अमरावतीमहाराष्ट्र

लडकपन से ही संघर्ष किया अभिषेक कडू ने

सब्जियां बेचने के बाद अब फलों का धंधा

* सुबह 8 से रात 10 बजे तक देते सेवा
अमरावती/दि.30-रवि नगर चौक पर फलों के ठेले लगानेवाले अनेक हैं. उनमें अभिषेक सुधाकर कडू भी दो तीन वर्षो से सीजनल फल लाकर बेच रहे हैं. अभिषेक को लडकपन से ही संघर्ष करना पडा है. उनके पिता सुधाकरराव का छोटी उम्र में ही निधन हो गया था. अभिषेक को उनकी माताजी माया कडू ने लोगों के घरों में रोटियां बनाने का काम कर पाला. अभिषेक को इस बात का बराबर अहसास है. अब तक अविवाहित अभिषेक अपनी माताजी का जीवन सुखमय करने के लिए प्रयासरत हैं.

* पहले बेची सब्जियां
कक्षा आठवीं तक ही पढ पाए. अभिषेक को मां की परिश्रम और संघर्ष की जिन्दगी के कारण जल्दी काम पर लग जाना पडा. अभिषेक ने सब्जी का ठेला लगाया. अनेक वर्षो तक गलियों में घूमकर और चौराहों पर सडक किनारे ठेला लगाकर सब्जियां बेचते अभिषेक को रविनगर क्षेत्र में हर कोई जानता है. सब्जियों का काम करते-करते अभिषेक ने फलों का काम शुरू कर दिया.

* सभी प्रकार के सीजनल फल उपलब्ध
अभिषेक के ठेले पर सभी प्रकार के मौसमी फल उपलब्ध रहते हैं. वह ग्राहक की अवस्था व जरूरत का भी ध्यान रखते हैं. केला, पपीता, चीकू, सेब, भुट्टा, अनार, आलू बुखारा और अन्य फल उपलब्ध रहते हैं. उन्हें सहेज कर रखना पडता है. उनके ताजे फल और उसके उचित दाम के कारण कई ग्राहक नित्य के हो गये हैं. बीमार लोगों को डॉक्टर्स फल खाने की सलाह देेते हैं. ऐसे लोगों को अभिषेक कडू न नफा न तोटा हिसाब से फल दे देते हैं. अभिषेक बताते हैं कि स्टोरेज की समस्या होने से कई बार फल खराब हो जाते हैं. नुकसान सहना पडता है.

* खोज रहे जीवन संगिनी
युवा अभिषेक भगवान में बडी श्रध्दा रखते र्हैं. रोज 8 बजे अपना फलों का ठेला सजाने से पहले वह पूजा पाठ और नित्य नियम करके आते हैं. होल सेलर्स को समय पर माल के दाम चुकाना उनका नियम हैं. जिससे उनकी साख बनी हुई है. अब 29 बरस के हो चले अभिषेक को जीवन संगिनी की तलाश है. अभिषेक कहते हैं कि उनकी माताजी को लेकर चले, उनका बराबर ध्यान रखें, ऐसी वधू वे चाहते हैं.

Related Articles

Back to top button