अमरावती की आरती मनवानी हुई पुणे में हादसे का शिकार
पैदल रास्ता पार करते समय तेज रफ्तार डम्पर ने मारी टक्कर
* मोबाइल पर बात करते हुए रोड डिवाइडर पार कर रही थी आरती
* पढाई व नौकरी के लिए दो साल से आरती थी पुणे में, कोथरुड परिसर में था रहना
* तीन-चार दिन घर पर रहकर परसों ही पुणे के लिए हुई थी रवाना, कल सुबह ही पहुंची थी पुणे
* पुणे पहुंचकर घर से कर्वे नगर के ऑफिस जाने के लिए निकली थी, तभी हुआ हादसा
* हादसे की जानकारी मिलते ही मनवानी परिवार हुआ पुणे रवाना
* आरती का पार्थिव लाया गया अमरावती, आज दोपहर हुआ अंतिम संस्कार
अमरावती/पुणे /दि.10- मूलत: अमरावती के रामपुरी कैम्प परिसर में रहने वाली आरती सुरेश मनवानी नामक 23 वर्षीय युवती गत रोज पुणे के कर्वे नगर परिसर में एक भीषण हादसे का शिकार हुई, जब कर्वे नगर परिसर में मोबाइल पर बात करते हुए पैदल ही रास्ता पार कर रही आरती मनवानी को एक तेज रफ्तार डम्पर ने जोरदार टक्कर मार दी. जिसके पहियों की चपेट में आकर आरती मनवानी बुरी तरह से कुचली गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुणे के अलंकार पुलिस स्टेशन के जरिए इस घटना की खबर मिलते ही अमरावती के रामपुरी कैम्प परिसर में रहने वाले मनवानी परिवार के सदस्य कल दोपहर तुरंत ही पुणे के लिए रवाना हुए. जहां पर आरती का शव पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद मनवानी परिवार के सुपुर्द किया गया. पश्चात मनवानी परिवार के सभी सदस्य आज तडके 4 बजे आरती का पार्थिव लेकर अमरावती के लिए रवाना हुए. जिनके अमरावती पहुंचने के बाद आरती मनवानी की अंतिम यात्रा निकालते हुए उसके पार्थिव पर हिंदू मोक्षधाम में अंतिम संस्कार करने की तैयारी की जा रही थी.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक रामपुरी कैम्प में आनंद बे्रकरी के सामने रहने वाले तथा लोहे की वस्तुओं की मैन्यूफैक्चरिंग करने वाले सुरेशकुमार मनवानी की छोटी बेटी आरती उर्फ सारिका मनवानी विगत दो वर्षों से पुणे में रहते हुए अपनी पढाई व नौकरी कर रही थी. विगत सप्ताह आरती पुणे से अमरावती पहुंची थी और 3-4 दिन अपने घर परिवार में रहने के बाद परसों मंगलवार 8 अक्तूबर की शाम को ही अमरावती से रवाना होकर बुधवार 9 अक्तूबर की सुबह पुणे पहुंची थी. जहां पर कोथरुड के भेलके नगर स्थित एरंडे होस्टल में आरती का रहना था. अपने होस्टल पर पहुंचने के बाद आरती मनवानी फ्रेश होकर सुबह 11 बजे के आसपास कर्वे रोड परिसर पहुंची. जहां पर उसकी कंपनी का ऑफिस था. यहां बस से उतरने के बाद वह मोबाइल पर बात करते हुए रास्ता पार कर रही थी और जैसे ही उसने मोबाइल पर बात करते-करते रोड डिवाइडर को पार किया. वैसे ही सामने से आ रहे तेज रफ्तार डम्पर ने आरती मनवानी को जोरदार टक्कर मार दी और आरती मनवानी उसी डम्पर की चपेट में आ गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे के वक्त पूरा ध्यान मोबाइल पर हो रही बातचीत में रहने की वजह से सामने से आ रहे डम्पर की ओर आरती मनवानी का ध्यान ही नहीं गया और वह उस उम्पर को देख ही नहीं पायी. हादसे के बाद डम्पर चालक अपने वाहन सहित मौके से भागने लगा, तो परिसर में मौजूद कुछ लोगों ने अपने वाहनों के जरिए उस डम्पर का पीछा करते हुए उसे रुकवाया. जिसके बाद उलंकार पुलिस के दल ने साकीम अंसारी (31, झारखंड) नामक वाहन चालक को हिरासत में लेते हुए घटनास्थल का पंचनामा कर आरती मनवानी के शव को पोस्टमार्टम हेतु पुणे के ससून अस्पताल के शवागार में भिजवाया. साथ ही अलंकार पुलिस स्टेशन की वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनीता रोकडे व अन्य पुलिस कर्मियों ने शव के साथ बरामद हुए दस्तावेजों के आधार पर आरती मनवानी की शिनाख्त करते हुए उसके मोबाइल के जरिए मिले नंबरों के आधार पर उसके परिचितों व परिजनों को इस हादसे के बारे में सूचित किया.
