महिला दिवस पर अभिनंदन पेंढारी मित्र मंडली ने किया महिलाओं का सत्कार

अमरावती/ दि. 13– महिलाओं के अधिकारों, समानता को बढ़ावा देने और उनके काम और योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. अभिनंदन पेंढारी मित्र मंडल की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित कर सुमेधा बारलिंगे, नीता सावदे और दीप्ति कालमेघ को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया.
श्रीमती नीता सवादे ने बहादुरी से स्थिति का सामना किया और अपने खेत पर ध्यान देकर लगन से काम किया. कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों, विभिन्न सरकारी योजनाओं, कृषि मार्गदर्शन प्रशिक्षण, मेलों आदि की जानकारी प्राप्त कर महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सफलतापूर्वक कार्य किया . सुमेधा सुभाष बारलिंगे कई महिला मंडलों में अग्रणी हैं और उन्होंने अमरावती वेटरन्स के माध्यम से खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं. प्रसिद्ध महिलाओं की उपलब्धियों पर और नोबेल पुरस्कार विजेता महिलाओं के कार्यों पर अमृत कण ने लेखों की एक श्रृंखला शुरू की है. दीप्ति आशीष कालमेघ ने उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता. उनके शानदार प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए, अभिनंदन पेंढारी ने उनका सत्कार का आयोजन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षा नर्मदाबाई सावदे थीं तथा मुख्य अतिथि अनिलजी सुराणा, दीपक हुंडीकर, मिलिंद बाबल, सुरेश रतावा, पुरूषोत्तम मुंदड़ा, अजय कोलपकर थे. कार्यक्रम के आयोजक अभिनंदन पेंढारी ने अपने परिचयात्मक भाषण में महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और सत्कार मूर्ति के कार्यों का ग्राफ प्रस्तुत किया और उनकी उपलब्धियों की सराहना की, जिसके बाद सत्कार मूर्ति नीता सावदे, सुमेधा बारलिंगे, दीप्ति कालमेघ को अभिनंदन पेंढारी और अतिथियों ने गुलदस्ता, मोती की माला और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर दीपक हुंडीकर, अनिल सुराणा, सुरेश रतावा, मिलिंद बाबल, प्रोफेसर बाबूराव अंबोरे, प्रधानाध्यापिका श्रीमती सुषमा ताजने, अंजलि पाठक, वैशाली पावडे , अजय कोलपकर, पुरूषोत्तम मुंदडा ने अपने भाषण में महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि सभी को सत्कर्ममूर्ति के योगदान पर ध्यान देना चाहिए और उनके काम से प्रेरणा लेनी चाहिए। सत्कार मूर्ति नीता सावदे, मैंने जो काम किया उसमें मुझे अपने ससुर और सास से बहुमूल्य मार्गदर्शन और समर्थन मिला, मैंने दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और कड़ी मेहनत के साथ अपनी यात्रा शुरू की. मुझे सरपंच पद पर रहते हुए सरकार की ओर से जीजामाता कृषिभूषण पुरस्कार मिला और कहा कि आज आपके द्वारा दिए गए सम्मान से मुझे इस कार्य के लिए नई ऊर्जा मिली है. सुमेधा बारलिंगे ने अपने मन की बात बताते हुए सामाजिक कार्यों में अपना अनुभव बताया और अभिनंदन पेंढारी मित्र मंडल के सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए लेखन के प्रति अपने जुनून के कारण विभिन्न रचनाएँ लिखने का इरादा व्यक्त किया. दीप्ति कालमेघ ने दर्शकों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी नेत्र दीपक की सफलता के बारे में बताया.् कार्यक्रम का संचालन अभिनंदन पेंढारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन महेंद्र देशमुख ने किया इस अवसर पर ज्योति राजेंद्र बनसोड, डिंपल खोडके,सुषमा ताजने उत्कर्षा बनसोड,जयताई सावदे,मोहिनी काले, मीना भेलांडे,मीना मालोदे, गौरीताई कालमेघ, कुंदाताई अनासने, वैशाली पावड़े, सुरेश धावड़े, संजय जैन, मनीष पावड़े, राधेश्याम यादव, नितिन बन्नोरे,आशीष कालमेघ, सुभाष बारलिंगे, प्रमोद काले, प्रीतेश दलवी, अजय कोलपकर उपस्थित थे.