कर सकेगा. इसी तरह यदि एक फर्म के नाम पर अडत और खरीददार ऐसे दो लाईसेंस है, तो उस फर्म को किसी एक लाईसेंस के जरिए ही मतदान करने का अधिकार होगा. साथ ही यदि किसी एक व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक फर्म व लाईसेंस है, तो उसे पहले उतने वोट डालने का अधिकार होता था. लेकिन अब एक से अधिक फर्म व लाईसेंस रहने वाला व्यक्ति भी एक बार ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेगा.
ऐन समय पर सहकार निर्वाचन प्राधिकरण द्बारा जारी किए गए इस आदेश के चलते सभी निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशियों व मतदाताओं के साथ ही सहकार क्षेत्र के नेताओं में अच्छा खासा हडकंप देखा जा रहा है. साथ ही इस फैसले का विरोध करना भी शुरु कर दिया गया है. ज्ञात रहे कि, सेवा सहकारी सोसायटी निर्वाचन क्षेत्र से 11 तथा ग्रामपंचायत निर्वाचन क्षेत्र से 4 संचालक चुने जाने है. यानि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को मतपत्रिकाओं पर 11 अथवा 4 प्रत्याशियों के नामों के समक्ष मतदान की चुनावी मुहर लगानी होगी और दो निर्वाचन क्षेत्रों में नाम शामिल रहने वाले मतदाता द्बारा किसी एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए ही मतदान किया जा सकेगा.

Related Articles

Back to top button