जानकारी के मुताबिक पुणे पुलिस के जरिए इस हादसे के बारे में जानकारी मिलते ही आरती के पिता सुरेश मनवानी ने मुलत: अमरावती के रामपुरी कैम्प परिसर से ही वास्ता रखने वाले तथा विगत कई वर्षों से पुणे के हडपसर परिसर मेें रह रहे परसराम प्रतापराय आहूजा (65) को इस बारे में सूचित किया. जिन्होंने तुरंत ही ससुन अस्पताल पहुंचकर आरती मनवानी की शिनाख्त की और अलंकार पुलिस थाने पहुंचकर इस हादसे को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई. जिसके बाद अमरावती से रवाना हुए मनवानी परिवार के सदस्यों के पुणे पहुंचने तक परसराम आहूजा ससुन अस्पताल में ही बने रहे. अमरावती से रवाना हुए मनवानी परिवार के सदस्य बीती रात करीब 11.30 बजे के आसपास पुणे पहुंचे. जिसके पश्चात रात करीब 2 बजे आरती मनवानी के शव का पोस्टमार्टम किया गया और इसके उपरान्त सुबह करीब 4 बजे के आसपास एक एम्बुलेंस में आरती मनवानी के शव को रखते हुए अन्य दो वाहनों के जरिए मनवानी परिवार के सदस्य पुणे से अमरावती हेतु रवाना हुए. जहां पर दोपहर बाद मनवानी परिवार के सदस्यों के पहुंचने पर आरती मनवानी की अंतिम यात्रा निकाली गई और स्थानीय विलासनगर परिसर स्थित मोक्षधाम में आरती के पार्थिव पर अंतिम संस्कार किये गये.
* संयुक्त परिवार की सदस्य थी आरती
– करीब 10 वर्ष पहले सिर से हटा था मां का साया
पता चला है कि, रामपुरी कैम्प में आनंद बेकरी में रहने वाले सुरेश मनवानी के परिवार में कुल 4 भाई है. जिनमें सुरेश मनवानी सहित किशोर मनवानी, दिनेश मनवानी व दीपक मनवानी का समावेश है और चारों भाईयों का परिवार आज भी संयुक्त परिवार के तौर पर एक ही छत के नीचे रहता है. सुरेश मनवानी की दो बेटियां है. जिसमें से बडी बेटी का कुछ वर्ष पहले रायपुर में विवाह हो चुका है. वहीं सुरेश मनवानी की पत्नी का करीब 10-12 वर्ष पहले निधन हो जाने के चलते आरती व उसकी बडी बहन के सिर से काफी पहले मां का साया हट गया था.
* हंसते-खेलते परिवार पर टूटा दुखों का पहाड
बता दें कि, रामपुरी कैम्प परिसर में रहने वाले सुरेश मनवानी की बडी बेटी का कुछ समय पहले विवाह हो गया था और वह रायपुर स्थित अपने ससुराल में राजी-खुशी रह रही है. वहीं अपना ग्रेज्यूएशन पूरा करने के बाद छोटी बेटी आरती मनवानी को पुणे की एक निजी कंपनी में नौकरी मिल गई थी. जहां पर अपना जॉब करते हुए आरती मनवानी अपना हायर एज्यूकेशन भी पूरा कर रही थी. साथ ही साथ परिवार में आरती के शादी-ब्याह को लेकर भी चर्चाएं चलनी शुरु हो गई थी. इसके अलावा सुरेश मनवानी सहित उनके अन्य तीनों भाईयों का कामकाज व व्यवसाय भी अच्छा खासा चल रहा था. जिसके चलते परिवार में हंसी-खुशी का माहौल था. इसी बीच पिछले सप्ताह ही आरती मनवानी पुणे से अमरावती आयी थी और अपने परिवार के बीच तीन से चार दिन हंसते-खेलते बिताने के बाद दो दिन पहले ही मंगलवार 8 अक्तूबर की शाम अमरावती से पुणे के लिए रवाना हुई थी. उस समय परिवार के सदस्यों ने बडे राजी-खुशी तरीके से आरती को रवाना करते हुए विदाई दी थी. परंतु उस समय किसे पता था कि, यहीं विदाई आरती के लिए परिवार की अंतिम विदाई होगी. क्योंकि अगले दिन सुबह पुणे पहुंचने के बाद अपने ऑफिस जाते समय आरती मनवानी एक सडक हादसे का शिकार हो गई. जिसकी खबर मिलते ही मनवानी परिवार पर दुखों का पहाड टूट पडा.
* पुणे में मनवानी परिवार के लिए मददगार साबित हुए परसराम आहूजा
दैनिक अमरावती मंडल को यह जानकारी देते हुए पुणे निवासी परसराम आहूजा ने बताया कि, इस हादसे में आरती मनवानी का शरीर बुरी तरह से क्षतविक्षत हो गया था और हादसे के बाद पुलिस द्वारा लिये गये घटनास्थल के फोटो भी देखने लायक नहीं थे. जिसके चलते उन्होंने अपने मोबाइल पर आये उक्त हादसे से संबंधित सभी फोटोज को डिलीट कर दिया. साथ ही परसराम आहूजा ने यह भी कहा कि, अमरावती में उनका और मनवानी परिवार के घर बिल्कुल अडोस-पडोस में ही है और उन्होंने आरती मनवानी को उसके बचपन से देखा है. आरती बचपन से ही काफी मेहनती व कुशाग्र बुद्धि वाली लडकी रही. जिसके साथ इस तरह की घटना घटित होना उनके लिए भी काफी कष्टदायक है. मनवानी परिवार को पुणे में उनकी ओर से मिली सहायता के बारे में पूछे जाने पर परसराम आहूजा ने कहा कि, सौभाग्य से वे इस समय पुणे में है अत: उन्होंने अपनी ओर से जो कुछ भी बन पडा, वह अपने पडोसी परिवार के लिए किया. यह कोई सहायता नहीं, बल्कि एक तरह से उनका कर्तव्य ही था.