अमरावती/दि.1 – स्थानीय जिला व सत्र अदालत ने 26 अगस्त 2014 को जान से मारने के प्रयास में दर्ज धारा 307, 34 से आरोपी आबिद हुसैन को बाइज्जत बरी किया. आरोपी की ओर से एड. परवेज एम. खान ने पैरवी की.
दोषारोपपत्र के अनुसार 26 अगस्त को दो दोस्त आरंभ बार व रेस्टारेंट में खाना खाने गए थे. रात 10 बजे बार से निकलने पर दुपहिया के साथ ऑटो में सवार एक व्यक्ति ने बताया कि निचे कुछ गिरा है, दोनो दोस्त शराब के नशे में घायल व्यक्ति को आटो में बिठाया और जाने के लिए निकले उसी दौरान आरोपी आए और दोनो दोस्तो को पिटने लगे. पिटते-पिटते लेहगांव तक लाया. घायल स्वयं शिरखेड पुलिस थाने पहुंचा और शिकायत दर्ज करायी. आरोपी आबिद हुसैन और राजिक खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया. यह मामला जब अदालत में पहुंचा उसी दौरान राजिक खान की मृत्यु हो हुई. इसलिए आरोपी आबिद हुसैन के खिलाफ सुनवाई चली गवाहों की पहचान परेड ली गई. गवाहों ने आरोपी को पहचाना, सरकार की ओर से 7 गवाह उपस्थित किए गए.
सभी ने सरकार की ओर से गवाही दी और अपने बयान पर कायम रहे. पहचान परेड में आरोपी को पहचाने जाने से यह केस संदेह के आगे सिध्द हुई. बचाव पक्ष की ओर से एड. परवेज खान ने कोर्ट को बताया की घटना रात के समय की है इसलिए आरोपी व घायल की पहचान नहीं थी. केवल जानकारी के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया. पहचान परेड नियमानुसार नहीं हो सका. डॉक्टरों की जांच व बयान में विसंगती पायी गई. कोर्ट ने संदेह का लाभ देकर आरोपी को बरी किया. आरोपी की ओर से एड. परवेज खान ने पैरवी की. उन्हें एड. अनिल जयस्वाल, एड. वसीम शेख, एड. शहजाद शेख, एड. रियाज रुलानी, एड. अजहर नवाज ने सहयोग किया.